क्या आप जानते हैं आपके नाखून आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के बारे में संकेत दे सकते हैं. आप अपने नाखूनों से लिवर, फेफड़ों और दिल के रोगों तक के बारे में जान सकते हैं. कई बार आपने देखा होगा नाखून बहुत ज्यादा सफेद, पीले या गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं. नाखूनों की बनावट, मोटाई या रंग में बदलाव आपको संकेत देता है कि आप स्वस्थ, नहीं है. नाखूनों में इस तरह का बदलाव इंफेक्शन, फंगस या एलर्जी के कारण भी हो सकता है.

आज इस लेख में हम जानेंगे नाखूनों के पीले पड़ने का क्या कारण हैं. साथ ही ये भी जानेंगे पीले नाखूनों को सफेद कैसे किया जाए.

  1. नाखूनों के पीले पड़ने के कारण
  2. येलो नेल सिंड्रोम है नाखूनों के पीलेपन का कारण
  3. नाखूनों पर पीले पैच बनने का है ये कारण
  4. अधिक पीले नाखून हो सकते हैं इन गंभीर बीमारियों का संकेत
  5. पीले नाखून को सफेद करने के नुस्खे
  6. पीले नाखून का इंफेक्शन कैसे ठीक करें
  7. सारांश
नाखूनों का रंग पीला क्यों पड़ जाता है? पीले नाखून को सफेद कैसे करें? के डॉक्टर

अगर आपके नाखूनों का पीलापन लगातार रहता है तो ये अच्छे संकेत नहीं है. पीले नाखून होने का सबसे मुख्य कारण फंगल इंफेक्शन है. जैसे-जैसे फंगल इंफेक्शन बढ़ता है, वैसे-वैसे नाखून मोटे हो जाते हैं और उखड़ भी सकते हैं. लेकिन कई बार नाखूनों में पीलापन एंटीफंगल क्रीम के इस्तेमाल से भी दूर हो सकता है. कई बार नाखूनों में पीलापन विटामिन या मिनरल्स की कमी के कारण हो सकता है. कुछ दुर्लभ मामलों में पीले नाखूनों का कारण त्वचा कैंसर का संकेत भी हो सकता है.

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येलो नेल सिंड्रोम (वाईएनएस; yellow nail syndrome) भी पीले नाखूनों का कारण हो सकता है. इस विकार के दौरान नाखून मोटे हो जाते हैं और बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं. कभी-कभी नाखूनों में क्यूटिकल (cuticle) की कमी हो जाती है. इस सिंड्रोम वाले लोगों को लिम्फेडेमा या सूजन की समस्या भी हो सकती है. येलो नेल सिंड्रोम फेफड़ों में पानी का कारण बन सकता है. येलो नेल सिंड्रोम के कारण श्वसन संबंधी समस्याएं जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस या साइनसिसिस, रूमेटाइड गठिया और निचले अंगों में सूजन तक शामिल हैं. इस सिंड्रोम में नाखून बेहद कमजोर हो जाते हैं, जो कि आसानी से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं. एक्सपर्ट ये नहीं जान पाएं हैं कि आखिर ये विकार क्यों होता है लेकिन यह 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों में बहुत आम समस्या है.

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नाखूनों पर कई बार पीले पैच बन जाते हैं. ये एक अलग तरह का फंगल इंफेक्शन होता है जिसे प्रॉक्सिमल सबंगुअल ऑनिकोमाइकोसिस (proximal subungual onychomycosis) के नाम से जाना जाता है. ये आमतौर पर पैरों में नाखूनों के बेस पर क्यूटिकल (cuticle) के पास दिखाई देते हैं. इस फंगल इंफेक्शन के दौरान पीले या सफेद पैच नाखूनों पर दिखाई देते हैं. ऐसा फंगल इंफेक्शन आमतौर पर कमजोर इम्यून सि‍स्टम वाले लोगों को होता है. इतना ही नहीं, ये इंफेक्शन एचआईवी का भी संकेत हो सकता है.

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कुछ दुर्लभ स्थितियों में नाखूनों में बहुत ज्यादा पीलापन दिखाई देता है. ये स्थिति किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है. जैसे - 

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पीले नाखूनों का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है. पीले नाखून सबसे ज्यादा इंफेक्शन या खराब प्रोडक्ट के इस्तेमाल के कारण पड़ते हैं. जानें, कैसे करें पीले नाखूनों को सफेद.  

  • टी ट्री ऑयल को ऑलिव, कोकोनट या जोजोबा ऑयल के साथ मिलाकर प्रभावित नाखून पर लगाएं. एक रिसर्च के मुताबिक, टी ट्री ऑयल नाखून में फंगस को बढ़ने से रोकता है. 
  • प्रभावित नाखून को बेकिंग सोडा के साथ मिलाकर गर्म पानी में भिगो सकते हैं. ये फंगस को फैलने से रोकता है. इससे नाखून पहले से अधिक साफ दिखाई देने लगेंगे.
  • अजवाइन ऑयल में एंटीमाइक्रोबियल (antimicrobial) गुण होते हैं. यह बैक्टीरिया और फंगस को प्रभावी रूप से दूर करने में लाभदायक हैं. यदि आपको नाखून पीले होने का कारण नहीं पता है तो आप प्रभावित नाखूनों पर अजवायन तेल को ऑलिव, काकोनट या जोजोबा के तेल के साथ मिलाकर लगा सकते है. 
  • प्रभावित नाखून पर सिरका लगाना भी फायदेमंद साबित हो सकता हैं. 
  • डायट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन ई का सेवन करें. विटामिन ई को येलो नेल सिंड्रोम के इलाज में सबसे उपयोगी माना जाता है. विटामिन ई स्वस्थ नाखून के विकास को उत्तेजित करता है, इसलिए इसे प्रभावित नाखून पर लगाया भी जा सकता है या विटामिन ई युक्त फूड का सेवन किया जा सकता है. 
  • प्रभावित नाखून पर हाइड्रोजन पेरोक्साइड को बेकिंग सोडा के साथ गर्म पानी के मिश्रण में भिगोकर लगाना कारगर होता है. हाइड्रोजन पेरोक्साइड में "ऑक्सीकरण" क्षमता होती है, जो दाग हटाता है. हाइड्रोजन पेरोक्साइड नाखून में गहराई तक जाता है और पीले रंग को हल्का करता है.

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पीले नाखून का इंफेक्शन ठीक करने के लिए आपको ये करना है -

  • पीले नाखूनों को सफेद करने के लिए डॉक्टर फंगल इंफेक्शन का इलाज क्रीम या लैकर (lacquer) के जरिए कर सकते हैं, जिसे प्रभावित नाखून पर लगाया जाता है. इस तरीके से पैरों के नाखूनों के पीलेपन के सालभर में ठीक किया जा सकता है. 
  • ओरल एंटीफंगल दवाओं के सेवन और नाखून पर दवा लगाने से भी नाखून के पीलेपन का जल्दी इलाज हो सकता है. टेरबिनाफाइन और इट्राकोनाजोल दोनों दवाओं को डायबिटीज के मरीजों के लिए सुरक्षित माना जाता है. डॉक्टर की सलाह पर आप इन दवाओं का सेवन नाखूनों का पीलापन दूर करने के लिए कर सकते हैं. ध्यान रहें, इन दवाओं के बहुत हल्के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. 
  • नेल इंफेक्शन के लिए अभी और नए इलाजों पर रिसर्च हो रही है. इनमें लेजर, फोटोडायनेमिक थेरेपी शामिल है. 
  • कुछ मामलों में इंफेक्शन को दूर करने के लिए पोडियाट्रिस्ट (podiatrist) प्रभावित नाखूनों को अलग कर सकता है. ये स्थिति तब आती है जब इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल जाए और किसी और इलाज से ठीक ना हो रहा हो.

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हालांकि निश्चिकततौर पर नाखूनों में बदलाव कई स्थितियों के कारण होता है, लेकिन ये सिर्फ पहला संकेत हो सकता है. आमतौर पर नाखूनों में बदलाव हानिरहित होता है. लेकिन अगर घरेलू उपचार भी पीले नाखूनों पर प्रभावी नहीं है या आप अपने नाखूनों के रंग या कुछ असामान्य बदलाव को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं तो आपको अंतर्निहित कारणों का पता लगाने के लिए तुरंत डॉक्टर या त्वचा विशेषज्ञ से मिलना चाहिए.

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Dr. Ravikumar Bavariya

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