टाइफी डॉट टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?
टाइफी डॉट टेस्ट एक एंजाइम इम्यूनोसेए है, जो साल्मोनेला बैक्टीरियल एंटीजन के आईजीजी और आईजीएम एंटीबॉडीज की पहचान करता है। साल्मोनेला बैक्टीरियल एंटीजन एक 5 किलोडेल्टॉन आउटर मेम्ब्रेन प्रोटीन है।
सामान्य परिणाम:
एंटी-साल्मोनेला आईजीजी और आईजीएम एंटीबॉडीज के नेगेटिव परिणाम का मतलब है कि व्यक्ति को कोई संक्रमण नहीं हुआ है।
असामान्य परिणाम:
- पॉजिटिव आईजीएम एंटीबॉडीज का मतलब है कि मामूली संक्रमण है।
- पॉजिटिव आईजीजी एंटीबॉडीज का मतलब है कि व्यक्ति के शरीर में लंबे समय से (क्रोनिक) संक्रमण है।
चूंकि, इस टेस्ट में आईजीजी के पॉजिटिव रिजल्ट रक्त में किसी पुराने संक्रमण के कारण होते हैं इसीलिए यह टेस्ट पुराने और वर्तमान संक्रमण में अंतर नहीं कर पाता।
इसके अलावा विभिन्न शोधों के अनुसार टाइफी डॉट टेस्ट की प्रभावकारिता ब्लड कल्चर टेस्ट की तुलना में टाइफाइड के दोनों मामलों (पॉजिटिव और नेगेटिव) की सही पहचान करने में कम है।
टाइफी डॉट टेस्ट की तुलना में टाइफी एम टेस्ट को अधिक श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि बीमारी की शुरुआती अवस्था में यह रक्त में मौजूद आईजीएम एंटीबॉडीज की पहचान करता है। हालांकि, ये दोनों ही टेस्ट ब्लड कल्चर टेस्ट की तुलना में टाइफाइड के जल्दी परीक्षण में अधिक प्रभावी होते हैं।
डब्लूएचओ के अनुसार, टाइफी डॉट टेस्ट का प्रयोग टाइफाइड की जल्दी पहचान के लिए किया जा सकता है। ऐसा विशेषकर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है जहां अधिकतर लोगों को टाइफाइड होता रहता है। इसके अलावा टाइफी डॉट टेस्ट की कीमत कम होने के कारण यह लैब में बिना पर्याप्त उपकरणों और लोगों की सहायता के किया जा सकता है।
हालांकि, रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट (टाइफी डॉट टेस्ट, टाइफी डॉट एम टेस्ट, ट्युबेक्स टेस्ट आदि) की सलाह टाइफाइड के परीक्षण के लिए लैब में किए जाने वाले रूटीन टेस्ट के रूप में नहीं दी जाती। ऐसा इसीलिए क्योंकि इन टेस्टों के परिणामों में कई गलतियां या त्रुटियां देखी गई हैं। इनकी सलाह इसलिए भी नहीं दी जाती क्योंकि यदि गलत तरह से नेगेटिव रिजल्ट आएं तो व्यक्ति का इलाज नहीं किया जाएगा और किसी व्यक्ति के गलत तरह से पॉजिटिव परिणाम आए तो उसे बिना आवश्यकता के ही इलाज करवाना पड़ेगा।
ब्लड कल्चर टेस्ट के परिणाम आने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन टाइफाइड और पैराटाइफाइड के परीक्षण के लिए यह टेस्ट सबसे सही और उत्तम है।