थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) रिसेप्टर एंटीबॉडी टेस्ट क्या है?
टीएसएच रिसेप्टर एंटीबॉडी टेस्ट थायरोट्रोपिन रिसेप्टर के विरोध में बन रहे एंटीबॉडीज की मात्रा का पता लगाता है। थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन या थायरोट्रोपीन मस्तिष्क में मौजूद पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। यह थायराइड ग्रंथि के विशेष रिसेप्टर से जुड़ी होती है। थायराइड ग्रंथि गले में मौजूद तितली की आकृति जैसी एक ग्रंथि है जो कि थायराइड हार्मोन टी3 और टी4 के स्राव को उत्तेजित करती है। थायराइड हार्मोन मेटाबोलिज्म, मूड और मांसपेशियों की शक्ति को नियंत्रित करता है।
हालांकि, अगर आपको ग्रेव्स डिजीज है तो आपका शरीर टीएसएच रिसेप्टर के प्रति एंटीबॉडीज बनाने लगेगा, जिससे थायराइड ग्रंथि ठीक से उत्तेजित नहीं हो पाती। ये एंटीबॉडीज थायराइड ग्रंथि को आकार में बढ़ने के लिए उत्तेजित करते हैं और थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ा देते हैं जिससे हाइपरथायराइडिज्म की स्थिति पैदा हो जाती है।
टीएसएच रिसेप्टर एंटीबॉडी ग्रेव्स डिजीज के अधिकतर मामलों में देखे जाते हैं। कुछ दुर्लभ मामलों में टीएसएच रिसेप्टर एंटीबॉडी की पहचान नहीं हो पाती है लेकिन ग्रेव्स डिजीज के लक्षण दिखाई दे जाते हैं। ऐसे लोगों में एंटीबॉडीज का स्तर इतना कम होता है कि उसकी पहचान नहीं हो पाती है, लेकिन वे ग्रेव्स डिजीज से ग्रस्त होते हैं।
इस टेस्ट को थायरोट्रोपीन रिसेप्टर एंटीबॉडी टेस्ट, थायराइड-स्टिमुलेटिंग इम्यूनोग्लोब्युलिन (टीएसआई) टेस्ट, लॉन्ग-एक्टिंग थायराइड स्टिमुलेटर टेस्ट और थायराइड-बाइंडिंग इन्हिबिटरी इम्यूनोग्लोब्युलिन टेस्ट भी कहा जाता है।