त्रिअंग मुखेकपद पश्चिमोत्तानासन का नाम छह शब्दों के मेल से बना है: त्रिअंग, मुख, एक, पद, पश्चिम और उत्तान। त्रिअंग मतलब तीन अंग, मुख यानी मुँह, पद मतलब पैर, पश्चिम यानी पश्चिम दिशा या शरीर का पिछला हिस्सा, और उत्तान मतलब खिचा हुआ।
इस लेख में त्रिअंग मुखेकपद पश्चिमोत्तानासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि त्रिअंग मुखेकपद पश्चिमोत्तानासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए।