अल्ट्रासाउंड इलास्टोग्राफी को फाइब्रोस्कैन के नाम से भी जाना जाता है, जो अल्ट्रासाउंड डिवाइस के ब्रांड का नाम है। यह लीवर की लोच यानी इलास्टीसिटी या कठोरता की जांच के लिए किया जाता है।
इस परीक्षण में, लो-फ्रीक्वेंसी वाइब्रेशन को लिवर में भेजा किया जाता है और एक अल्ट्रासाउंड मशीन उस दर को मापती है, जिस दर से यह वाइब्रेशन लिवर से होकर गुजरती है। इस टेस्ट के जरिए लीवर की लोच के बारे में जानकारी मिलती है, जिसे कंप्यूटर स्क्रीन पर देखा जा सकता है।
लिवर फाइब्रोसिस के मामले में यह टेस्ट किया जाता है। फैटी लीवर के कारण फाइब्रोसिस हो सकता है (यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें फैट लिवर के सामान्य ऊतकों की जगह ले लेता है)। इससे लिवर में खून के प्रवाह में कमी के कारण स्कार टिश्यू इकट्ठा होने लगते हैं। यदि इसका इलाज न किया जाए, तो इसके कारण लिवर फेल हो सकता है। इसलिए, इसका शीघ्र निदान और उपचार जरूरी है।
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