हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन कूल्‍हों और टांगों की सभी मांसपेशियों को स्‍ट्रेच करने पर फोकस करता है। यह बहुत सरल और उत्तम आसन है जिससे पेल्विक हिस्‍से को मजबूती मिलती है, यह खासतौर पर लड़कियों के लिए फायदेमंद होता है।

हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन इस मुद्रा के लिए बिलकुल सही नाम है। हस्‍त शब्‍द का मतलब होता है हाथ, पाद का अर्थ पद या‍नि पैद और अंगुष्‍ठा का मतलब पैर की उंगली होता है। इस मुद्रा में आपको करवट लेकर लेटना होता है और टांग और बांह को ऊपर उठाकर पैर की उंगलियों को छूना होता है।

आगे जानिए कि हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन को करने का सही तरीका क्‍या है और इसके क्‍या लाभ हैं।

  1. हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन करने का सही तरीका - Correct way to do hasta pada angushthasana in hindi
  2. हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन के लाभ - Hasta pada angushthasana benefits in hindi
  3. हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन में संशोधन - Easy modifications for hasta pada angushthasana in hindi
  4. हस्‍त पाद अंगुष्‍ठासन से जुड़ी सावधानियां - Precautions to take while doing hasta pada angushthasana in hindi

इस आसन को आप इस तरह से कर सकते हैं :

  • पहले करवट लेकर लेट जाएं।
  • अब बांहों को सिर के ऊपर से सीधा खींचें, हथेलियां एक-दूसरे के सामने होनी चाहिए ताकि आपका पूरा शरीर एक सीध में रहे। यह बेस पोजीशन है।
  • आपकी दाईं टांग, बाईं टांग के बिलकुल ऊपर होनी चाहिए।
  • अब सांस अंदर लेते समय दाईं बांह और टांग को हल्‍के से उठाएं और पैर के अंगूठे को दाएं हाथ से पकड़ने की कोशिश करें लेकिन आपको अपनी कोहनी या घुटने को मोड़ना नहीं है।
  • इस पोजीशन में 10 मिनट तक रहें।
  • सांस छोड़ते समय, वापिस बेस पोजीशन में आएं।
  • फिर दाईं तरफ करें और दूसरी टांग से इस आसन को दोहराएं।
  • आप दोनों तरफ से इस आसन को 5 से 10 बार करें।
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इस आसन को करने से निम्‍न फायदे मिलते हैं :

  • इससे पोस्‍चर में सुधार आता है।
  • यह आसन रीढ़ की हड्डी और टांगों को मजबूती देता है।
  • इससे कूल्‍हे के जोड़ के लचीलेपन में सुधार आता है।
  • यह आसन कुल्‍हों और जांघों के फैट को कम करने में मदद करता है।
  • इससे कूल्‍हे और टांगें टोन होती हैं।

अगर आप पैर के अंगूठे को नहीं पकड़ पा रहे हैं तो बस अपने पैर काे पकड़ सकते हैं।

इस आसन को करते समय कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाहिए :

  • अगर आपको साइटिका है, तो इस आसन को न करें।
  • स्‍पॉन्डिलाइटिस के मरीज या रीढ़ की हड्डी, कूल्‍हे या पीठ की समस्‍या होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • य‍दि आपको घुटने की प्रॉब्‍लम है, तो आप योगा टीचर से इस आसन को करने के सुरक्षित तरीके के बारे में पूछ सकते हैं।
  • टांग या पीठ में चोट लगने पर इस आसन को न करें।
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