डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है. इसमें व्यक्ति के ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ जाता है. बढ़ा हुआ शुगर लेवल व्यक्ति को कई तरीकों से परेशान कर सकता है. यह किडनी, लिवर और हृदय को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है. ऐसे में शरीर के अन्य अंगों को डायबिटीज के प्रभाव से बचाने के लिए ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखना जरूरी होता है. इसके लिए दवाइयां, हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट का होना जरूरी होता है.

डायबिटीज का इलाज जानने के लिए यहां क्लिक करें.

डायबिटीज रोगियों के लिए डाइट अहम भूमिका निभाती है. डायबिटीज रोगियों को ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने के लिए प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स का सेवन करना जरूरी होता है. ऐसे में अधिकतर शाकाहारी लोगों के मन में सवाल आता है कि प्रोटीन नॉनवेज में अधिक पाया जाता है, तो क्या शाकाहारी डाइट से भी डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है?

आज इस लेख में आप डायबिटीज और शाकाहारी डाइट के बीच संबंध के बारे में विस्तार से जानेंगे -

(और पढ़ें - डायबिटीज के लिए व्यायाम)

  1. शाकाहारी डाइट क्या होती है?
  2. क्या शाकाहारी डाइट से डायबिटीज ठीक होती है?
  3. डायबिटीज में संतुलित शाकाहारी डाइट कैसे लें?
  4. डायबिटीज में शाकाहारी डाइट लेने के फायदे
  5. सारांश
  6. क्या शाकाहारी डाइट से डायबिटीज कंट्रोल होती है? के डॉक्टर

शाकाहारी डाइट वह होती है, जिसमें कोई मांस शामिल नहीं होता है. शाकाहारी डाइट में प्लांट बेस्ड फूड्स को लिया जाता है. शाकाहारी डाइट में अनाजदालेंसीड्ससब्जियों और फलों आदि को शामिल किया जा सकता है. ये सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और कई बीमारियों का इलाज करने में असरदार साबित हो सकते हैं. इन फूड्स में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य मिनरल्स भी भरपूर होते हैं.

(और पढ़ें - शुगर के लिए पतंजलि की दवाएं)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

शाकाहारी डाइट डायबिटीज को खत्म नहीं कर सकती, लेकिन नॉनवेज के मुकाबले शाकाहारी डाइट डायबिटीज रोगियों के लिए ज्यादा लाभकारी है. शाकाहारी डाइट लेने से वजन को कम करने में मदद मिल सकती है. साथ ही शाकाहारी डाइट लेने से डायबिटीज की वजह से होने वाली जटिलताओं के जोखिम को भी कम करने में मदद मिल सकती है. शाकाहारी डाइट में कैलोरी कम होती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है. इस लिहाज से कहा जा सकता है कि शाकाहारी डाइट डायबिटीज को ट्रिगर करने वाले लक्षणों को कम कर सकती है.

(और पढ़ें - शुगर का आयुर्वेदिक इलाज)

डायबिटीज रोगियों को शाकाहारी डाइट का फायदा तभी मिल पाता है, जब इसे संतुलित मात्रा में लिया जाए. आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं -

  1. प्रोटीन लें
  2. हेल्दी फैट्स लें
  3. फाइबर लें

प्रोटीन लें

डायबिटीज रोगियों के लिए प्रोटीन लेना जरूरी होता है. प्लांट बेस्ड फूड्स से पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिल सकता है. इसके लिए नट्स, सीड्स, क्विनोआजौ और साबुत अनाज आदि का सेवन किया जा सकता है. प्रोटीन डायबिटीज रोगियों के लिए जरूरी पोषक तत्व होता है. यह डायबिटीज रोगियों की इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और पाचन को धीमा करता है. इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. इसलिए, प्रोटीन के लिए नॉनवेज डाइट पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है.

(और पढ़ें - शुगर कम करने के घरेलू उपाय)

हेल्दी फैट्स लें

सैचुरेटेड और ट्रांस फैट्स डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकते हैं. इसलिए, डायबिटीज रोगी को सिर्फ हेल्दी फैट्स ही लेना चाहिए. डायबिटीज रोगियों के लिए पॉलीअनसैचुरेटेड फैट लाभकारी साबित होता है. साथ ही ओमेगा-3 फैटी एसिड भी अच्छा होता है. यह फैटी एसिड हृदय और मस्तिष्क के लिए भी जरूरी होता है. इसके लिए अलसी के बीजअखरोट, सोया प्रोडक्ट्स और कैनोला ऑयल का सेवन कर सकते हैं. आपको बता दें कि डायबिटीज, हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है. ऐसे में हेल्दी फैट्स हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.

