वेरीसेल्ला जोस्टर (चिकन पॉक्स) एंटीबॉडी टेस्ट क्या है?
वेरीसेल्ला-जोस्टर एंटीबॉडी टेस्ट की सलाह मुख्य रूप से वेरीसेल्ला-जोस्टर वायरस के खिलाफ बने एंटीबॉडीज की जांच करने के लिए की जाती है। वेरीसेल्ला-जोस्टर चिकन पॉक्स का कारण बनने वाला एक वायरस है।
चिकन पॉक्स एक अत्यधिक संक्रामक रोग है जो कि मरीज के साथ सीधे संपर्क होने पर या मरीज के खांसने व छींकने से फैलता है। यह रोग वायरस के संपर्क में आने के दो दिनों में फैल जाता है। इसमें पूरे शरीर पर छाले की तरह से चकत्ते हो जाते हैं।
संक्रमण दिखाई देने के एक या दो हफ्तों के भीतर आईजीएम नाम का एंटीबॉडी बनने लगता है और इसके कुछ हफ्तों बाद आईजीजी एंटीबॉडी बनने लगता है। ये दोनों एंटीबॉडी शरीर की लंबे समय तक वेरीसेल्ला वायरस से रक्षा करते हैं।
इस रोग के दोबारा होने की आशंका बहुत ही कम होती है क्योंकि शरीर इस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बना चुका होता है इसीलिए यदि वायरस फिर से शरीर में प्रवेश करता है तो एंटीबॉडीज उनसे शरीर की रक्षा करते हैं। वह बच्चा जिसका टीकाकरण हो चुका है या यदि उसकी मां को पहले कभी यह संक्रमण हो चुका है, तो उसके एक साल का होने से पहले इससे संक्रमित होने का खतरा काफी कम होता है। बच्चे को वेरीसेल्ला वैक्सीन 12 से 15 महीने के बीच दी जाती है।
वेरीसेल्ला-जोस्टर एंटीबॉडीज टेस्ट हाल ही में हुए संक्रमण की उपस्थिति का पता लगाता है। यह टेस्ट इस बात का भी पता लगाता है कि आप किसी अन्य संक्रमण के या वैक्सीनेशन के जरिये इसके प्रति इम्यून हो चुके हैं या नहीं।