खराब लाइफस्टाइल व डाइट की वजह से अधिकतर लोगों को पेट से जुड़ी बीमारियों का सामना करना ही पड़ता है. इनमें से एक अपेंडिसाइटिस भी है. यह समस्या अपेंडिक्स में संक्रमण की वजह से आई सूजन के कारण होती है. अपेंडिक्स होने पर पेट में तेज दर्द महसूस हो सकता है. इसके साथ ही अपेंडिक्स होने पर कब्ज, उल्टी और डायरिया जैसी समस्या भी हो सकती हैं. वैसे तो सर्जरी के माध्यम से अपेंडिक्स का इलाज किया जाता है, लेकिन नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह पर योगासन करने से अपेंडिक्स के कारण होने वाली समस्या को कम किया जा सकता है.

आज इस लेख में आप अपेंडिक्स के कारण होने वाली समस्याओं को कम करने वाले योगासनों के बारे में जानेंगे -

(और पढ़ें - अपेंडिक्स का ऑपरेशन)

  1. अपेंडिक्स के लिए योग के फायदे
  2. अपेंडिक्स में कौन-कौन से योगासन करें?
  3. सारांश
क्या अपेंडिक्स में योगासन फायदेमंद है? के डॉक्टर

अपेंडिक्स में पेट दर्द, पेट में सूजनकब्ज और डायरिया जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं. इसके अलावा, अपेंडिक्स होने पर आपको खांसनेछींकने और सांस लेने पर पेट दर्द महसूस हो सकता है. गैस पास करने में दिक्कत, भूख में कमी और उल्टी जैसे लक्षण भी अपेंडिक्स में देखने को मिल सकते हैं. ऐसे में इन लक्षणों को कम करने में कुछ खास योगासन फायदेमंद हो सकते हैं.

डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से योगासन करके अपेंडिक्स के दौरान होने वाले कब्ज, उल्टी और पेट दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है. साथ ही सर्जरी के कितने दिन बाद योगासन व व्यायाम करना है, इस बारे में डॉक्टर ही बेहतर बता सकते हैं.

(और पढ़ें - अपेंडिक्स का होम्योपैथिक इलाज)

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अपेंडिक्स एक गंभीर समस्या होती है. अधिकतर मामलों में इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन शुरुआती लक्षणों को कम करने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास करना फायदेमंद हो सकता है. नीचे बताए गए 4 योगासन अपेंडिक्स के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं. ध्यान रहे कि अगर किसी की हाल ही में अपेंडिक्स की सर्जरी हुई है, तो उसे ये योगासन डॉक्टर से पूछे बिना नहीं करने चाहिए -

विपरीत करणी आसन

विपरीत करणी आसन फिट और हेल्दी रहने के लिए सबसे अच्छे आसनों में से एक है. यह आसन दो शब्दों विपरीत और करणी से मिलकर बना है. इसमें विपरीत का मतलब ‘उल्टा’ और करणी का मतलब ‘करना’ होता है. इस आसान में शरीर को उल्टा करना होता है. अपेंडिक्स रोगियों के लिए यह आसन फायदेमंद हो सकता है. इसे करने से पेट की मसल्स मजबूत बनती हैं, साथ ही पाचन क्रिया में भी सुधार होता है. इसे करने का तरीका नीचे बताया गया है -

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दीवार के पास एक योग मैट बिछा लें.
  • अब इस मैट पर पीठ के बल लेट जाएं.
  • फिर अपने कूल्हों या हिप्स को दीवार के पास रखें.
  • वहीं, दोनों पैरों को ऊपर की तरफ सीधा कर दीवार के साथ सटा लें. 
  • अगर मुश्किल हो तो कूल्हों के नीचे तकिया रख सकते हैं.  
  • इस दौरान अपने हाथों को सिर के साथ एकदम सीधा रखें.
  • आप चाहें तो हाथों से कमर को सहारा देते हुए ऊपर भी उठा सकते हैं. 
  • अब इस पोजिशन में कुछ देर रुकें और फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं.
  • आप इस आसन को 3-5 बार दोहरा सकते हैं.

