भारत विश्व में डायबिटीज की राजधानी मानी जाती है। 2017 तक डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों की गिनती 70 मिलियन (7 करोड़) से भी अधिक की गई थी। हालांकि, यह एक छोटा कदम हो सकता है, लेकिन डायबिटीज को खत्म करने में कॉफी का सेवन मददगार साबित हो सकता है।

  1. शोध में हुआ खुलासा
  2. कॉफी के अन्य रोगों से संबंध
  3. डायबिटीज को कम करने के अन्य विकल्प

2014 में हावर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में उन्होंने 1 लाख 24 हजार लोगों का परीक्षण किया। इस परीक्षण में 16 से 20 वर्ष के युवा शामिल किए गए और पाया कि जो व्यक्ति दिन में एक से अधिक कॉफी के सेवन का लुत्फ उठाते हैं उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने की 11 फीसदी कम आशंका होती है। वहीं, दूसरी ओर जिन लोगों ने प्रतिदिन एक कप कॉफी से कम सेवन किया था, उनमें इस रोग के विकसित होने का 17 प्रतिशत अधिक खतरा पाया गया।

इसके बाद हावर्ड की ही 2019 में आई एक किताब, 'कॉफी : कंसम्पशन एण्ड हेल्थ इम्प्लीकेशन' की लेखक हेदी विरतानेन, रोजेरियो नोगीरा सोरेस और जेन शीयर ने बताया कि प्रतिदिन छह कॉफी के शॉट पीने से 33 प्रतिशत तक टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है।

वैज्ञानिक आमतौर पर कॉफी के सेवन को डायबिटीज से नहीं जोड़ते हैं। इसके बावजूद भी कई शोधकर्ता और अध्ययन इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि कॉफी के सेवन से डायबिटीज को कम करने में मदद मिलती है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Madhurodh Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को डायबिटीज के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।

वैज्ञानिक कई वर्षों से कॉफी के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। अध्ययनों के अनुसार कॉफी के सेवन से कई प्रकार के रोगों के खतरों को टाला जा सकता है, जिसमें निम्न मुख्य रूप से शामिल हैं :

220 अध्ययनों पर आधारित ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार कॉफी पीने वाले व्यक्तियों में किसी भी रोग के कारण मृत्यु होने की आशंका 17 प्रतिशत कम होती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कॉफी न पीने वाले लोगों के मुकाबले पीने वाले व्यक्तियों में 19 प्रतिशत हृदय रोग के कारण मरने की और 18 प्रतिशत में कैंसर विकसित होने की आशंका कम होती है।

कुछ अन्य अध्ययनों में कैफीन के सेवन से हृदय रोग बढ़ने की भी आशंका जताई गई है और इसके साथ ही इसके कारण लोगों में मानसिक तनाव व मस्तिष्क संबंधित समस्याएं भी उत्पन हो सकती हैं।

इस विषय को मद्देनजर रखते हुए एपिडेमियोलॉजी एंड प्रीवेंशन में छपी रिपोर्ट में 36 अलग-अलग अध्ययनों का परीक्षण हुआ, जिसमें पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन तीन से पांच कप कॉफी पीते हैं वह हृदय रोग के प्रति कम संवेदनशील होते हैं।

डायबिटीज को मधुमह या शुगर भी कहा जाता है। इस रोग में व्यक्ति के रक्त में मौजूद शुगर या ग्लूकोज का स्तर काफी अधिक बढ़ जाता है।

त्रिफला चूर्ण : यह एक प्रकार की जड़ी-बूटी है, जो इंसुलिन के स्राव को बढ़ावा देता है। इसका सेवन एक कप गर्म पानी के साथ करना चाहिए।

हल्दी पाउडर : यह एक बेहतरीन उपचार है, जिसके जरिए कई रोगों से बचा जा सकता है। रोजाना तीन से चार ग्राम हल्दी का सेवन करें।

शिलाजीत : शिलाजीत रक्तप्रवाह में ग्लूकोज को रोकता है, जिसकी वजह से स्वस्थ रक्त शर्करा का स्तर बना रहता है। प्रतिदिन अपने आहार में 100 मिलीग्राम शिलाजीत पाउडर शामिल करें।

(और पढ़ें - शुगर (मधुमेह) कम करने के घरेलू उपाय)

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