वल्प्रोइक एसिड टेस्ट क्या है?

वल्प्रोइक एसिड एक एंटी-एपिलेप्टिक दवा है, जो कि मिर्गी पर नियंत्रण पाने के लिए उस की तीव्रता और गति को कम करने के लिए दी जाती है। यह उन लोगों को भी दी जाती है जिन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर और क्रोनिक पेन सिंड्रोम होता है।

वल्प्रोइक एसिड टेस्ट करवाने का सुझाव उन लोगों को भी दिया जाता है, जो वल्प्रोइक एसिड से संबंधित दवाएं ले रहे हैं। इस टेस्ट की मदद से व्यक्ति के खून में वल्प्रोइक एसिड के स्तर का भी पता लगाया जाता है कि शरीर में इस एसिड की मात्रा पर्याप्त है या नहीं।

  1. वल्प्रोइक एसिड टेस्ट क्यों किया जाता है - Valproic Acid Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. वल्प्रोइक एसिड टेस्ट से पहले - Valproic Acid Test Se Pahle
  3. वल्प्रोइक एसिड टेस्ट के दौरान - Valproic Acid Test Ke Dauran
  4. वल्प्रोइक एसिड टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल लेवल - Valproic Acid Test Result and Normal Levels

वल्प्रोइक एसिड टेस्ट किसलिए किया जाता है?

यह टेस्ट वल्प्रोइक एसिड के इलाज की शुरुआत में ही किया जाता है और यह टेस्ट दवा की अवधि बदलने के बाद करवाने के लिए कहा जाता है। इलाज के समय नियमित अंतराल पर भी वल्प्रोइक एसिड टेस्ट किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खून में वल्प्रोइक एसिड के थेराप्यूटिक लेवल (उपचार के स्तर) समान रहें।

यदि किसी व्यक्ति का शरीर वल्प्रोइक एसिड पर प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, तो इस टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि कहीं दवाओं के प्रभावी ना होने का कारण उनकी कम मात्रा तो नहीं है। इस टेस्ट की सलाह डॉक्टर तब भी देते हैं जब वल्प्रोइक एसिड के साइड इफ़ेक्ट देखे जाते हैं:

वल्प्रोइक एसिड टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

वल्प्रोइक एसिड टेस्ट के लिए किसी तैयारी की जरूरत नहीं होती। व्यक्ति को अपने डॉक्टर को सैंपल लिए जाने के समय के बारे में बता देना चाहिए क्योंकि दवाई का समय और किस तरह से दवाई दी गई है यह दोनों बातें खून में वल्प्रोइक एसिड के स्तर में बदलाव कर सकती हैं। अगली डोज़ देने से पहले डॉक्टर एक और बार सैंपल लेने के लिए कह सकते हैं ताकि इस बात की पुष्टि कर सकें की खून में वल्प्रोइक एसिड का निम्न स्तर मौजूद है।

डॉक्टर द्वारा बताई गई या अन्य कोई दवा, न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट, विटामिन या ओटीसी खून में वल्प्रोइक एसिड की मात्रा कम और बढ़ा सकते हैं इसीलिए ऐसी सभी दवाइयों की जानकारी डॉक्टर को देनी चाहिए।

वल्प्रोइक एसिड टेस्ट कैसे किया जाता है?

यह एक सामान्य टेस्ट है जिसमें हाथ की नस से खून लिया जाता है। सैंपल किसी टेस्ट ट्यूब में लिया जाता है और फिर परीक्षण के लिए लेबोरेटरी में भेज दिया जाता है। सुई लगते समय हल्की सी चुभन का एहसास हो सकता है। 

इंजेक्शन लगने के बाद हल्का सा चक्कर या थकान हो सकती है और थोड़ा खतरा नील पड़ने का भी होता है। आमतौर पर ये लक्षण तुरंत गायब हो जाते हैं। इंजेक्शन लगाने वाले स्थान पर शायद ही कोई संक्रमण हो सकता है।

वल्प्रोइक एसिड टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल लेवल

सामान्य परिणाम:

बाउंड और अनबाउंड दोनो वल्प्रोइक एसिड की थेराप्यूटिक रेंज 50 से 125 µg/mL रिकॉर्ड की गई है।

सिर्फ अनबाउंड वल्प्रोइक एसिड की रेंज 6 से 22 µg/mL है। 

एक्यूट मेनिया के इलाज के लिए रेंज 85 से 125 µg/mL और मिर्गी के इलाज के लिए 50 से 100 µg/mL है। 

यदि वल्प्रोइक एसिड के इस स्तर में माइग्रेन, मिर्गी, मूड स्विंग्स और दूसरे साइड इफ़ेक्ट नहीं दिखते तो इस बात की पुष्टि की जा सकती है की दवाई की यह डोज़ बिलकुल सही है।

असामान्य परिणाम:

वल्प्रोइक एसिड का थेराप्यूटिक रेंज से अधिक होना वल्प्रोइक एसिड की विषाक्तता को दिखाता है।

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