आपको जानकर हैरानी होगी कि हर साल अमेरिका में करीब 2 लाख 50 हजार से अधिक लोग अपेन्डिसाइटिस की सर्जरी करवाते हैं, और इसी कारण यह अमेरिका में हर साल होने वाली 20 सबसे आम सर्जरी में से एक है। भारत में भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। अपेन्डिक्स से जुड़ा थोड़ा सा दर्द हुआ नहीं कि लोग तुरंत सर्जरी करवा लेते हैं। 

एंटीबायोटिक लेने वाले 10 में से 7 मरीज को सर्जरी की जरूरत नहीं
लेकिन न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित अपेन्डिसाइटिस के सबसे बड़े यादृच्छिक (रैन्डमाइज्ड) अध्ययन में, हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम और अमेरिका के आसपास की 24 अन्य साइटों के शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट दी है कि एंटीबायोटिक्स लेने वाले 10 में से 7 मरीजों को अपेन्डिक्स की सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ी। इतना ही नहीं वे मरीज जिन्होंने लक्षणों में आराम पाने के लिए एंटीबायोटिक्स का सेवन किया, उन मरीजों को कम समय में उतनी ही राहत मिली जितना सर्जरी से गुजरने वाले मरीजों को। बावजूद इसके, शोधकर्ताओं ने आगाह किया है कि अपेन्डिसाइटिस के लिए एंटीबायोटिक्स लेना हर किसी के लिए सही नहीं है और इसलिए मरीजों को अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह-मशविरा कर लेना चाहिए।

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एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल से प्रभावी इलाज हो सकता है
हेनरी फोर्ड हेल्थ सिस्टम में सर्जिकल सर्विसेज के मेडिकल डाइरेक्टर और इस स्टडी के सह-अनुसंधानकर्ता जे.एच.पैटन कहते हैं, "इस अध्ययन का अर्थ ये है कि सर्जन और रोगियों के पास अब अपेन्डिसाइटिस के उपचार के लिए अधिक विकल्प मौजूद है। अब हम जानते हैं कि हम अकेले एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करके रोगियों की एक बड़ी संख्या का सुरक्षित और प्रभावी ढंग से इलाज कर सकते हैं और सर्जरी से बच सकते हैं। हम रोगियों को उनके व्यक्तिगत परिस्थितियों के आधार पर उनके विकल्पों को चुनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ताकि वे यह तय कर सकें कि उनके लिए कौन सा उपचार सबसे अच्छा है।"

करीब 4 साल तक चला अध्ययन
हेनरी फोर्ड 14 राज्यों में उन 25 अमेरिकी साइटों में शामिल था जिन्होंने कम्पेयरिंग आउटकम्स ऑफ एंटीबायोटिक ड्रग्स एंड अपेन्डेक्टोमी (CODA) में हिस्सा लिया। 3 मई, 2016 और 2 फरवरी 2020 के बीच 1 हजार 552 मरीजों का अध्ययन किया गया। CODA अपेन्डिसाइटिस वाले वयस्कों में सर्जरी और एंटीबायोटिक्स की तुलना में सबसे बड़े अध्ययन का प्रतिनिधित्व करता है और पिछली बार हुए अध्ययन की तुलना में लगभग तीन गुना बड़ा है।

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शोधकर्ताओं ने पहले यह प्लान किया था कि मरीज के रिकवर होने के 1 साल बाद नतीजों को रिपोर्ट किया जाएगा। लेकिन कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के बीच अनावश्यक सर्जरी को सीमित करने की चिंता के साथ, शोधकर्ताओं ने इस गैर-सर्जिकल विकल्प की प्रभावशीलता का पता लगाने के लिए चिकित्सकों द्वारा डेटा देने के लिए सर्जिकल या एंटीबायोटिक हस्तक्षेप के बाद 90 दिनों के अंदर परिणाम देने की समय सीमा तय की।

अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष :

  • इलाज के बाद 90 दिनों के भीतर एंटीबायोटिक्स प्राप्त करने वाले 10 में से 7 मरीजों ने सर्जरी से परहेज किया, जबकि उसी टाइम फ्रेम के दौरान 10 में से 3 मरीज को सर्जरी की आवश्यकता हुई।
  • अपेन्डिकॉलिथ वाले 10 में 4 रोगी जिन्हें एंटीबायोटिक्स दिया गया उन्हें एंटीबायोटिक्स प्राप्त करने के 90 दिनों के भीतर पहले उपचार के तौर पर सर्जरी की जरूरत पड़ी।
  • जिन मरीजों की सर्जरी हुई या फिर जिन्हें एंटीबायोटिक दवाइयां दी गईं दोनों ही मरीजों ने इलाज से पहले बराबर समय के लिए अपेन्डिसाइटिस के लक्षणों का अनुभव किया।
  • एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज कराने वाले मरीजों को अपने काम या स्कूल से कम दिन की छुट्टी लेनी पड़ी लेकिन आपातकालीन विभाग में विजिट ज्यादा करना पड़ा उन लोगों की तुलना में जिन्होंने सर्जरी करवायी। (और पढ़ें - जानें क्यों खतरनाक हैं एंटीबायोटिक दवाएं)

कोविड-19 महामारी के समय एनेस्थीसिया और सर्जरी से बचना ही बेहतर
स्टडी के सह अनुसंधानकर्ता डॉ पैटन कहते हैं, "हम मानते हैं कि कुछ रोगी महामारी के इस समय अस्पताल आने में कतराते हैं। यह अध्ययन हमें बताता है कि इनमें से कुछ रोगियों के लिए एंटीबायोटिक्स एक व्यवहार्य विकल्प हो सकता है। और जैसा कि डेटा दिखाना शुरू कर रहे हैं, ऐसे मरीज जो कोविड ​पॉजिटिव हैं और उन्हें जनरल एनेस्थीसिया से गुजरना पड़ता है उन्हें अधिक जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में यदि हम आउट पेशेंट के आधार पर रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज कर सकते हैं, तो हम उन्हें अस्पताल से बाहर रख सकते हैं और अन्य प्रकार की सर्जरी के लिए संसाधनों को संरक्षित रख सकते हैं।"

इस अध्ययन से साफतौर पर पता चलता है कि यहां पर- वन साइज फिट्स ऑल यानी एक ही चीज सभी के लिए सही हो- यह दृष्टिकोण काम नहीं करता। मरीजों को एंटीबायोटिक्स लेना है या सर्जरी करवानी है, इसके फायदों और जोखिमों का मूल्यांकन करने के बाद ही उन्हें यह निर्णय लेना चाहिए कि उनके लिए क्या महत्वपूर्ण है। अपेन्डेक्टोमी (अपेन्डिक्स का ऑपरेशन), अपेन्डिसाइटिस के इलाज के लिए मानक उपचार है और अधिकांश रोगी जल्दी और बिना जटिलताओं के ठीक हो जाते हैं।

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