गोमुखासन का नाम दो शब्दों पर रखा गया है: गऊ और मुख। गऊ यानी गाए और मुख यानी चेहरा। गोमुखासन को यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि इस आसान में आपके जांघ और पिंडली गाय के चेहरे के समान मुद्रा में होते हैं: पीछे की ओर चौड़ा और सामने की तरफ पतला।
इस लेख में गोमुखासन करने के तरीकों को समझाया गया है और इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी बताया गया है। साथ ही इस आसन से जुड़ी सावधानियों की जानकारी भी दी गई है।
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