मुंह से बदबू आना एक सामान्य समस्या है। मुंह से संबंधित या अन्य कई तरह की समस्याओं की वजह से मुंह से बदबू आने की शिकायत हो सकती है। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार मुख संबंधित रोग की वजह से 90 प्रतिशत लोग मुंह से दुर्गंध आने की शिकायत करते हैं।
आयुर्वेदिक ग्रंथों में मुखस्वास्थ्य या मौखिक स्वच्छता को लेकर कोई विशेष अध्याय नहीं है। आयुर्वेद में मुंह के स्वास्थ्य के महत्व के अंतर्गत अपनी दिनचर्या में दांतों की सफाई जैसे कि प्रतिसारण (दांतों और मसूड़ों की मालिश) और दंतधावन (दांतों को ब्रश करना) की आदत अपनाने की सलाह दी गई है।
(और पढ़ें – ब्रश करने का सही तरीका)
मुंह से बदबू आने की समस्या के इलाज के तौर पर आयुर्वेद में कवल और गण्डूष चिकित्सा की सलाह दी जाती है। इसके लिए दालचीनी, इलायची और लौंग जैसी जड़ी बूटियों से दंत स्वास्थ्य में सुधार तथा मुंह की बदबू का इलाज किया जाता है। आयुर्वेदिक मिश्रण जैसे कि त्रिफला (आमलकी, विभीतकी और हरीतकी का मिश्रण) चूर्ण का इस्तेमाल मुंह की बदबू कम करने और मुंह से संबंधित समस्याओं (जैसे कि मसूड़ों से खून आना) के इलाज में किया जाता है। मसूड़ों से खून आने की वजह से भी सांसों से दुर्गंध आने लगती है। रोज गरारे, मंजन और दांतों की सफाई करने से मुंह की बदबू को दूर किया जा सकता है।
(और पढ़ें – पायरिया के घरेलू उपाय)