आंवले के पेड़ की ऊंचाई 30 फीट तक होती है। मूल रूप से आंवला भारत और नेपाल में पाया जाता है। आंवला हलके हरे रंग का होता है जिसके अंदर एक कठोर बीज भी होता है। आंवले के पेड़ को भारत में पवित्र माना जाता है। प्राचीन काल से ही "पृथ्वी मां" के रूप में इसकी पूजा होती आ रही है।
आंवले का मुरब्बा आंवला से बनाई गई एक स्वादिष्ट मिठाई है। आंवला मुरब्बा, ताजे आंवलों को चीनी में संरक्षित करके बनाया जाता है। ऐसा करने से यह फल लंबे समय के बाद भी प्रयोग किया जा सकता है और उनका स्वाद भी अच्छा हो जाता है। आंवले का मुरब्बा अत्यंत पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है। यह दिमाग, आँतो और लीवर के लिए एक टॉनिक होता है। आंवले के मुरब्बे में विटामिन सी समृद्ध होता है और इसमें कई खनिज और विटामिन, जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, कैरोटीन और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स मौजूद होते हैं। विटामिन सी एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट एजेंट है, जो अनेक बीमारियों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के कैंसर की भी रोकथाम करने में मदद करता है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को तो इसका सेवन रोज़ करना चाहिए।
आंवला का मुरब्बा खाने के बहुत से लाभ होते हैं। एक दिन में केवल 1 से 2 मुरब्बे ही खाने चाहिए। इसे खाने से शरीर को ताकत मिलती है। यह जलन, बढ़े हुए पित्त, कब्ज़, बवासीर, रक्त-विकार, चमड़ी के रोगों में लाभकारी है। अगर किसी को अधिक गुस्सा आता हो तो उसे एक दिन में एक या दो आंवला का मुरब्बा खाना चाहिए। यह शरीर को पोषण और ठंडक प्रदान करता है। इसके उपयोग से हार्मोन असंतुलन के कारण होने वाला बालों का झड़ना भी रूक जाता है। इसमें विटामिन सी होने के कारण यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में भी मदद करता है।
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