अत्यधिक या असामान्य रूप से बालों का झड़ना आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है. बालों का झड़ना सभी में आम बात है, जरूरी नहीं यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो, यह तनाव, गर्भावस्था, बीमारी या किसी दवा का लक्षण हो सकता है, जो बालों के विकास और झड़ने के पैटर्न को बदल सकता है. आज हम बात करेंगे कि महिलाओं में बालों के झड़ने के प्रकार क्या-क्या हो सकते हैं और इनके पीछे कौन-कौन से कारण हो सकते हैं.

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  1. महिलाओं में बालों के झड़ने के प्रकार
  2. सारांश
महिलाओं के बाल झड़ने के प्रकार को जानिए के डॉक्टर

महिलाओं में बालों के झड़ने के पहले दो प्रकार डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन (DHT) से जुड़े हैं, जो पुरुष हार्मोन, टेस्टोस्टेरोन का ही एक हिस्सा है. आइए नजर डालते हैं महिलाओं में बाल झड़ने के कुछ प्रकारों पर - 

एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया

इसे एंड्रोजेनिक एलोपेसिया भी कहा जाता है, इससे पीड़ित अधिकांश महिलाओं के पूरे सिर के बालों में पतलापन आ जाता है. कुछ महिलाओं में दो प्रकार के पैटर्न का मेलजोल होता है. महिलाओं में एंड्रोजेनिक एलोपेसिया में गड़बड़ी के कारण होता है. यह आमतौर पर महिलाओं में केवल थोड़ी मात्रा में मौजूद होता है. एंड्रोजेनेटिक एलोपेसिया होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे - ओवेरियन अल्सर, उच्च एंड्रोजन इंडेक्स, बर्थ कंट्रोल पिल्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज.

(और पढ़ें - बाल किन बीमारियों से झड़ते हैं)

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टेलोजन एफ्लुवियम

जब आपका शरीर बच्चे के जन्म, कुपोषण, गंभीर संक्रमण, बड़ी सर्जरी या अधिक तनाव जैसी स्थिति से गुजरता है, तो इससे टेलोजन एफ्लुवियम की स्थिति पैदा हो सकती है. इस स्थिति में बाल तेजी से झड़ते हैं. तनाव ग्रस्त होने पर लगभग 6 सप्ताह से 3 महीने के बाद टेलोजेन एफ्लुवियम की समस्या शुरू हो सकती है. टेलोजन एफ्लुवियम होने पर एक बार में मुट्ठी भर बाल झड़ने का जोखिम बन रह सकता है. इसलिए, जरूरी है कि गंभीर तनाव से बचा जाए.

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एनाजेन एफ्लुवियम

एनाजेन एफ्लुवियम हेयर फॉलिकल्स को नुकसान पहुंचने पर बाल झड़ने का कारण बनता है. ऐसा कोई भी कारण जो हेयर फॉलिकल के मेटाबॉलिज्म या सेलुलर-लेवल माइटोटिक गतिविधि को नुकसान पहुंचाता है, वो एनाजेन एफ्लुवियम का कारण बनता है. इसमें बालों का झड़ना आमतौर पर कीमोथेरेपी से जुड़ा होता है. चूंकि, कीमोथेरेपी तेजी से विभाजित होने वाली कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करती है, इसलिए आपके शरीर की अन्य तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाएं - जैसे हेयर फॉलिकल्स भी बहुत प्रभावित होते हैं. कीमोथेरेपी शुरू होने के तुरंत बाद एनाजेन चरण वाले लगभग 90% या अधिक बाल झड़ सकते हैं.

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एलोपेशिया एरियाटा

एलोपेसिया एरियाटा में व्यक्ति की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली हेयर फॉलिकल्स की जड़ों को नुकसान पहुंचाने लगती है. लक्षणों में बालों का अनियमित रूप से झड़ना शामिल है, जो कभी-कभी अचानक से विकसित हो सकता है. लगभग 70% रोगियों के बाल दो साल के भीतर खुद ठीक हो जाते हैं, चाहे उन्हें इलाज मिले या नहीं.

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ट्रैक्शन एलोपेसिया

यह स्थिति टाइट हेयर स्टाइल के कारण हेयर फॉलिकल्स पर पड़ने वाले तनाव के कारण पैदा हो सकती है, जिससे बाल जड़ों से खिंचते हैं. यदि स्थिति का जल्दी पता चल जाए, तो बाल फिर से उग सकते हैं. ब्रेडिंग, टाइट पोनीटेल और एक्सटेंशन ट्रैक्शन एलोपेसिया के सबसे आम स्टाइलिंग कारण हैं.

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तो ये थे महिलाओं में बाल झड़ने के कुछ प्रकार और कारण. उम्मीद है आप महिलाओं में बाल उगने और फिर गिरने के पैटर्न को अच्छी तरह समझ गए होंगें. अगर आप अत्यधिक बाल झड़ने की समस्या से जूझ रही हैं, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाइए, ताकि समय रहते बाल झड़ने कि समस्या पर काबू पाया जा सके. अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें और यथासंभव तनाव से बचकर रहें.

(और पढ़ें - कम उम्र में बाल झड़ने का इलाज)

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