ट्रोपोनिन-टी टेस्ट क्या है?
ट्रोपोनिन-टी टेस्ट किसी व्यक्ति के रक्त में ट्रोपोनिन-टी की मात्रा का पता लगाता है।
ट्रोपोनिन, स्केलेटल व हृदय की मांसपेशियों में पाए जाने वाले प्रोटीन हैं। ट्रोपोनिन तीन प्रकार के होते हैं - ट्रोपोनिन आई, सी और टी। कार्डियक ट्रोपोनिन आई, सी और टी इन ट्रोपोनिन के सबग्रुप हैं। कार्डियक ट्रोपोनिन टी हृदय की मांसपेशियों के रेशों में होता है। आमतौर पर ट्रोपोनिन टी रक्त में नहीं पाया जाता है। जब हृदय की मांसपेशियों को कोई क्षति पहुंचती है, तो यह रक्त में दिखाई देने लगता है।
ट्रोपोनिन टी के स्तर में कोई भी वृद्धि हाल ही में हुए दिल के दौरे का संकेत करती है।
हृदय की मांपेशियों में क्षति होने के तीन से बारह घंटे के बाद ट्रोपोनिन टी का स्तर रक्त में बढ़ जाता है। इसके बाद यह स्तर 10 से 15 दिनों में फिर से सामान्य होने लगता है। हृदय में क्षति जितनी गंभीर होती है, खून में ट्रोपोनिन का स्तर उतना ही अधिक बढ़ जाता है।
हृदय संबंधी क्षति के बारे में जानने के लिए ट्रोपोनिन टी सबसे अधिक सटीक टेस्ट है, इसीलिए जिन मरीजों को सीने में दर्द होता है उनके लिए इसकी जांच बहुत उपयोगी होती है। डॉक्टर हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए इस टेस्ट के साथ हृदय के अन्य टेस्ट करवाने की सलाह भी दे सकते हैं, जैसे मायोग्लोबिन, सीके (क्रिएटिन काइनेज) और सीके-एमबी (क्रिएटिन काइनेज-मायोकार्डियल बैंड) आदि।
ट्रोपोनिन के स्तर की मदद से आगे होने वाली हृदय संबंधी समस्याओं का पता भी लगाया जा सकता है।
(और पढ़ें - ट्रोपोनिन आई टेस्ट क्या है)