थैलियम स्कैन टेस्ट क्या है?
थैलियम स्कैन एक प्रकार की इमेजिंग तकनीक है। यह टेस्ट हृदय में रक्त के बहाव की मात्रा का पता लगाने में मदद करता है। यह परीक्षण शरीर के आराम करने के दौरान और कोई मेहनत का काम करने के दौरान दोनों ही स्थितियों में खून के बहाव का पता लगाता है। यह टेस्ट मुख्य रूप से हार्ट अटैक के बाद हृदय की कार्य प्रक्रिया की जांच करने के लिए किया जाता है। छाती के दर्द (एनजाइना) के कारण का पता लगाने के लिए भी यह टेस्ट किया जाता है।
इस टेस्ट में थैलियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि एक रेडियोएक्टिव ट्रेसर है। इसे रक्त में इंजेक्शन के माध्यम से डाला जाता है। यह ट्रेसर हृदय, मस्तिष्क, मांसपेशियां, पैराथायराइड ग्रंथि और थायराइड की ओर आकर्षित होता है और उनमें जमा होने लग जाता है। थैलियम क्लोराइड रेडियोएक्टिव ऊर्जा स्त्रावित करता है जिसे एक विशेष कैमरे के माध्यम से देखा जाता है। कैमरा से प्राप्त होने वाली तस्वीरों में जो असामान्य बदलाव नजर आते हैं, उनके रोग संबंधी स्थितियों का पता लगाया जाता है।
इस टेस्ट के दौरान दो सेट में तस्वीर ली जाती हैं। तस्वीरों का पहला सेट आराम करते हुए और दूसरा सेट शारीरिक क्रिया के दौरान, व्यायाम के बाद या किसी दवा को देने के बाद लिया जाता है। सही परिणाम के लिए दोनों सेट की तस्वीरों की तुलना की जाती है।
इस स्कैन को मायोकार्डियल परफ्यूशन सिन्टीग्राफी, सेस्टामिबी स्ट्रेस टेस्ट, एमआईबीआइ स्ट्रेस टेस्ट, डोबूटामाइन स्ट्रेस टेस्ट (Dobutamine stress test), पर्सनटाइन स्ट्रेस टेस्ट, थैलियम स्ट्रेस टेस्ट, एडिनोसाइन स्ट्रेस टेस्ट, रेगाडेनोसन स्ट्रेस टेस्ट, स्ट्रेस टेस्ट न्यूक्लियर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज-न्यूक्लियर स्ट्रेस, एनजाइना-न्यूक्लियर स्ट्रेस और चेस्ट पेन-न्यूक्लियर स्ट्रेस के नाम से भी जाना जाता है।