जिस प्रकार मयूर विष से बिना प्रभावित हुए सर्प को मारकर निगल जाता है। उसी प्रकार यह आसन अभ्यासी को शरीर के विषाक्त पदार्थों को पचाने और उनका चयापचय कर लेने में सक्षम बना देता है। हठयोग के ग्रंथों के अनुसार मयूरासन पाचन शक्ति को उत्तेजित करता है। इसलिए जिन अभ्यासियों ने इस आसन में दक्षता प्राप्त कर ली है, वो कुछ भी पचा सकते हैं, यहां तक कि जहरीले विष को भी।
इस लेख में मयूरासन करने के तरीके व उससे होने वाले लाभों के बारे में बताया गया है। साथ ही लेख में यह भी बतायाा गया है कि मयूरासन के दौरान क्या सावधानी बरतनी चाहिए।
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