शरीर में कई तरह की समस्याओं और पोषक तत्वों की कमी के कारण पैरों में दर्द हो सकता है. पैरों में दर्द शरीर में मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन, विटामिन-बी12 इत्यादि की कमी हो सकती है. ऐसे में शरीर में इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा करना जरूरी है.

आज हम इस लेख में उन कारणों पर चर्चा करेंगे, जिनके चलते पैरों में दर्द होता है -

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  1. पैरों में दर्द के कारण
  2. सारांश
पैरों में दर्द किस विटामिन की कमी से होता है? के डॉक्टर

शरीर में पोषक तत्वों की कमी से पैरों में दर्द हो सकता है. इन पोषक तत्वों के बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है -

आयरन की कमी के कारण पैर दर्द

शरीर में आयरन की कमी से पैरों में दर्द, बेचैनीमांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो सकती है. रिसर्च में देखा गया है कि गर्भवती महिलाओं के शरीर में आयरन की कमी होने पर उन्हें रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की समस्या हो सकती है. ऐसे में आयरन युक्त आहार का सेवन जरूरी है. डॉक्टरों के मुताबिक, आयरन सप्लीमेंट लेने से रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के दर्द में सुधार किया जा सकता है. वहीं, आयरन थेरेपी लेने से भी रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है, जिसमें पैरों का दर्द भी शामिल है.

शरीर में आयरन की पूर्ति के लिए पालक, अनार, चुकंदरगाजर जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें. इस तरह का आहार आयरन से भरपूर होता है, जो आपके शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकता है. वहीं, आयरन सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर्स से सलाह जरूर लें, ताकि इसकी सही डोज पता चल सके, क्योंकि अधिक मात्रा में आयरन का सेवन भी शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है.

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विटामिन-डी की कमी के कारण पैर दर्द

शरीर में विटामिन-डी की कमी से न सिर्फ पैरों में दर्द होता है, बल्कि इसकी वजह से शरीर की मांसपेशियों में दर्द भी हो सकता है. क्लीनिकल स्लीप मेडिसिन के जर्नल में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, शरीर में विटामिन-डी की कमी होने से रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम की परेशानी हो सकती है.

एक अन्य शोध के मुताबिक, अधिकतर बच्चों के पैरों में दर्द का कारण शरीर में विटामिन-डी की कमी होती है. अध्ययन में पाया गया है कि अगर इस तरह के बच्चों को पर्याप्त रूप से विटामिन-डी युक्त आहार दिया जाए, तो उनके पैरों के दर्द को कम किया जा सकता है. शरीर में विटामिन-डी की पूर्ति के लिए रोजाना कुछ समय के लिए धूप में बैठें. इसके अलावा, फोर्टिफाइड दूध और अंडे की जर्दी जैसे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी शरीर में विटामिन-डी की कमी को पूरा किया जा सकता है.

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मैग्नीशियम की कमी के कारण पैर दर्द

मैग्नीशियम शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से एक है. यह शरीर में एनर्जी उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है. साथ ही मांसपेशियों में दबाव और नर्व्स ट्रांसमिशन में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाए, तो इस स्थिति में शरीर के कई अंगों में दर्द हो सकता है, जिसमें पैर दर्द भी शामिल है. शरीर में मैग्नीशियम की कमी के कारण पैरों के तलवों में ऐंठन, पैर क्रैम्प, मांसपेशियों में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है. कुछ लोगों को पीठ दर्द और गर्दन दर्द की परेशानी भी हो सकती है.

रिसर्च के मुताबिक मैग्नीशियम की कमी लेग सिंड्रोम का कारण बन सकती है. मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में पालक, साबुत अनाज, बीन्स, नट्स व बीज इत्यादि शामिल करें. प्रतिदिन हमारे शरीर को 310 से 420 मिलीग्राम मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है. ऐसे में मैग्नीशियम युक्त आहार को अपने डाइट में जरूर शामिल करें.

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विटामिन-बी12 की कमी के कारण पैर दर्द

शरीर में विटामिन-बी12 की कमी से भी पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है. दरअसल, विटामिन-बी12, रेड ब्लड सेल्स और नर्वस सिस्टम के कार्यों को बेहतर करने के साथ-साथ शरीर की अन्य महत्वपूर्ण गतिविधियों में अहम योगदान निभाता है. ऐसे में हर व्यक्ति को प्रतिदिन 2.4 माइक्रोग्राम मैग्नीशियम की आवश्यकता होती है. शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर पैरों में सुन्नपन, दर्द व झुनझुनी की शिकायत हो सकती है. ऐसे में शरीर में मैग्नीशियम को संतुलित रखना जरूरी है.

मैग्नीशियम की कमी को पूरा करने के लिए मीट, अंडे और सीफूड जैसे आहार को शामिल करना चाहिए. इस तरह के आहार मैग्नीशियम का बेहतर स्रोत होते हैं. वहीं, अगर आप शाकाहारी हैं, तो अपने आहार में बादाम, एवोकाडो, डार्क चॉकलेट, स्ट्रॉबेरी, दहीकद्दू के बीज इत्यादि को शामिल करें.

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फोलेट की कमी के कारण पैर दर्द

शरीर में फोलेट की कमी से रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम हो सकता है. फोलेट या फोलिक एसिड, शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बनाने में सहायक होता है. अगर शरीर में पर्याप्त रूप से रेल ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं होता है, तो यह एनीमिया का कारण बन सकता है, जिसकी वजह से पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है.

जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन वेबसाइट के मुताबिक, कुछ दवाएं, प्रेगनेंसी, शराब और असंतुलित आहार की वजह से शरीर में फोलेट की कमी हो सकती है. शरीर में फोलेट की कमी से पैरों में दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण दिख सकते हैं, जिसमें स्किन पीली पड़ना, भूख न लगना, चिड़चिड़ापन, थकानदस्त इत्यादि शामिल है. फोलेट की कमी को पूरा करने के लिए अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, राजमा व बादाम जैसी चीजों को शामिल करें.

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यह तो स्पष्ट हो गया कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण पैरों में दर्द की शिकायत हो सकती है. इसलिए, संतुलित आहार का सेवन करके शरीर में इन सभी पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है. इसके अलावा, मार्केट में मौजूद सप्लीमेंट्स से इन पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है. हालांकि, बिना डॉक्टरी सलाह के इन सप्लीमेंट का सेवन न करें, वरना इससे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है. वहीं, अगर आप पहले से किसी गंभीर स्थिति से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर ही अपनी डाइट में बदलाव करें.

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