यीस्ट ससेप्टिबिलिटी टेस्ट क्या है?
यीस्ट एक प्रकार की फफूंद है, जो कि शरीर में मौजूद प्राकृतिक फ़्लोरा को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हालांकि, शरीर में यदि यीस्ट के स्तर में असंतुलन आ जाता है तो व्यक्ति को कैंडिडिआसिस (योनि में यीस्ट संक्रमण) हो सकता है।
सेंसिटिविटी या यीस्ट सस्पेक्टिबिलिटी टेस्ट माइक्रोब्स या सूक्ष्मजीवों की जांच करता है, जिसका प्रयोग किसी विशेष दवा के कीटाणुओं को मारने की क्षमता का पता लगाने के लिए किया जाता है। चूंकि, किसी विशेष सूक्षणजीव का एक से अधिक स्ट्रेन मिलना संक्रमण की तरफ संकेत करता है तो इस टेस्ट से सही दवा का पता लगाने में मदद मिलती है जिससे किसी भी संक्रमण को ठीक किया जाता है, जैसे बैक्टीरियल इन्फेकशन, फंगल इन्फेक्शन या यीस्ट संक्रमण।
यीस्ट ससेप्टिबिलिटी टेस्ट एंटी माइक्रोबियल पैनल का एक टेस्ट है, जिसे एंटी फंगल ससेप्टिबिलिटी भी कहा जाता है। यह टेस्ट फफूंद के संक्रमित स्थानों पर एंटी फंगल दवाओं की प्रभावशीलता का पता लगाता है।
यह मिनिमम इन्हीबिटरी कन्संट्रेशन (MIC) को निर्धारित करने में मदद करता है। एंटीफंगल दवाओं का सबसे निम्न कन्संट्रेशन होता है, जो बढ़ रहे फंगल को पूर्ण रूप से रोक देता है।
इस टेस्ट के लिए सबसे ज्यादा एमफोटेरिसिन, इट्राकोनाजोल, फ्लूकोनाज़ोल और 5- फ्लूसाइटोसिन का प्रयोग किया जाता है।
एएफएसटी टेस्ट आमतौर पर कैंडिडा प्रजातियों पर किया जाता है। कैंडिडा से कैंडिडिआसिस होता है। कैंडिडिआसिस इंसानों को होने वाला सबसे सामान्य यीस्ट संक्रमण है, जिससे सुपरफीशियल रोगों के साथ-साथ सिस्टमिक रोग भी हो सकते हैं। अस्पतालों में आने वाले मामलों में रक्त संक्रमणों के अंदर यह चौथे स्थान पर है। सभी कैंडिडा प्रजातियों में कैंडिडा एलबीसियन सबसे अधिक फैलता है और एंटी फंगल दवाओं के अजोल ग्रुप के लिए यह रेसिस्टेंट (दवा की मौजूदगी में भी बढ़ना) होता है।