लो ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थति है जिसमें एक व्यक्ति का रक्तचाप इतना कम हो जाता है कि उसे चक्कर, बेहोशी, थकान, मतली, साँस लेने में कठिनाई, धुंधला दिखना, ठंडा शरीर और चिपचिपी त्वचा जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय होते हैं सामान्यत उनका ब्लड प्रेशर 120/80 मिमी एचजी से कम ही रहता है। लेकिन इन्हे अस्वस्थ नहीं कहा जाएगा, विशेषकर तब जब इस प्रकार के लक्षण उन्हें अनुभव न हो।
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हालांकि, जब ब्लड प्रेशर का स्तर 90/60 मिमी एचजी या उससे कम रहता है तो इसे हाइपोटेंशन माना जाता है। इसके अलावा जब ब्लड प्रेशर का स्तर ज़्यादा गिर जाता है तो यह मस्तिष्क, गुर्दे और हृदय में रक्त के प्रवाह का अपर्याप्त कारण बन सकता है।
इस स्थिति के कारण निर्जलीकरण, लम्बे तक आराम, पोषक तत्वों की कमी, रक्त की मात्रा में कमी, हृदय की समस्याएं, गर्भावस्था, एंडोक्राइन विकार और न्यूरोलॉजिकल परिस्थितियां हो सकती हैं। कुछ दवाएं जैसे अल्फा ब्लॉकर्स, बीटा ब्लॉकर्स, मूत्रवर्धक, एंटीडिप्रेस्सान्ट्स और अन्य कारकों से भी लौ ब्लड प्रेशर हो सकता है।
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जब आपको लो ब्लड प्रेशर होता है तो आपको नमक का सेवन ज़्यादा करने के लिए कहा जाता है। अपने नमक की मात्रा बढ़ाने से पहले सबसे पहले अपने डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा, शराब और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, चावल, पास्ता और आलू न खाएं।
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इस स्थिति का इलाज करने के लिए ज़रूरी है सही कारण को जानना लेकिन आप लक्षणों को कम करने के लिए कुछ सरल घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं।