सनस्क्रीन के नुकसान इस प्रकार हैं -
1. सनस्क्रीन से एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है -
सनस्क्रीन में कुछ केमिकल होते हैं जिनके कारण स्किन इरिटेशन जैसे लालिमा, सूजन और खुजली की समस्या होने लगती है। कुछ लोगों को गंभीर एलर्जिक रिएक्शन भी होते हैं। एलर्जिक रिएक्शन में रैशेस और अधिक खुजली की परेशानी होती है। सनस्क्रीन में मौजूद खुशबू और उस प्रोडक्ट को कुछ समय तक बचाकर रखने वाले केमिकल से एलर्जी रिएक्शन होता है। हाल ही में की गयी एक रिसर्च से पता चला है कि सनस्क्रीन में पाबा (PABA - Para-aminobenzoic Acid) केमिकल होता है जिसके कारण कई तरह की स्किन एलर्जी हो सकती है। त्वचा के अनुसार सनस्क्रीन को खरीदने से पहले अपने डॉक्टर से बात जरूर करें।
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2. ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा देता है -
सनस्क्रीन में ऐसी सामग्रियां होती हैं जो ब्रैस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। कुछ सनस्क्रीन ब्लड एस्ट्रोजन स्तर पर प्रभाव डालती हैं। तो बच्चों को सनस्क्रीन देने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार बात जरूर कर लें, क्योंकि सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल बच्चों की त्वचा पर तेजी से अवशोषित होते हैं।
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3. आँखों में जलन हो सकती है -
आँखों में सनस्क्रीन जाने से दर्द और जलन की समस्या पैदा हो सकती है। सनस्क्रीन लगाते वक़्त या पसीने के जरिये आपकी आँखों में सनस्क्रीन चली जाती है। सनस्क्रीन के कारण आपको देखने में भी तकलीफ हो सकती है। कुछ सनस्क्रीन ऐसी भी होती हैं, जिनमें काफी अधिक मात्रा में केमिकल मौजूद होते हैं। तो अगली बार जब भी आपकी आँखों में सनस्क्रीन जाए तो उन्हें ठंडे पानी से धोएं और अगर आँखों में तब भी जलन होती है या लालिमा नजर आती है तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
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4. सनस्क्रीन से बालों की रोम में पस निकलता है -
जब आप सनस्क्रीन लगाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि सनस्क्रीन आपके बालों की रोम तक न पहुंचे। सिर्फ और सिर्फ सनस्क्रीन माथे तक लगाएं। आपकी सिर की त्वचा पसीने की वजह से चिपचिपी व तैलीय हो जाती है और सनस्क्रीन के सम्पर्क में आने से उस क्षेत्र पर छोटे-छोटे दाने हो सकते है और आगे जाकर इनमें पस भी भर सकता है। ऐसे ये समस्या गंभीर भी हो सकती है। इसलिए सनस्क्रीन लगाने के बाद अगर आपको सिर की त्वचा में किसी भी प्रकार की परेशानी जैसे खुजली, जलन आदि महसूस होती है तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर को दिखाएं।
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5. सनस्क्रीन से मुहांसे और बढ़ जाते हैं -
अगर आपको कील-मुहांसों की समस्या है तो सनस्क्रीन में मौजूद कुछ केमिकल मुहांसों को और बढ़ा सकते हैं। सनस्क्रीन के इस साइड इफ़ेक्ट से छुटकारा पाने के लिए आप नॉन-कॉम्डोजेनिक (non-comedogenic) और नॉन-ऑयली सनस्क्रीन लगा सकते हैं। हमारी आपको यही सलाह है कि अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार ही सनस्क्रीन लगाएं या डॉक्टर से बात करने से पहले ही सनस्क्रीन का चयन करें। बॉडी सनस्क्रीन का उपयोग चेहरे पर न करें।
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