अस्थमा के लक्षण अचानक बिगड़ जाने की स्थिति को अस्थमा अटैक कहते हैं। ये समस्या श्वसन मार्ग की मांसपेशियां संकुचित होने के कारण होती है।

अस्थमा अटैक के दौरान खांसी, सांस लेने में दिक्कत व सांस लेने में आवाज़ आना जैसी समस्याएं होती हैं। कम गंभीर अस्थमा अटैक घरेलू उपाय करने से ठीक हो जाता है लेकिन अधिक गंभीर अटैक घातक साबित हो सकता है।

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इस लेख में अस्थमा अटैक क्या है, लक्षण और अस्थमा अटैक आने पर खुद को और दूसरों को प्राथमिक उपचार कैसे दें के बारे में बताया गया है।

  1. अस्थमा अटैक क्या होता है - Asthma attack kya hai
  2. अस्थमा अटैक आने के लक्षण - Asthma attack ke lakshan
  3. अस्थमा अटैक के कारण क्या होते हैं - Asthma attack kyu aata hai
  4. अस्थमा अटैक से कैसे बचा का सकता है - Asthma attack se bachne ke tareeke kya hai
  5. अस्थमा अटैक आने पर क्या करें - Asthma attack ke liye prathmik upchar
  6. अस्थमा अटैक के लिए घरेलू उपाय - Asthma attack ke gharelu upay

जब अस्थमा के लक्षण बढ़ जाते हैं या अचानक बिगड़ जाते हैं, तो उसे अस्थमा अटैक आना कहा जाता है। इसमें फेफडों के अंदर की श्वसन नलियों की मांसपेशियां संकुचित होने लगती हैं, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। ये बिना किसी कारण हो सकता है या कभी-कभी कुछ विशेष कारणों के कारण भी ये समस्या हो सकती है, जैसे सिगरेट पीना या जुकाम

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अस्थमा अटैक को रोकने का तरीका होता है अटैक होने पर जल्द इसका उपाय करना। इसके उपाय जानने के लिए अस्थमा की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से बात करें ताकि आप अस्थमा का अटैक आने पर जल्द कुछ कर पाएं।

अस्थमा का अटैक आने पर आमतौर पर लोग अपने आप इनहेलर की मदद से अपनी स्थिति ठीक कर लेते हैं, लेकिन अगर उनके पास इनहेलर नहीं है, तो आप उन्हें प्राथमिक उपचार देकर उनकी मदद कर सकते हैं।

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अस्थमा अटैक के लक्षण और संकेत हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। अपने लक्षणों को पहचानने के लिए अपने डॉक्टर से बात करें। इसके कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं -

अगर बताई गई दवाएं लेने या अन्य उपाय करने के बाद भी आपके लक्षण ठीक नहीं हो रहे हैं, तो आपको आपातकालीन स्थिति में डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता हो सकती है।

ज्यादातर लोगों में जुकाम जैसे श्वसन सम्बन्धी संक्रमणों के कारण अस्थमा के लक्षण बिगड़ने लगते हैं और उन्हें अस्थमा अटैक पड़ जाता है। कभी-कभी अस्थमा अटैक बिना किसी वजह के भी हो सकता है।

जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली अधिक संवेदनशील होती है, उन लोगों में उत्तेजक पदार्थों के संपर्क में आने से श्वसन नलियां सूजने लगती हैं। ये उत्तेजक पदार्थ काम करने की जगह, घर और अन्य जगहों पर मौजूद हो सकते हैं। हर व्यक्ति को उत्तेजक करने वाले पदार्थ अलग-अलग होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य उत्तेजक पदार्थ निम्नलिखित हैं -

निम्नलिखित स्थितियों के कारण भी अस्थमा का अटैक आ सकता है -

अस्थमा की समस्या होने पर अपने डॉक्टर के साथ मिलकर अस्थमा के लिए दवाएं और अन्य तकनीकों का एक प्लान तैयार कर लें और उसका पालन करें। अस्थमा अटैक से बचने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें -

  • पराग या मिट्टी जैसे कई उत्तेजक पदार्थों से आपके अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं और आपको अस्थमा अटैक आ सकता है। अपने लक्षणों को बढ़ाने वाले उत्तेजक पदार्थों को पहचानें और उनसे बचने की कोशिश करें।
  • जैसे ही आपको अस्थमा अटैक के लक्षण महसूस हों, तुरंत अपनी दवाएं लें या इन्हेलर का इस्तमाल करें। ऐसी स्थिति में जल्दी उपचार लेने से आपके लक्षण बिगड़ने से बच सकते हैं।
  • आप अस्थमा अटैक से बचने के लिए हर साल फ्लू और निमोनिया के टीके ले सकते हैं, जिससे आप वायरस से होने वाले अस्थमा अटैक से बच सकेंगे। (और पढ़ें - निमोनिया के घरेलू उपाय)
  • धीरे-धीरे आप अपने अस्थमा अटैक के लक्षणों, जैसे खांसी आना, सांस लेने में आवाज़ आना और सांस फूलना को पहचानने लगेंगे। इन लक्षणों का ध्यान रखें और इन्हें अनुभव करने पर तुरंत डॉक्टर द्वारा बताए गए उपाय करें।

किसी और को अस्थमा अटैक आने पर मदद कैसे करें - Kisi aur ko asthma attack aane par first aid kaise de

अगर आपके सामने किसी को अस्थमा अटैक आता है, तो सबसे पहले उन्हें आराम से और धीरे-धीरे सांस लेने के लिए कहें। आप निम्नलिखित तरीके से उनकी मदद कर सकते हैं -

  • व्यक्ति तो आराम से और आरामदायक तरीके से बिठाएं।
  • "इनहेलर" (Inhaler: नाक के माध्यम से बचाव के लिए ली जाने वाली दवा) इस्तेमाल करने के लिए व्यक्ति की मदद करें। इससे उनकी श्वसन नलियों की मांसपेशियां खुलेंगी और उन्हें सांस लेने में आसानी होगी।
  • उनकी सांस, नब्ज और प्रतिक्रियाओं का ध्यान रखें। (और पढ़ें - नब्ज कैसे देखते हैं)
  • अगर व्यक्ति जवाब देना बंद कर दे, तो उनकी ठोड़ी को ऊपर करें जिससे उनका श्वसन मार्ग खुलेगा।
  • अगर इनहेलर प्रयोग करने के बाद भी कुछ मिनटों में उनके लक्षण बेहतर न हों, तो उन्हें हर 2 मिनट में इन्हेलर के 1 या 2 पफ दें।

अगर व्यक्ति के लक्षण बढ़ते जा रहे हैं या वह थकने लगे हैं या उन्हें पहली बार अस्थमा का अटैक आया है, तो तुरंत एम्बुलेंस को बुलाएं।

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खुद को अस्थमा अटैक आने पर क्या करें - Khud ko asthma attack aane par kya kare

अगर आपको अस्थमा अटैक आता है, तो निम्नलिखित उपायों का उपयोग करें -

  • सबसे पहले शांत रहने की कोशिश करें।
  • लेटें नहीं और सीधे बैठें।
  • हर 30 से 60 सेकंड में इनहेलर से एक पफ लें।
  • 10 से अधिक पफ न लें।
  • अगर आपके लक्षण बढ़ने लगें या आपको इन्हेलर से 10 पफ लेने के बाद भी बेहतर महसूस न हो, तो तुरंत एम्बुलेंस को फ़ोन करें।
  • अगर एम्बुलेंस को आने में समय लग रहा है, तो फिर से हर 30 से 60 सेकंड में इनहेलर से एक-एक पफ लेना शुरू करें।

अस्थमा अटैक आने पर शांत रहना सबसे महत्वपूर्ण होता है क्योंकि घबराहट से सांस फूलने लगती है और अस्थमा अटैक के लक्षण और बढ़ जाते हैं।

निम्नलिखित घरेलू उपाय करने से अस्थमा अटैक आने पर आपको मदद मिल सकती है -

1. सीधे बैठें
सीधे बैठने से आपकी श्वसन नली काफी हद तक खुलेगी जिससे आप और अच्छे से सांस ले पाएंगे। लोगों को ऐसी स्थिति में कुर्सी या ऐसी जगह बैठना ज़्यादा मददगार लगता है जहां पीठ को सहारा देने के लिए कुछ मौजूद हो। अस्थमा का अटैक आने पर लेटे नहीं, ऐसा करने से आपको सांस लेना मुश्किल हो सकता है।

2. धीरे-धीरे गहरी सांसें लें
धीरे-धीरे और गहरी सांस लेने से आपकी सांस नहीं फूलेगी। सांस फूलने से शरीर में जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। हालांकि, अस्थमा अटैक की स्थिति में शांत रहकर शीरे-धीरे गहरी सांसें लेना मुश्किल हो जाता है।

कुछ ब्रीथिंग एक्सरसाइज (सांस लेने के व्यायाम) करने से श्वसन नलियां लम्बे समय तक खुलती हैं, जिससे अस्थमा अटैक की स्थिति में सांस लेना आसान हो जाता है। ये व्यायाम निम्नलिखित हैं -

  • होंठ गोल करके सांस लेना - इस तरीके से सांस लेने के लिए अपनी नाक से हवा अंदर लें और होठों को गोल करके हवा बाहर निकालें। याद रहे कि जितनी हवा आप अंदर ले रहे हैं उससे दुगनी हवा बाहर निकालें।
  • ​पेट पर हाथ रख कर सांस लेना - अपने पेट पर हाथ रखकर नाक से हवा अंदर लें और गर्दन व कन्धों को आराम देते हुए हवा बाहर निकालें। याद रहे कि जो हवा आप बाहर निकाल रहे हों वो अंदर ली गई हवा से दो या तीन गुना अधिक हो।

3. सरसों का तेल
अस्थमा अटैक आने पर आपातकालीन स्थिति में सरसों के तेल का उपयोग करना लाभदायक होता है। ध्यान रहे कि यहां शुद्ध सरसों के तेल की बात की जा रही है, जो सरसों को पीसकर निकाला जाता है। बाजार में मिलने वाले संसाधित सरसों के तेल को सीधे त्वचा पर नहीं लगाना चाहिए।
शुद्ध सरसों के तेल को गरम करके उसमें थोड़ा नमक मिला लें। अब इस पेस्ट से अपने सीने पर तब तक मसाज करें जब तक आपके लक्षण ठीक न हो जाएं। इससे अस्थमा अटैक आने पर राहत मिलेगी और श्वसन नलियां खुलेंगी, जिससे फेफड़े सही से काम कर सकेंगे।

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नोट: प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट ऐड देने से पहले आपको इसकी ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अगर आपको या आपके आस-पास किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्वास्थ्य समस्या है, तो डॉक्टर या अस्पताल​ से तुरंत संपर्क करें। यह लेख केवल जानकारी के लिए है। 

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