रागी की खेती अफ्रीका में शुरु हुई और युगांडा और इथियोपिया से होते हुए लगभग 4000 साल पहले भारत में इस फसल की खेती की सुरुआत की गई थी। आज के समय में भारत में रागी की खेती के 58% हिस्शे का उत्पादन सिर्फ कर्नाटक में होता है।
रागी के अनेक लाभ हैं। और यह एक बेहद पौष्टिक अनाज है। रागी कैल्शियम, प्रोटीन, लोहा, थायमिन और अन्य खनिजों से भड़ी हुई है। यह फाइबर से समृद्ध है और इस में बहुत कम असंतृप्त वसा पाया जाता है। यह वजन घटाने के लिए सबसे अच्छे अनाजो में से एक हैं।
रागी के अनेको स्वास्थ्य लाभ हैं। रागी वजन कम करने में मदद के साथ-साथ हड्डियो को मजबूत बनाता है क्यों की इस में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। यह रक्तहीनता, सुस्ती और मधुमेह जैसी कई बीमारियों के इलाज के रूप में कार्य करता है। रागी एक प्राकृतिक आराम देने वाला अनाज है। इस का सेवन तनाव और चिंता से राहत दिलानें में मदद करता है। रागी कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। रागी में फाइबर उचित मात्रा में पाया जाता है। जो कब्ज से बचाता है। और सामान्य मल त्यागने में मदद करता है।
(और पढ़ें - वजन घटाने के आसान तरीके)
क्या आप भी मोटापे से परेशान है लाख कोशिशों के बाद भी वजन काम नहीं कर पा रहे है तो आज ही myUpchar आयुर्वेद मेदारोध वेट लॉस जूस को इस्तेमाल करना शुरू करे और अपने वजन को नियंत्रित करे।
रागी शिशु के लिए भी बहुत अच्छा आहार माना जाता है। इस के उपयोग से शिशु को वो सारे पोषक तत्व मिलते है। जो शिशु के विकास के लिए जरुरी हैं। रागी के उपयोग से शिशु का पाचन भी अच्छा रहता है।
अतः रागी का उपयोग रोजाना करने से आप बहुत सारी बीमारियों से हमेसा दूर रहेंगें।
आज हम आप को शुगर रोगियों के लिए रागी से बनी कुछ स्वादिष्ट व्यंजनों की जानकी देने जा रहें हैं।