सफेद पानी या व्हाइट वजाइनल डिस्चार्ज प्रत्येक महिला के मासिक धर्म का हिस्सा होता है. यह व्हाइट डिस्चार्ज योनि को साफ करने, चिकनाई देने व संक्रमण से बचाने में मदद करता है. सफेद पानी कितनी मात्रा में और कैसा आ रहा है, ये पूरे महीने में शरीर में हो रहे हार्मोंस के उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. डॉक्टरों का मानना है कि पीरियड के बाद योनि से सफेद पानी आना चिंता का विषय नहीं होता है.
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आज इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे और जानने का प्रयास करेंगे कि पीरियड के बाद सफेद डिस्चार्ज क्यों होता है -
(और पढ़ें - सफेद पानी किसकी कमी से आता है)
- पीरियड के बाद सफेद डिस्चार्ज होने का कारण
- क्या पीरियड के बाद सफेद डिस्चार्ज होना सुरक्षित है?
- डॉक्टर को कब दिखाएं?
- सारांश
पीरियड के बाद सफेद डिस्चार्ज होने का कारण
इसका जवाब बेहद आसान-सा है, जिसे हम नीचे क्रमवार तरीके से समझा रहे हैं -
- मासिक धर्म चक्र के दौरान मस्तिष्क और ओवरी से रिप्रोडक्टिव सिस्टम को संकेत मिलते रहते हैं.
- इससे मासिक धर्म चक्र के प्रत्येक चरण में महिला सेक्स हार्मोन-एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता रहता है.
- वहीं, योनि से निकलने वाले जिस तरल पदार्थ का निर्माण गर्भाशय ग्रीवा और योनि की ग्रंथियों के द्वारा होता है, उन पर इन हार्मोन के परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है.
- इससे मासिक धर्म की ब्लीडिंग खत्म होने के कुछ दिनों बाद एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है और व्हाइट डिस्चार्ज होता है. साथ ही शरीर ओवुलेशन के लिए तैयार होने लगता है.
(और पढ़ें - सफेद पानी में क्या खाना चाहिए)
क्या पीरियड के बाद सफेद डिस्चार्ज होना सुरक्षित है?
हां, व्हाइट या क्लीयर डिस्चार्ज होना आम बात है. आमतौर पर इसे हेल्दी, सेफ और नॉर्मल माना जाता है. व्हाइट डिस्चार्ज होना इस ओर संकेत करता है कि महिला का रिप्रोडक्टिव सिस्टम ठीक से काम कर रहा है. हालांकि डिस्चार्ज की मात्रा और टाइप पूरे महीने शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव और मासिक धर्म चक्र पर निर्भर करती है. व्हाइट डिस्चार्ज का रंग और गाढ़ापन हार्मोंस के उतार-चढ़ाव के कारण बदलती रहती है.
इस संबंध में विशेषज्ञ मानते हैं कि पीरियड्स की शुरुआत होने से एक वर्ष पहले ही लड़कियों को व्हाइट डिस्चार्ज होने लगता है, लेकिन पीरियड्स शुरू होने और पीरियड खत्म होने के बाद भी व्हाइट डिस्चार्ज होना सामान्य है. दरअसल, सफेद पानी वजाइना को क्लीन और मॉइश्चराइज करने का काम करता है.
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डॉक्टर को कब दिखाएं?
कभी-कभी कुछ स्थितियों में सफेद पानी किसी समस्या की ओर इशारा कर सकता है. ऐसे में कुछ स्थितियों को ध्यान में रखना जरूरी है, जैसे -
- जब सफेद डिस्चार्ज पस, कॉटेज चीज़ या फॉम की तरह दिखे.
- जब सफेद पानी से तेज और असहनीय दुर्गंध आ रही हो.
- सफेद पानी के साथ वजाइना में जलन, खुजली, सूजन और रेडनेस होने लगे.
- पेल्किव एरिया या पेट में तेज दर्द होने लगे.
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सारांश
पीरियड्स के कुछ दिनों बाद सफेद पानी आना पूरी तरह से सामान्य स्थिति है. मासिक धर्म चक्र के दौरान पूरे महीने वजाइनल डिस्चार्ज का रंग, मात्रा और स्वरूप बदलता रहता है. कभी-कभी ये सफेद दूधिया रंग का या थोड़ा गाढ़ा होता है. आमतौर पर वजाइनल डिस्चार्ज का कलर व्हाइट, ऑफ-व्हाइट या लाइट यैलो होता है. वहीं, ओवुलेशन के दौरान सफेद पानी एकदम क्लीयर, चिपचिपा और चिकना होता है. अगर सामान्य सफेद पानी के साथ इस लेख में बताए अन्य लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
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