कुछ लोगों को पालतू कुत्ते और बिल्लियां बहुत पसंद होती हैं। इस शौक को पूरा करने के लिए वे बढ़िया से बढ़िया और महंगी से महंगी नस्ल का पालतू जानवर खरीदते हैं। पालतू जानवर जितने प्यारे होते हैं उतना ही उनकी सेहत का ध्यान रखना पड़ता है। उनके खाने-पीने, खेलने-कूदने से लेकर टीकाकरण को लेकर भी खास तौर पर सजग रहना पड़ता है।

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हाल ही में अमेरिका के 'सेंटर ऑफ डिज़ीज कंट्रोल' ने एक ऐसी बीमारी का पता लगाया है जो पालतू जानवरों से इंसानों में फैल रही है। ये कैंपिलोबैक्टर कीटाणु से फैलने वाला इन्फेक्शन है। ये कीटाणु मल्टीड्रग रजिस्टेंट है। इस कीटाणु को कैंपिलोबैक्टर जेजुनि कहते है। स्टोर से खरीदे गए पालतू जानवरों में ये इन्फेक्शन हो सकता है और उनसे इंसानों में भी फैल सकता है।

इंसानों में कैंपिलोबैक्टर इन्फेक्शन के लक्षण

  • जिन लोगों को कैंपिलोबैक्टर इन्फेक्शन हो जाता है उन्हें दो से पांच दिनों के बीच खूनी दस्त, बुखार और पेट में जकड़न महसूस होती है।
  • इस बीमारी के लक्षण एक सप्ताह तक रह सकते हैं और ज्यादातर लोग बिना किसी एंटीबायोटिक का उपयोग किए स्वस्थ भी हो जाते हैं।
  • एंटीबायोटिक की जरूरत सबसे ज्यादा उन मरीजों को होती है जिनकी हालत बहुत गंभीर होती है। ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता समय के साथ कम हो जाती है।

इस बीमारी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए

  • अपने पालतू जानवर को खाना देने, हाथ लगाने और साफ करने के बाद अपने हाथ साबुन और पानी से जरूर धोएं।
  • छोटे बच्चों को अच्छे से हाथ धोना सिखाया जाना चाहिए।
  • अगर घर में साबुन या पानी नहीं है तो सैनिटाइजर से हाथ साफ कर सकते हैं।
  • अगर आपका पालतू जानवर घर में शौच और उल्टी करता है तो उस जगह को तुरंत पानी और ब्लीच से साफ करें।
  • अपने पालतू कुत्ते को अपना मुंह न चाटने दें।
  • अपने जख्मों और किसी भी तरह के खुले घावों को चाटने न दें।
  • जानवरों के किसी अच्छे डॉक्टर के पास अपने पालतू कुत्ते का समय-समय पर चेकअप करवाएं।

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 नया पालतू जानवर खरीदते समय किन बातों का रखें ध्यान

  • जब भी किसी पालतू जानवर का चुनाव करें तो ध्यान दें कि वो चुस्त, दुरुस्त और फुर्तीला हो।
  • अगर वो बीमार है तो सुस्त दिखेगा, खाना नहीं खाएगा, बार-बार दस्त करेगा और सांस सही तरीके से नहीं ले पाएगा। एक और जरूरी बात अगर कुत्ता स्वस्थ भी दिख रहा है तब भी सावधान रहें, क्योंकि उसके शरीर पर हमेशा ये कीटाणु रहते हैं। ये कीटाणु कभी भी हमला कर सकते हैं।
  • अगर कुत्ते को खरीदने के कुछ ही दिनों बाद वो बीमार पड़ जाए तो उसे बढ़िया वेटेनरी डॉक्टर को दिखाएं। उसकी बीमारी के बारे में स्टोर (जहां से उसे खरीदा गया है), रेस्क्यू समूहों को जरूर बताएं।

पालतू जानवरों को बेचने वाले स्टोर मालिकों को ये जरूरी बातें जान लेनी चाहिए

  • कुत्ते भले ही स्वस्थ और साफ क्यों न दिखें, फिर भी उनके शरीर पर कैंपिलोबैक्टर कीटाणु होते हैं। ऐसे में अपने स्टोर में एंटीबायोटिक्स जरूर रखें।
  • किसी वेटेनरी द्वारा सुझाई गई एंटीबायोटिक ही दें।
  • वेटेनरी डॉक्टर के पास इस बीमारी का पता लगाने के लिए सही टेस्ट मौजूद होना चाहिए, ताकि पालतू जानवर को सही इलाज मुहैया करवाया जा सके।
  • अपने स्टोर में हर तरह की एंटीबायोटिक का ब्योरा रखें और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करें।
  • जानवरों के ब्रोकर और खरीद फरोख्त करने वाले लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक और शिक्षित करें।

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