(और पढ़ें - पेट साफ करने के लिए योग)

पवनमुक्तासन

अपेंडिक्स के रोगियों को अक्सर गैस पास करने में दिक्कत आती है, ऐसे में पवनमुक्तासन करना काफी कारगर साबित हो सकता है. पवनमुक्तासन करने से अपेंडिक्स के लक्षणों में शामिल कब्ज और गैस से छुटकारा मिल सकता है. साथ ही इस आसन को करने से पेट, कूल्हों और जांघों को भी आराम मिलता है. इस आसन को करने से पाचन तंत्र मजबूत बनता है, इससे पेट से जुड़ी समस्याओं के लक्षणों में कमी आती है. पवनमुक्तासन करने का तरीका -

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछा लें और उस पर पीठ के बल आराम से लेट जाएं.
  • अपने दोनों पैरों को सीधे 90 डिग्री तक उठाएं.
  • इसके बाद दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें.
  • दोनों पैरों के घुटनों और टखनों को एक साथ मिलाकर रखें.
  • अब अपने दोनों हाथों से पैरों को पकड़ें और सांस लेते हुए घुटनों को छाती से स्पर्श करने का प्रयास करें. 
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए गर्दन ऊपर उठाएं और ठोड़ी को छाती या घुटनों पर लगाएं.
  • इस अवस्था में 10-20 सेकंड तक रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें.
  • इसके बाद सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं. 
  • आप इस आसन को 3-6 बार दोहरा सकते हैं.
  • अगर आपकी हाल ही में कोई सर्जरी हुई है, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें. 

(और पढ़ें - पेट दर्द के लिए योगासन)

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पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन करने से भी अपेंडिक्स के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. इस योगासन को करने से पाचन में सुधार होता है और शरीर को आराम मिलता है. अगर किसी व्यक्ति में अपेंडिक्स के शुरुआती लक्षण नजर आ रहे हैं, तो वह इस आसन का अभ्यास कर सकता है. पश्चिमोत्तानासन करने की विधि -

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योग मैट बिछा लें.
  • इस योग मैट पर अपने दोनों पैरों को सामने की तरफ फैलाकर बैठ जाएं.
  • पैरों की उंगलियों को एक साथ मिलाकर रखें.
  • इसके बाद लंबी सांस लेते हुए हाथों को सीधा ऊपर की तरफ उठाएं.
  • फिर सांस छोड़ते हुए कमर से शरीर को आगे की तरफ झुकाने की कोशिश करें.
  • फिर अपने हाथों से पैरों के तलवों को पड़कने और नाक से घुटनों को छूने की कोशिश करें.
  • इस अवस्था में कुछ सेकंड रुकें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें.
  • सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं और इसे 3-5 बार दोहराएं
  • अगर आपको साइटिका या स्लिप डिस्क की समस्या है, तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें.

(और पढ़ें - पेट की गैस के लिए योग)

भुजंगासन

भुजंगासन को कोबरा पोज के नाम से भी जाना जाता है. इस आसन में शरीर कोबरा के फन की तरह उठा होता है. भुजंगासन करने से पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. इस आसन को करने से पाचन में भी सुधार होता है. रोजाना इस आसन को करने से अपेंडिक्स में होने वाले कब्ज, पेट में दर्द और गैस आदि जैसे लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. भुजंगासन को इस तरह से किया जाता है -

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले फर्श पर योग मैट बिछा लें.
  • अब इस मैट पर पेट के बल लेट जाएं.
  • अपने पैरों को कूल्हों की चौड़ाई तक फैलाएं.
  • अपनी हथेलियों को कोहनियां से मोड़कर कंधों के साथ में रखें. 
  • अब अपनी हथेलियों पर दबाव डालें और सांस लेते अपने शरीर को नाभि तक ऊपर उठाएं.
  • पीठ, पेट और गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस करें. 
  • इस अवस्था में थोड़ी देर रुकें और 4-5 बार सांस लें. 
  • फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं.
  • इस आसन का अभ्यास 3-5 बार आसानी से किया जा सकता है.
  • अगर पेट और गर्दन में दर्द हो, तो इसका अभ्यास धीरे-धीरे करें.

(और पढ़ें - पेट की चर्बी कम करने के योगासन)

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अपेंडिक्स एक छोटी थैली होती है, जो बड़ी आंत से जुड़ी होती है. जब अपेंडिक्स में सूजन आती है, तो आपको कब्ज, पेट में दर्द, मितली और उल्टी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं. ऐसे में इस लेख में बताए गए योगासनों की मदद से अपेंडिक्स के शुरुआती लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है. साथ ही आपको इसका संपूर्ण इलाज करवाना भी जरूरी होता है, क्योंकि सिर्फ योग के जरिए अपेंडिक्स को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता. अपेंडिक्स होने पर डॉक्टर आपको सर्जरी करवाने की सलाह दे सकते हैं. ऐसे में आपको सर्जरी के बाद अपनी अधिक देखभाल की जरूरत होती है.

(और पढ़ें - कब्ज के लिए योग)

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