(और पढ़ें - शुगर की होम्योपैथिक दवा)

फाइबर लें

कई अध्ययनों से पता चलता है कि डायबिटीज रोगियों के लिए फाइबर जरूरी होता है. हाई फाइबर फूड्स डायबिटीज रोगियों में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं. साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करने में मदद कर सकते हैं. डायबिटीज रोगियों के लिए हाई फाइबर और लो कार्ब्स वाले फूड्स का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए आप फलियां और साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं. इनमें पाया जाने वाला कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रण में रहता है.

(और पढ़ें - डायबिटीज रैश का इलाज)

कई लोगों को लगता है कि डायबिटीज रोगियों के लिए सिर्फ मांसाहारी डाइट ही फायदेमंद होती है, जबकि ऐसा नहीं है. डायबिटीज रोगियों के लिए शाकाहारी डाइट लेना भी लाभकारी साबित हो सकता है. डायबिटीज में शाकाहारी डाइट लेने के फायदे इस प्रकार हैं -

  1. वजन कंट्रोल करे
  2. ब्लड शुगर करे कंट्रोल
  3. हृदय रोग का जोखिम कम

वजन कंट्रोल करे

डायबिटीज में धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है, लेकिन अगर शाकाहारी डाइट ली जाए, तो वजन को नियंत्रण में रखा जा सकता है. दरअसल, मांसाहारी भोजन की तुलना में शाकाहारी भोजन में कैलोरी कम मात्रा में पाई जाती है. ऐसे में शाकाहारी भोजन खाने से वजन को नियंत्रण में रखने में मदद मिलती है. साथ ही बॉडी मास इंडेक्स भी कम होता है. ऐसे में जब वजन कंट्रोल में रहता है, तो ब्लड शुगर भी नियंत्रण में रहता है.

(और पढ़ें - डायबिटीज में क्या पिएं)

ब्लड शुगर करे कंट्रोल

डायबिटीज में शाकाहारी डाइट लेने से ब्लड शुगर लेवल को कम करने में भी मदद मिल सकती है. शाकाहारी भोजन ब्लड शुगर के स्तर में सुधार कर सकता है. इसके लिए सब्जियां, फल, साबुत अनाज, फलियां और नट्स खा सकते हैं. शाकाहारी डाइट इंसुलिन प्रतिक्रिया में भी सुधार कर सकता है. वहीं, आलू, पास्ता, सफेद चावल और ब्रेड ब्लड शुगर को बढ़ा सकते हैं, क्योंकि इनमें शुगर और कार्बोहाइड्रेट काफी अधिक होता है.

(और पढ़ें - डायबिटीज में सोने के लिए टिप्स)

हृदय रोग का जोखिम कम

डायबिटीज रोगियों में हृदय रोग विकसित होने का जोखिम अधिक रहता है, लेकिन शाकाहारी भोजन डायबिटीज रोगियों में हृदय रोग की जटिलताओं को कम करने में मदद कर सकता है. शाकाहारी भोजन लेने से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है. शाकाहारी भोजन में कैलोरी, कार्ब्स और फैट्स कम होता है, इससे कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है. इससे हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है, लेकिन शाकाहारी भोजन में भी हाई कैलोरी, शुगर और कार्ब्स लेने से बचना चाहिए.

(और पढ़ें - टाइप 2 डायबिटीज के चरण)

अगर किसी को डायबिटीज है, तो सिर्फ शाकाहारी भोजन भी खा सकते हैं. शाकाहारी भोजन डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है. शाकाहारी डाइट डायबिटीज को पूरी तरह से खत्म नहीं कर सकता है, लेकिन यह डायबिटीज की वजह से होने वाली समस्याओं के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है. शाकाहारी डाइट लेने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है. साथ ही ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है और हृदय रोगों का जोखिम भी कम हो सकता है.

(और पढ़ें - टाइप 1 डायबिटीज के चरण)

Dr. Narayanan N K

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
16 वर्षों का अनुभव

Dr. Tanmay Bharani

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
15 वर्षों का अनुभव

Dr. Sunil Kumar Mishra

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
23 वर्षों का अनुभव

Dr. Parjeet Kaur

एंडोक्राइन ग्रंथियों और होर्मोनेस सम्बन्धी विज्ञान
19 वर्षों का अनुभव

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें