चीन समेत दुनियाभर में कोरोना वायरस के मामलों का बढ़ना जारी है। अब तक इस वायरस से 259 लोगों की मौत हो चुकी है। ये सभी मौतें चीन में ही हुई हैं। वहीं, संक्रमित लोगों की संख्या 11,000 के पार जा चुकी है। हालात देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया हुआ है।

कोरोना वायरस को लेकर सभी देशों की सरकारें चिंतित हैं। भारत के केरल राज्य में इस वायरस का एक मामला सामने आ चुका है। इसके मद्देनजर राज्य और केंद्र सरकार कई मेडिकल इंतजाम कर रही हैं। इसी के तहत शनिवार को चीन से 324 भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया। खबरों के मुताबिक हरियाणा के मानेसर में इन लोगों की मेडिकल जांच की जाएगी। वहीं, देश के बाकी लोगों में बीमारी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। इनमें से एक यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से कैसे बचा जा सकता है।

कोरोना वायरस का इलाज अभी तक संभव नहीं है। इसलिए इस पर अंकुश लगाने के लिए इस समय बचाव ही एकमात्र रास्ता है। इसके तहत लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी जा रही है। लेकिन लोग उलझन में हैं कि वे कौन सा नकाब पहनें जिससे वायरस से बचा जा सके। यह जानने के लिए पहले कोरोना के लक्षण जान लेते हैं।

कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस सामान्य बुखार (फ्लू) नहीं है, लेकिन इसके लक्षण कुछ वैसे ही है। मसलन, नाक बहना, खांसी, गले में खराश और शरीर का तापमान अधिक होना। अगर संक्रमण गंभीर हो तो तेज बुखार या निमोनिया भी हो सकता है। मेडिकल जानकार बताते हैं कि कोरोना वायरल इन्फेक्शन से होने वाला रोग है, लिहाजा इससे बचने के लिए एहतियातन सर्जिकल मास्क पहना जा सकता है जो इन्फ्लूएंजा के लक्षणों से बचने में मदद करता है। अब सवाल उठता है कि कौन सा मास्क पहना जाए।

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एन99 और एन95 मास्क
वायु प्रदूषण के समाधान से जुड़े उत्पाद बनाने वाली कंपनियां कई तरह के मास्क बनाती हैं। इनमें सबसे कारगर मास्क एन99 और एन95 माने जाते हैं।  ब्रिटिश कंपनी 'अटलांटा हेल्थकेयर' द्वारा निर्मित 'कैम्ब्रिज एन99' मास्क वायरल इन्फेक्शन से बचाने में काफी कारगर माना जाता है। घर से बाहर दूषित वातावरण में सांस लेने के लिए एन99 काफी मददगार है। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, एन99 में तीन तरह के फिल्टर होते हैं। इनकी मदद से मास्क पीएम10 से लेकर पीएम2.5 और पीएम0.3 जैसे बेहद सूक्ष्म कणों को भी रोक सकता है। एन99 सैन्य स्तर पर बनाया गया मास्क है। हवा में फैले कणों के अलावा यह मास्क ईंधन से निकलने वाले दूषित पदार्थ, विषाणु, बैक्टीरिया और अलग-अलग प्रकार की गंध से होने वाली एलर्जी से भी बचाता है। इसी के सामान एंटी-पॉल्यूशन मास्क एन95 भी एन99 की तरह काफी प्रभावी है।

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क्या वाकई सबको मास्क लगाने की जरूरत है?
हालांकि ये मास्क कोरोना वायरस के संक्रमण को रोक पाने में सक्षम हैं या नहीं, इस बारे में डॉक्टरों की राय अलग-अलग है। कुछ डॉक्टरों का मानना है कि लोग हड़बड़ी में महंगे मास्क खरीद रहे हैं, जबकि हो सकता है कि वे कोरोना को रोक पाने में सक्षम न हों। वहीं, कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सब लोगों को मास्क खरीदने की जरूरत भी नहीं है। वे चीनी दस्तावेजों के आधार पर बताते हैं कि हवा में किसी व्यक्ति को संक्रमित करने की नए कोरोना वायरस की क्षमता केवल दो से तीन फीट है। यानी इससे ज्यादा दूरी पर खड़े व्यक्ति को यह वायरस प्रभावित नहीं कर सकता। 

इसके अलावा मास्क पहने की जरूरत उन लोगों को ज्यादा है जिनको बार-बार संक्रमित लोगों के पास जाना होता है। यानी अस्पताल, क्लिनिक और वायरस से संक्रमित व्यक्ति के घर में जाने से पहले ही मास्क लगाना जरूरी है। क्योंकि ऐसी जगहों पर डॉक्टर और रिश्तेदारों को मरीज के नजदीक जाना होता है। सामान्य स्थिति और जगहों में लोगों को मास्क की जरूरत नहीं है।

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हालांकि अगर कोई व्यक्ति मास्क लगाना चाहे तो लगा सकता है। वहीं, मास्क एन95 और एन98 के अलावा जिन अन्य तरीकों से कोरोना वायरस के संपर्क में आने से बचा जा सकता है, उन्हें नीचे पढ़ा जा सकता है-

  • इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें, क्योंकि कोरोना वायरस के संपर्क में आने का खतरा लो इम्युनिटी वाले लोगों में होता है। इसलिए खाली पेट न रहें और हाई प्रोटीन डाइट लें।
  • भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, जरूरत होने पर ही जाएं।
  • घर से बाहर निकलते समय मास्क एन95 या मास्क एन98 पहनें।
  • अगर सर्दी-जुकाम के साथ खांसी और नाक बहने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • किसी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति को छूने के बाद सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें या साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोएं।
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