बिना किसी वजह के कुछ लोग दांत पीसते या भींचते हैं, इस स्थिति को अंग्रेजी में ग्राइंडिंग टीथ कहते हैं। मेडिकल भाषा में ब्रूक्सिस्‍म होता है। दांत पीसने का संबंध स्‍ट्रेस, एंग्‍जायटी, स्‍लीप एप्निया और कैफीन लेने की वजह से होता है। हालांकि, यह स्थिति रात के समय ज्‍यादा होती है, दिन में भी जागने पर यह परेशानी हो सकती है। काम के दबाव की वजह से दिन में ब्रूक्सिस्‍म हो सकता है।

दांत पीसने से कोई गंभीर प्रभाव नहीं होता है लेकिन इससे दांत छिल सकते हैं, दांतों को चोट लग सकती है, चबाने वाली मांसपेशियों में ज्‍यादा थकान हो सकती है, जबड़े में दर्द, सिरदर्द और नींद आने में परेशानी हो सकती है।

मरीज की मेडिकल हिस्‍ट्री रही हो या परिवार में किसी अन्‍य सदस्‍य को यह परेशानी हो तो यह सबसे ज्‍यादा अहम होता है। ऑक्‍लूसल इंटरफेरेंस यानि ऐसी कोई भी चीज जो ऊपर और नीचे के दांतों को एकसाथ आराम से बैठने से रोके, वह दांत पीसने का सबसे आम कारण हो सकता है। ऑक्‍लूसल स्प्लिंट थेरेपी से इसका इलाज किया जा सकता है।

जरनल ऑफ इंडियन प्रोस्‍थोडोंटिक सोसायटी में प्रकाशित एक रिव्‍यू लगभग 20 पर्सेंट वयस्‍कों को दिन के समय और 8 से 16 पर्सेंट लोगों को रात के समय ब्रूक्सिस्‍म होता है। दिन के समय दांत पीसने की समस्‍या पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं में होती है। हालांकि, रात के समय पुरुष या महिला किसमें ज्‍यादा यह प्रॉब्‍लम होती है, ऐसा कुछ नोटिस नहीं किया गया है। 14 से 10 प्रतिशत बच्‍चों काे दांत पीसने की परेशानी होती है।

इसके इलाज के लिए होम्‍योपैथिक एक असरकारी हीलिंग पद्धति है जो प्राकृतिक तत्‍वों से लक्षणों का इलाज करती है। दांत पीसने के इलाज में असरकारी दवाओं में एपिस, बेलाडोना, सिकुटा विरोसा, कैनेबिस इंडिका, माइगेल लेसिओडोरा, फाइटोलेका डेकेंड्रा, सैंटोनिनम और स्पाइजेलिया एंथेल्मिया शामिल है।

  1. दांत पीसने की होम्योपैथिक दवा - Homeopathic medicine for Grinding of teeth in Hindi
  2. होम्योपैथी के अनुसार दांत पीसने के लिए आहार और जीवन शैली में बदलाव - Dietary and lifestyle changes for Grinding of teeth as per homeopathy in Hindi
  3. दांत पीसने के लिए होम्योपैथिक दवाएं और इलाज कितने असरदार हैं - How effective is homeopathic medicine for Grinding of teeth in Hindi
  4. दांत पीसने की होम्योपैथिक दवा और इलाज के दुष्प्रभाव - Side effects and risks of homeopathic medicine and treatment for Grinding of teeth in Hindi
  5. दांत पीसने के होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Tips related to homeopathic treatment for Grinding of teeth in Hindi
दांत पीसने की होम्योपैथिक दवा और इलाज के डॉक्टर

एकोनिटम नेपेलस

सामान्‍य नाम : मॉन्‍कशुड

लक्षण : गुस्‍से, डर लगने, मानसिक और शारीरिक बेचैनी और अचानक हिंसक होने के साथ बुखार होने के इलाज में इसका प्रयोग किया जाता है। इन मरीजों को स्‍पर्श पसंद नहीं होता है। इन्‍हें निम्‍न लक्षण भी महसूस हो सकते हैं :

  • मरने का बहुत ज्‍यादा डर लगना
  • बेचैनी बढ़ जाना
  • सिर भारी लगने के साथ सिर फटने जैसा महसूस होना
  • आंखों में सूजन जिसमें गर्म और सूखा महसूस हो
  • मुंह में सुन्‍नता और सूखापन
  • जीभ पर सूजन के साथ सफेद परत जमना
  • जबड़े का लगातार हिलना
  • खुली हवा में लक्षणों में सुधार आता है जबकि शाम के समय, गर्म कमरे, रात के समय और प्रभावित हिस्‍से की तरफ लेटने पर लक्षण खराब हो जाते हैं।

हायोसियामस नाइजर

सामान्‍य नाम : हेनबेन (हायोसियामस)

लक्षण : यह दवा तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालती है और झगड़ालू  स्‍वभाव वाले लोगों को सूट करती है। ये मरीज बहुत बातूनी, अशिष्‍ट, जलन रखने वाले और जहर खाने से डरते हैं। इनमें निम्‍न लक्षण भी दिखते हैं :

  • टॉक्सिक गैस्‍ट्राइटिस
  • बहुत ज्‍यादा शक्‍की होना
  • हर चीज पर हंसना
  • सिर चकराना
  • मस्तिष्‍क में सूजन की वजह से बेसुध होना
  • जीभ का लाल, सूखा और क्रैक होना जिसमें अकड़न और जिसे घुमाने में दिक्‍कत हो
  • दांतों पर क्रस्‍ट की एक परत बनना
  • गले में सूखापन जिससे चबाने में दिक्‍कत हो
  • चेतना खोने के साथ उल्‍टी में खून आना
  • रात में नींद न आना
  • रात के समय, खाने के बाद, लेटने पर लक्षण बढ़ जाते हैं लेकिन झुकने पर सुधार आता है।

कैनेबिस इंडिका

सामान्‍य नाम : हशिश

लक्षण : धारणाओं, संवेदनाओं और भावनाओं का बढ़कर अपने चरम पर पहुंचने वाली स्थितियों में इस दवा का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर मरीज द्विस्‍वभाव का होता है या बेसुध रहता है। इसमें मरीज मतिभ्रम और कुछ भी सोचने लगता है। इन मरीजों में अन्‍य लक्षण भी दिखते हैं :

  • भूल जाना या बात पूरी न कर पाना
  • बिना कंट्रोल के हंसे जाना
  • बेवजह हाथ हिलना
  • कान में घंटी बजना
  • होंठों और मुंह में सूखेपन के साथ बेहोशी होना
  • रात के समय दांत पीसना
  • शराब, कॉफी, तंबाकू और सुबह के समय, दाईं करवट लेटने पर लक्षण खराब हो जाते हैं, आराम करने, ठंडे पानी और ताजी हवा में आराम मिलता है।

सीना मेरिटिमा

सामान्‍य नाम : वॉर्म सीड (सीना)

लक्षण : प्रमुख तौर पर इस दवा का उपयोग बच्‍चों में आंतों से संबंधित समस्‍याओं के इलाज में किया जाता है। चिड़चिड़ाहट, भूख बदलने, दांत पीसने और चिल्‍लाने के साथ चेतना खाने और हाथ एवं पैर के हिंसक रूप से हिलने की स्थिति में इस दवा को इस्‍तेमाल किया जाता है। निम्‍न लक्षणों में भी इससे फायदा होता है :

  • झुकने पर सिरदर्द से आराम मिलना
  • पीला दिखने के साथ आंख की पुतलियों का फैलना
  • सुपरसिलिएरी मांसपेशी में स्‍पंदन
  • नाक में खुजली के साथ हर वक्‍त इसे मसलने का मन करना
  • सोते समय दांत भींचना
  • आंखों के आसपास गहरे गोल निशान बनना
  • पेट के बल सोना और हाथों एवं घुटनों को नींद में पेट पर रखना
  • सोते समय चिल्‍लाना
  • रात में बुरे सपने की वजह से बच्‍चों का नींद से डर कर उठ जाना और तेज चिल्‍लाना
  • गर्म, रात के समय, गर्मी और किसी एक चीज को देखने पर लक्षण बढ़ जाते हैं।

पोडोफिलिनम

सामान्‍य नाम : मे-एप्‍पल (पोडोफिलिनम)

लक्षण : गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल बीमारियों, कोलिक पेन और पित्त की उल्‍टी से ग्रस्‍त मरीजों पर यह दवा असर करती है। यह दवा ग्रहणी, छोटी आंत, लिवर और मलाशय पर प्रमुख रूप से काम करती है। निम्‍न लक्षणों वाले मरीजों पर भी यह असर करती है :

  • उत्‍साह कम रहना
  • पानी की तरह पतला मल आना जिसमें म्‍यूकस भी आए
  • रात के समय दांत पीसने की आदत होना
  • मसूडों को एकसाथ दबाने का मन करना
  • जीभ पर जलन महसूस होना
  • सुबह के समय, गर्म मौसम में और दांत आने के दौरान लक्षण बढ़ जाते हैं।

माइगेल लेसिओडोरा

सामान्‍य नाम : ब्‍लैक क्‍यूबन स्‍पाइडर

लक्षण : यह कमजोरी, घबराहट, डर और बेचैनी के इलाज में उपयोगी है। ये मरीज बहुत बेचैन, दुखी और मरने के डर से ग्रसित रहते हैं। इन्‍हें निम्‍न शिकायत भी होती है :

  • चेहरे की मांसपेशियों का फडकना
  • चेहरे का गर्म और लटकना
  • जीभ का सूखापन
  • रात के समय दांतों को भींचना
  • भूख न लगने के साथ प्‍यास बढ़ना
  • सुबह के समय लक्षण बढ़ जाते हैं और नींद के दौरान बेहतर महसूस होता है।

बेलाडोना

सामान्‍य नाम : डेडली नाइटशेड

लक्षण : हिंसक व्‍यवहार वाल व्‍यक्‍ति में मानसिक और शारीरिक लक्षणों के इलाज के लिए बेलाडोना का उपयोग किया जाता है। ये लक्षण आते-जाते रहते हैं और इसके साथ तेज दर्द, बहुत तेज बुखार, किसी हिस्‍से का लाल पड़ना जो तेजी से नीला-लाल या बैंगनी हो जाए। अन्‍य लक्षण जो इससे ठीक होते हैं, वो हैं :

  • मुंह में सूखापन
  • पानी पसंद न आना
  • चेतना न होना, मतली और उल्‍टी के बाद मिर्गी के दौरे पड़ना
  • चेहरे पर न्‍यूराल्जिया के साथ मांसपेशी का फड़कना
  • दांतों में चुभने वाला दर्द होना
  • दांत पीसना
  • जीभ में दर्द और सूजन
  • सपनों में डरावनी चीजें दिखना
  • छूने पर, दोपहर में और लेटने पर लक्षण बढ़ जाते हैं जबकि थोड़ा झुककर लेटने पर आराम मिलता है।

मरक्‍यूरिअस प्रोटो लोडाटस

सामान्‍य नाम : ग्रीन आयोडाइड ऑफ मर्करी

लक्षण : नींद न आने, कब्र के डरावने सपने दिखने और डूबने या बुरे सपने आने से ग्रस्‍त व्‍यक्‍ति पर यह दवा असर करती है। इन मरीजों को अन्‍य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं, जैसे कि :

  • बेहोशी और लेटने पर बेहतर महसूस होना
  • बाईं करवट लेटने पर हाथ-पैरों में थकान बढ़ना, दाईं करवट लेने पर आराम मिलना
  • मुंह, गले और होंठों पर सूखापन
  • दांत लंबे महसूस होना
  • मोलर में दर्द होना जो इन्‍हें एकसाथ लाने पर और बढ़ जाए
  • दांत पीसने के साथ उन्‍हें लगातार दबाने का मन करना
  • नींद के दौरान दांत पीसने की वजह से उठने पर जबड़े की मांसपेशियों में दर्द होना
  • जबड़े में अकड़न होना

हेलेबेरस नाइजर

सामान्‍य नाम : स्‍नो रोज (हेलेबेरस)

लक्षण : संवेदी डिप्रेशन जिसमें मरीज को ठीक से दिखाई, सुनाई न दे और स्‍वाद न आए, उन मामलों में इस दवा को चुना जाता है। मांसपेशियों में कमजोरी भी महसूस हो सकती है जो लकवे का रूप ले सकती है। इसलिए यह गंभीर बीमारियों की दवा है। मरीज में निम्‍न लक्षण भी दिख सकते हैं :

  • पूरी तरह से बेसुध होना
  • गंभीर सिरदर्द, कराहना और चिल्‍लाना
  • आंखें मूंदना
  • रात में न दिखना
  • सूंघने की शक्‍ति कम होना
  • बाईं ओर न्‍यूराल्जिया होना जिसका इतना गंभीर होना कि मरीज चबा न पाए
  • मुंह से गंदी बदबू आना
  • होंठों और जीभ पर सूखापन
  • निचले जबड़े का लटकना
  • दांत पीसना
  • नींद में अचानक चिल्‍लाना
  • शाम को लक्षणों का बढ़ जाता है जो सुबह तक रहे।

सैंटोनिनम

सामान्‍य नाम : सैंटोनिन

कीड़े होने वाली बीमारियों, गैस्ट्रिक जलन, सोते समय बेचैनी और मांसपेशियों के फड़कने की स्थिति में यह दवा असर करती है। परजीवी यानि कीड़े की बीमारियों में से एस्‍केरिस लूम्‍ब्रिकॉइड्स और थ्रेड वॉर्म पर यह दवा उपयोगी होती है। निम्‍न लक्षणों में भी यह दवा असर करती है :

  • बच्‍चों को रात में खांसी होना
  • भूख कम होना
  • जीभ का गहरा लाल होना
  • दांत पीसना
  • मतली

जिंकम मैटेलिकम

सामान्‍य नाम : जिंक

लक्षण : कुछ बीमारियों की वजह से डिप्रेशन होने, चेतना खोने के साथ चेहरा पीला पड़ने और लाल रक्‍त कोशिकाओं की संख्‍या कम होने पर यह दवा असरकारी है। यह दीर्घकालिक बीमारियों के साथ मस्तिष्‍क और रीढ़ की हड्डी से जुड़े लक्षणों, चेतना खोने वाली हरकतों, फड़कने और कंपकपी के इलाज में भी उपयोगी है। निम्‍न लक्षणों वाले मरीजों पर भी यह असर करती है :

  • याद्दाश्‍त कमजोर होना
  • माथे पर ठंडा लगना लेकिन मस्तिष्‍क का बेस गर्म होना
  • आंखें मूंदना
  • आंसू ज्‍यादा बनना
  • दांतों में ढीलेपन के साथ मसूड़ों से खून आना
  • दांत पीसना
  • जीभ पर छाले होना
  • रात में तेज चिल्‍लाना लेकिन खुद को इसका पता ही न होना
  • चौंक कर उठ जाना
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चूंकि, होम्‍योपैथी की दवाओं में एक्टिव तत्‍व बहुत कम मात्रा में होते हैं इसलिए आहार में किसी खाद्य के औषधीय गुण इलाज में रुकावट पैदा कर सकते हैं। इसलिए, जीवनशैली के साथ आहार में बदलाव के साथ होम्‍योपैथी इलाज को असरकारी बनाया जा सकता है।

क्‍या करें :

गर्म मौसम में लिनेन के कपड़े की जगह सूती कपड़े पहनें।

रोज एक्‍सरसाइज करें और ऐसी चीजें खाएं जिनमें औषणीय गुण नहीं होते हैं। इससे दीर्घकालिक मामलों में जल्‍दी रिकवरी होती है।

एक्‍यूट मामलों में मरीज की कुछ खाद्य और पेय पदार्थ खाने की इच्‍छा होती है। इन इच्छाओं को पूरा करने से रोग के आमूल-चूल उन्मूलन में केवल एक छोटी सी बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए आपको सलाह है कि मरीज की कुछ खाने या पीने की इच्‍छा को मना करने की बजाय उसे संतुष्‍ट कर दें।

क्‍या न करें :

हर्बल चाय, कॉफी और शराब या औषधीय मसालों से युक्‍त बीयर न पिएं।

मसालेदार खाना, सूप और प्‍याज, सेलेरी, मीट और औषधीय गुणों से युक्‍त पुरानी चीज खाने से बचें।

दवाइयों के पास परफ्यूम, कपूर, इथर या अन्‍य वाष्‍पशील चीजें न रखें क्‍योंकि इससे दवाओं का असर खत्‍म हो सकता है।

गंदगी से दूर रहें और गतिहीन जीवनशैली से बचें।

होम्‍योपैथी में बीमारी से ठीक होने और संपूर्ण सेहत में सुधार लाने के लिए व्‍यक्‍ति की खुद की इम्‍यूनिटी बढ़ाने के लिए प्राकृतिक तत्‍वों का उपयोग किया जाता है।

एक मामले की रिपोर्ट के अनुसार, 8 वर्षीय बच्‍चे को दांत पीसने की समस्‍या थी। इस बच्‍चे को 2 महीने तक फाइटोलैक्‍का डिकैंड्रा और मेलिसा ऑफिसिनेलिस दी गई। दांत पीसने और इससे जुड़े लक्षणों जैसे कि नाखून चबाना, रात को बुरे सपने आना, इस इलाज से पूरी तरह से खत्‍म हो गए।

दो साल के बाद फॉलो-अप लिया गया जिसमें मरीज को दोबारा दांत पीसने की प्रॉब्‍लम नहीं हुई। इसलिए दांत पीसने और इससे जुड़े लक्षणों में होम्‍योपैथी इलाज असरकारी है।

होम्‍योपैथी दवाइयां प्राकृतिक तत्‍वों से बनती है इसलिए ये पारंपरिक दवाओं की तुलना में पूरी तरह से सुरक्षित होती हैं। सभी उम्र के लोगों जैसे कि बच्‍चे और गर्भवती महिलाओं के लिए यह सुरक्षित है और इससे कोई दुष्‍प्रभाव भी नहीं होता है।

अन्‍य दवाओं के साथ होम्‍योपैथी दवाएं ली जा सकती हैं क्‍योंकि ये किसी अन्‍य दवा के प्रभाव पर असर नहीं डालती हैं। हेल्‍थ टेक्‍नोलॉजी असेसमेंट का कहना है होम्‍योपैथी दवाइयां होम्‍योपैथिक चिकित्‍सक की देखरेख में ही लेनी चाहिए। अगर इन्‍हें ठीक से लिया जाए तो होम्‍योपैथी के साइड इफेक्‍ट्स न के बराबर होते हैं।

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दांत पीसना नींद से संबंधित विकार है जो सेंट्रली मीडिएटिड है। हालांकि, यह जानलेवा विकार नहीं है लेकिन दांत में दर्द, दांत को नुकसान पहुंचने, जबड़े में दर्द और सिरदर्द की वजह से जिंदगी प्रभावित होती है।

इलाज के लिए सबसे पहले समस्‍या की पहचान होना जरूरी है। अगर आपको जबड़े में थकान, दांतों या मसूडों में दर्द है या सुबह उठने पर टेंपोरल सिरदर्द या नींद में दांतों को पीसना या भींचने की शिकायत है, तो डेंटिस्‍ट या डॉक्‍टर को बताएं।

इलाज कारण और स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। पारंपरिक इलाज के विकल्‍पों में डेंटल एपलायंस, बिहेवरियल थेरेपी और दवाएं शामिल है। होम्‍योपैथी से इस स्थिति को पारंपरिक ट्रीटमेंट के साथ और उसके बिना भी जल्‍दी और सुरक्षित रूप से ठीक किया जा सकता है। यह विशेष रूप से स्‍ट्रेस और एंग्‍जायटी को ठीक करने में मदद करती है जो दांत पीसने के प्रमुख कारण हैं।

Dr. Anshumali Srivastava

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डेंटिस्ट्री
14 वर्षों का अनुभव

Dr.Gurinder kaur

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18 वर्षों का अनुभव

Dr. Ajay Arora

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32 वर्षों का अनुभव

Dr. Purva Agrawal

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डेंटिस्ट्री
8 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

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  2. Shilpa Shetty et al. Bruxism: A Literature Review. J Indian Prosthodont Soc. 2010 Sep; 10(3): 141–148. PMID: 21886404
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  4. Oscar E. Boericke. Teeth. Médi-T; [lnternet]
  5. British Homeopathic Association. www.britishhomeopathic.org/charity/how-we-can-help/articles/homeopathic-medicines/b/belladonna-the-mystic-dimension/. London; [Internet]
  6. Bornhöft G et al. Effectiveness, safety and cost-effectiveness of homeopathy in general practice - summarized health technology assessment.. Forsch Komplementmed. 2006;13 Suppl 2:19-29. Epub 2006 Jun 26. PMID: 16883077
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