पनीर एक भारतीय चीज़ है. यह कॉटेज चीज़ से थोड़ा अलग होता है. जहां पनीर को नींबू से बनाया जाता है. वहीं, कॉटेज चीज़ में नमक होता है. पनीर में कैल्शियमप्रोटीन भरपूर रूप से होता है. इसके अलावा, पनीर में कार्ब्स की मात्रा भी कम होती है. ऐसे में वजन घटाने के लिए पनीर का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन क्या यह डायबिटीज यानी शुगर रोगियों के लिए फायदेमंद होता है?

अगर आप डायबिटीज का आयुर्वेदिक इलाज जानना चाहते हैं, तो यहां दिए लिंक पर क्लिक करें.

जी हां, पनीर शुगर रोगियों के लिए अच्छा होता है. पनीर या कॉटेज चीज़ खाने से किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, क्योंकि पनीर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड कम होता है. ऐसे में शुगर के मरीज इसका सेवन पर्याप्त रूप से कर सकते हैं.

आज इस लेख में हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि शुगर से ग्रस्त मरीज को पनीर क्यों खाना चाहिए -

(और पढ़ें - शुगर का आयुर्वेदिक इलाज)

  1. शुगर में पनीर खाना चाहिए या नहीं
  2. पनीर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स
  3. शुगर में कैसे खाएं पनीर?
  4. सारांश
  5. डायबिटीज में पनीर खाएं या नहीं? के डॉक्टर

शुगर मरीजों के लिए पनीर का सेवन फायदेमंद हो सकता है. इसमें मौजूद पौष्टिक तत्व डायबिटीज की कई परेशानियों को दूर करने में प्रभावी हो सकते हैं. पनीर लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में शामिल हाेने के साथ-साथ इसमें कार्ब्स भी कम होता है. ऐसे में डायबिटीज से ग्रस्त मरीज पनीर का सेवन कर सकते हैं.

(और पढ़ें - शुगर की होम्योपैथिक दवा)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

पनीर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है. इतना ही नहीं, इसका ग्लाइसेमिक लोड भी कम होता है. इसका मतलब साफ है कि पनीर में कार्ब्स की मात्रा भी कम होती है. डायबिटीज रोगियों के लिए लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड फायदेमंद और सुरक्षित माना जाता है.

पनीर की कई अलग-अलग कैटेगरी होती हैं. ऐसे में हर पनीर में लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स हो, यह जरूरी नहीं होता है. ऐसे में मार्केट में पनीर खरीदते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें. द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के अनुसार विभिन्न प्रकार के पनीर में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) और ग्लाइसेमिक लोड (जीएल) अलग-अलग होता है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है -

  • चेडर चीज़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स शून्य और ग्लाइसेमिक लोड भी शून्य होता है.
  • लो फैट प्रोसेस्ड चीज़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10 और ग्लाइसेमिक लोड 2 होता है.
  • कम फैट कॉटेज चीज़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 10 और ग्लाइसेमिक लोड 1 होता है.
  • क्रीम चीज़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स शून्य और ग्लाइसेमिक लोड भी शून्य होता है.

(और पढ़ें - शुगर में क्या खाएं)

शुगर मरीजों के लिए पनीर का सेवन लाभकारी हो सकता है. इसका सेवन कच्चा और पकाकर दोनों ही रूपों में किया जा सकता है. हालांकि, कच्चे पनीर में फैट की मात्रा कम होती है, ऐसे में यह शुगर मरीजों के लिए अधिक लाभकारी है.

इसके अलावा, पनीर को अलग-अलग डिश में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. सब्जी व स्नैक्स के रूप में भी पनीर का सेवन किया जा सकता है. कच्चे पनीर में काली मिर्च या काला नमक डालकर इसका सेवन किया जा सकता है.

(और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज)

डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों के लिए पनीर का सेवन फायदेमंद हो सकता है. हालांकि, मार्केट में पनीर खरीदते समय इसकी क्वालिटी पर जरूर ध्यान दें. वहीं, जीआई और जीएल की मात्रा देखकर ही पनीर खरीदें. इसके साथ ही अगर शुगर लेवल काफी ज्यादा है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही पनीर का सेवन करें.

(और पढ़ें - डायबिटीज के लिए व्यायाम)

Dt. Vinkaljit Kaur

आहार विशेषज्ञ
6 वर्षों का अनुभव

Dt. khushboo fatima

आहार विशेषज्ञ
11 वर्षों का अनुभव

Dt. Priti Kumari

आहार विशेषज्ञ
2 वर्षों का अनुभव

Dt. Sonal jain

आहार विशेषज्ञ
5 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें