कोरोना वायरस की बढ़ती दहशत के बीच बीते सोमवार को थाइलैंड ने दावा किया कि उसके द्वारा दी गई दवा से कोरोना वायरस से ग्रस्त एक चीनी महिला की हालत में सुधार हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक थाइलैंड सरकार ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी थी। इसमें कहा गया था कि वैज्ञानिकों ने एंटी-वायरस और एचआईवी से जुड़ी दवाइओं को मिक्स करके महिला का इलाज किया था। बयान की मानें तो इससे उन्हें महिला की हालत पहले से बेहतर करने में कामयाबी मिली थी। तब से इसे नए कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन के रूप में देखा जा रहा है।
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चीन और जापान के बाद थाइलैंड दूसरा देश हैं जहां कोरोना वायरस का असर तेजी से फैला है। यहां अब तक 25 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। इसके चलते इस बीमारी का इलाज ढूंढने की कवायद यहां बड़े पैमाने पर चल रही है। इसी के तहत थाइलैंड के वैज्ञानिकों ने वैक्सीन ढूंढने के लिए दवाओं की मिक्सिंग की। इस बारे में जानकारी देते हुए अस्पताल के डॉक्टर क्रिएंगसाक एटीपोर्नाविच ने कहा कि दवाई का एक मिश्रण देने के 48 घंटे बाद जब महिला के स्वास्थ्य की जांच की गई तो उसकी रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। डॉक्टर क्रिएंगसाक ने कहा, '(कोरोना वायरस के) लैब टेस्ट के बाद परिणाम पॉजिटिव से नेगेटिव हो गया। महिला पहले कमजोर थी। (टेस्ट के बाद) 12 घंटे के भीतर वह अपने बेड से उठने में कामयाब रही।'
किन दवाइयों का हुआ इस्तेमाल?
वैज्ञानिकों ने जिन दवाइयों का मिश्रण बनाया, उनमें ऑसेल्टमिवीर, लोपिनावीर और रिटोनावीर शामिल हैं। ऑसेल्टमिवीर एक एंटी-फ्लू है। वहीं, लोपिनावीर और रिटोनावीर वायरलरोधी दवाएं हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इनके मिश्रण के सेवन से महिला में सुधार देखने को मिला था। यह बात इस मायने में महत्वपूर्ण है कि थाइलैंड में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के स्वास्थ्य में तेज सुधार पाया गया है। वहां के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने इस बीमारी से प्रभावी लोगों का इलाज करने में सफलता पाई है।
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जर्मनी ने भी जगाई कोरोना वायरस से लड़ने की उम्मीद
उधर, यूरोपीय देश जर्मनी ने भी कोरोना वायरस के इलाज के लिए एक वैक्सीन तैयार करने की बात कही है। जर्मनी की शोध मंत्री अंजा कार्लाइसेक ने उम्मीद जताई है कि अगले कुछ महीनों के अंदर उनके यहां इस जानलेवा वायरस की वैक्सीन विकसित कर ली जाएगी। खबरों के मुताबिक जर्मन मंत्री ने कहा, 'अगर हम इस बीमारी को नियंत्रित करना चाहते हैं तो जरूरी है कि हम जल्दी से जल्दी इससे जुड़ी एक वैक्सीन तैयार करें। हमें आशा है कि जल्दी ही इसका टीका तैयार हो जाएगा।'
गौरतलब है कि नए कोरोना वायरस से अब तक 493 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 491 मौतें अकेले चीन में हुई हैं। बाकी दोनों मौतें फिलीपींस और हांगकांग में हुईं। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के 24,600 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 3,223 मरीजों की हालत गंभीर है। वहीं, 989 मरीजों का सफतापूर्वक उपचार कर दिया गया है।