डायबिटीज में कई तरह की समस्याएं होने का खतरा रहता है. इन समस्याओं में पैरों में दर्द और ऐंठन भी शामिल हैं. यह समस्या नर्व डैमेज होने की वजह से होती है. नर्व डैमेज होने की स्थिति को डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है. दरअसल, जब डायबिटीज का समय पर इलाज न कराया जाए, तो शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है. ऐसे में नर्व डैमेज होने का खतरा रहता है. डायबिटीज में पैरों के दर्द को कम करने के लिए कुछ उपायों की मदद ली जा सकती है.

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आज इस लेख में आप डायबिटीज में पैर दर्द होने के कारण और इसके घरेलू उपायों के बारे में जानेंगे -

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  1. शुगर में पैरों में दर्द का कारण
  2. डायबिटीज में पैरों में दर्द की जटिलताएं
  3. शुगर से पैरों में दर्द के घरेलू उपाय
  4. सारांश
डायबिटीज में पैर दर्द होने के कारण व उपाय के डॉक्टर

डायबिटिक पेरिफेरल न्यूरोपैथी की वजह से पैर प्रभावित हो सकते हैं, जिसकी वजह से पैरों में दर्द की समस्या हो सकती है. डायबिटिक न्यूरोपैथी से प्रभावित हिस्सों में नसें कार्य करना बंद कर देती हैं या फिर ठीक से काम नहीं करती हैं. इसकी वजह से प्रभावित हिस्से में दर्द के साथ-साथ सुन्नपन और झुनझुनी भी महसूस हो सकती है.

डायबिटिक न्यूरोपैथी का अनुभव होना आगे गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है. इसकी वजह से पैरों में चोट और घाव जल्दी नहीं भरते हैं. साथ ही नसें पूरी तरह से डैमेज भी हो सकती हैं.

डायबिटिक न्यूरोपैथी होने पर तुरंत इलाज की जरूरत होती है, ताकि इसकी गंभीरताओं को कम किया जा सके. ऐसे में पैरों में दर्द, जलन और ऐंठन के लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने चाहिए, ताकि डायबिटिक न्यूरोपैथी की गंभीरता को कम किया जा सके.

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अगर डायबिटीज में पैरों के दर्द का इलाज समय पर न कराया जाए, तो यह गंभीर रूप धारण कर सकती हैं. पैरों में न्यूरोपैथी की स्थिति होने पर कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं, जैसे -

  • अंगों का डैमेज होना
  • अंगों में इन्फेक्शन
  • शरीर का संतुलन खोना

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डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण पैरों में दर्द और ऐंठन को कम करने के कई तरह के विकल्प हैं. पैर दर्द और ऐंठन को बढ़ने से रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव की जरूरत होती है. साथ ही कुछ  बातों का ध्यान रखकर आप पैरों में दर्द को कम कर सकते हैं. आइए, शुगर के कारण पैरों में होने वाले दर्द को कम करने के घरेलू उपाय जानते हैं -

हेल्दी डाइट लें

डाइट में संतुलित आहार को शामिल करें. इससे डायबिटिक न्यूरोपैथी में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है. आहार में हमेशा ऐसी चीजों को शामिल करें, जिससे ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सके. इससे नर्व डैमेज होने के खतरे को कम किया जा सकता है. हमेशा लीन प्रोटीनगुड फैट (ऑलिव ऑयलड्राई फ्रूट्सफिश), बिना स्टार्च वाली सब्जियांफल व साबुत अनाज को शामिल करें. इससे पैरों में दर्द और डायबिटीज में होने वाली अन्य समस्याओं को भी कम किया जा सकता है.

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विटामिन-बी12 सप्लीमेंट्स

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए मेटफोर्मिन दी जाती है. इस दवा की वजह से शरीर में विटामिन-बी12 की कमी होने का खतरा रहता है. नर्व्स को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन-बी12 और फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है. विटामिन-बी12 की कमी की पूर्ति के लिए नियमित रूप से जांच कराएं और विटामिन-बी12 सप्लीमेंट्स लें.

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एक्सरसाइज है जरूरी

डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षणों को कम करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार किया जा सकता है. इससे पैरों में भी ब्लड सर्कुलेट सही ढंग से होता है, जिसकी वजह से पैरों को पर्याप्त ऑक्सीजन व अन्य पोषक तत्व मिलते हैं.

ऐसे में पैरों में दर्द होने की आशंका और इसकी जटिलाओं को कम किया जा सकता है. बस ध्यान रखें कि डायबिटिक न्यूरोपैथी में हैवी एक्सरसाइज करने से बचें. नियमित रूप से हल्की-फुल्की एक्सरसाइज ही करें.

पैरों में दर्द की स्थिति होने पर हमेशा फीट फ्रेंडली एक्टिविटी का चुनाव करें. इसके लिए कुछ देर पैदल चल सकते हैं या फिर स्विमिंग कर सकते हैं. इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर भी अन्य गतिविधियों का चुनाव किया जा सकता है.

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नियमित पैरों की जांच

डायबिटीज से ग्रसित मरीज को नियमित रूप से पैरों की जांच करानी चाहिए, ताकि पैरों में होने वाले किसी भी तरह के बदलाव को देखकर इसका समय पर इलाज किया जा सके.

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गीले पैरों को सुखाएं

पैर गीले होने पर कई तरह की समस्याएं होने का खतरा रहता है. ऐसे में जब भी पैर गीले हों, तो उन्हें तौलिए की मदद से जरूर सुखाएं. इस दौरान सुनिश्चित करें कि पैरों की उंगलियों के बीज किसी तरह की नमी न हो. साथ ही पैरों को रोज अच्छी तरह से धोएं.

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आरामदायक फुटवियर

घर के अंदर और कहीं बाहर जाने के लिए हमेशा ऐसे फुटवियर पहनें, तो पैरों को आराम दें. कभी भी हार्ड फुटवियर न पहनें. साथ ही रोजाना मोजे बदलें.

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हीट बैग का इस्तेमाल न करें

पैरों में दर्द होने पर हीट बैग का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इस स्थिति में नसों के सुन्न होने का खतरा रहता है. साथ ही हीट बैग से पैरों के जलने का भी खतरा रहता है.

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शराब व धूम्रपान से दूरी

डायबिटिक न्यूरोपैथी की स्थिति से प्रभावित व्यक्तियों को धूम्रपान के सेवन से बचना चाहिए. अगर इस दौरान धूम्रपान या फिर शराब का सेवन किया जाए, तो इससे न्यूरोपैथी की गंभीरता बढ़ सकती है. डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षणों को कम करने के लिए शराब और धूम्रपान से दूरी बनाकर रखें.

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डायबिटीज में पैरों में दर्द होने का कारण पैरों की नसों का डैमेज होना हो सकता है. इस स्थिति में मरीज को अपने पैरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, ताकि इसमें होने वाली गंभीरता को कम किया जा सके. पैरों को हमेशा साफ रखें, आरामदायक फुटवियर पहनें व डॉक्टर की सलाह पर एक्सरसाइज करें. इससे पैरों की नसों को क्षतिग्रस्त होने व पैरों के दर्द को होने से रोका जा सकता है. साथ ही डायबिटीज में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की कोशिश करें, ताकि डायबिटिक न्यूरोपैथी होने से बचा जा सके.

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