अनहेल्दी डाइट, इनएक्टिव लाइफस्टाइल और तनाव को मोटापे का मुख्य कारण माना जाता है. मोटापे के कारण शरीर में अधिक फैट जमा हो जाता है. मोटापा न सिर्फ शारीरिक लुक को खराब करता है, बल्कि यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है. मोटे लोगों में डायबिटीज, थायराइड और हृदय रोग होने का जोखिम अधिक रहता है. आपको बता दें कि मोटापे को आमतौर पर बहुत अधिक बॉडी मास के रूप में परिभाषित किया जाता है यानी जिस व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई काफी अधिक होता है, वह मोटापे की कैटेगरी में आता है. मोटापा कई प्रकार का होता है और बीएमआई के आधार पर ही इसके प्रकार को निर्धारित किया जाता है। 

आज इस लेख में आप मोटापा के प्रकार और उसके इलाज के बारे में विस्तार से जानेंगे -

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  1. मोटापा क्या होता है?
  2. मोटापे के प्रकार
  3. मोटापे का समाधान
  4. सारांश
मोटापे के प्रकार व समाधान के डॉक्टर

अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई काफी ज्यादा होता है, तो इसे अधिक वजन या मोटापा कहा जाता है. बॉडी मास इंडेक्स की मदद से मोटापे का पता लगाया जा सकता है -

  • अगर किसी व्यक्ति का बीएमआई 18.5 से कम है, तो वह अंडरवेट की कैटेगरी में आता है.
  • इसके अलावा, अगर व्यक्ति का बीएमआई 18.5 से अधिक और 25 से कम होता है, तो उसे स्वस्थ वजन माना जाता है.
  • अगर व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 25 से अधिक और 30 से कम है, तो इसे ओवरवेट की कैटेगरी में डाला जाता है.
  • 30 या उससे अधिक बीएमआई वाले व्यक्ति को मोटापे की कैटेगरी में रखा जाता है.

(और पढ़ें - मोटापे का आयुर्वेदिक इलाज)

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जिस भी व्यक्ति का बीएमआई 30 से अधिक होता है, उसे मोटा माना जाता है, लेकिन 30 से अधिक बीएमआई को भी कई कैटेगरी में बांटा गया है. इससे मोटापे के प्रकार के बारे में पता चल पाता है. मोटापे के प्रकार निम्न हैं -

क्लास 1 मोटापा

अगर व्यक्ति का बीएमआई 30 से 35 के बीच है, तो उसे मोटापे की क्लास 1 टाइप में रखा जाता है. इस स्थिति में व्यक्ति के शरीर में फैट जमा हो रहा होता है. अगर इस स्थिति में मोटापे को कंट्रोल न किया जाए, तो स्थिति गंभीर रूप ले सकती है.

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क्लास 2 मोटापा

अगर व्यक्ति का बीएमआई 35 से 40 के बीच है, तो इसे मोटापे की क्लास 2 टाइप माना जाता है. यह स्थिति थोड़ी गंभीर हो सकती है. इस स्थिति में व्यक्ति को तनाव, थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है. अगर मोटापे की क्लास 2 को कंट्रोल न किया जाए, तो व्यक्ति कई बीमारियों की चपेट में आ सकता है.

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क्लास 3 मोटापा

अगर व्यक्ति का बीएमआई 40 या उससे अधिक है, तो इसे मोटापे की क्लास 3 टाइप माना जाता है. यह मोटापे का एक गंभीर प्रकार होता है. इस स्थिति में व्यक्ति को नींद से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं. साथ ही डायबिटीज, हृदय रोग व थायराइड जैसी बीमारियां होने का जोखिम भी अधिक बना रहता है. इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए समय-समय पर बीएमआई को चेक करते रहना चाहिए. अगर बीएमआई 30 हो जाता है, तो इस स्थिति को सामान्य बिल्कुल न समझें, क्योंकि धीरे-धीरे बीएमआई बढ़ता रहेगा और फिर स्थिति गंभीर रूप ले सकती है.

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मोटापे का इलाज जीवनशैली में बदलाव करके और कुछ दवाइयों की मदद से किया जा सकता है. अगर कोई मोटापे से जूझ रहा है, तो उसे अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने की कोशिश करनी चाहिए -

  • फास्ट फूड व जंक फूड से पूरी तरह से परहेज करें.
  • कैफीनशराब या धूम्रपान करने से भी वजन बढ़ सकता है. इसलिए इससे बचें.
  • फलसब्जियोंसाबुत अनाज और फलियों का सेवन करें.
  • अपनी डाइट में फाइबर और प्रोटीन को शामिल करें.
  • अधिक कैलोरी, फैट और कार्ब्स लेने से बचना चाहिए.
  • रोजाना एक्सरसाइज और योग करें.
  • इसके अलावा, कुछ दवाइयों की मदद से भी वजन को घटाया जा सकता है. इस स्थिति में डॉक्टर कुछ दवाइयां लिख सकते हैं, लेकिन अगर किसी का बीएमआई 30 है, तो इस स्थिति में दवाइयां लेने से बचना चाहिए.

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मोटापा एक आम समस्या बन गई है. वैसे तो मोटापा कोई बीमारी नहीं है, लेकिन मोटापे की वजह से कई बीमारियां होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है. वैसे तो मोटापे का पता शरीर और वजन को देखकर ही लगाया जा सकता है, लेकिन मोटापे के प्रकार को जानने के लिए बीएमआई की जांच की जा सकती है, क्योंकि मोटापे को 3 कैटेगरी में बांटा गया है. अगर बीएमआई 40 से अधिक है, तो यह मोटापे की गंभीर स्थिति हो सकती है. इसलिए, स्वस्थ रहने के लिए वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी होता है. इसके लिए हेल्दी डाइट ले और योग व एक्सरसाइज करें. साथ ही डॉक्टर द्वारा लिखी गई कुछ दवाइयों का भी सेवन करें.

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