टेस्टोस्टेरोन टेस्ट किसलिए किया जाता है?
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन टेस्ट निम्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है:
(और पढ़ें - महिला हाइपोगोनाडिज्म क्या है)
1) प्राइमरी या सेकिंडरी हाइपोगोनैडिज़्म (Hypogonadism) का संदेह होने पर उसकी पुष्टी करने के लिए, यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर असामान्य तरीके से कम हो जाता है।
(और पढ़ें - पुरुष हाइपोगोनाडिज्म क्या है)
2) टेस्टोस्टेरोन टेस्ट का इस्तेमाल, टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Testosterone replacement therapy) के प्रभाव पर नजर रखने के लिए भी किया जाता है।
3) लड़कों में यौवन अवस्था में देरी वाले अंतर्निहित कारणों का मूल्यांकन करने के लिए भी टेस्टोस्टेरोन टेस्ट का उपयोग किया जाता है।
(और पढ़ें - गुप्त रोगों का इलाज)
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन टेस्ट निम्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है:
अंतर्निहित हाईपरएंड्रोजेनिज्म (Hyperandrogenism) के कारणों का मूल्यांकन करने के लिए, इस स्थिति में टेस्टोस्टेरोन का स्तर असामान्य तरीके से हाई (उच्च) हो जाता है, इसके कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:
- आइडियोपैथिक अतिरोमता (Idiopathic hirsutism) – इस स्थिति में असामान्य तरीके से महिलाओं में पुरूषों की तरह चेहरे पर बाल उगने लग जाते हैं। (और पढ़ें - अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के उपाय)
- कंजेनिटल एड्रेनल हाइपरप्लासिया (Congenital adrenal hyperplasia) – यह एक जन्मदोष होता है, जिसमें एड्रिनल ग्रंथियां अधिक बढ़ जाती हैं।
- पीसीओएस (Polycystic ovarian syndrome) – यह एक हार्मोन असुंतलन की स्थिति होती है, जिसमें असामान्य तरीके से अंडाशय में सिस्ट विकसित होने लगते हैं और टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने लगता है। (और पढ़ें - पीसीओएस क्या है)
- एड्रिनल ग्रंथि या अंडाशय में टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करने वाले ट्यूमर (Testosterone-producing tumors) (और पढ़ें - ओवेरियन कैंसर का इलाज)
महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन की कमी का संदेह होने पर टेस्टोस्टेरोन के स्तर का पता करने के लिए भी इस टेस्ट का उपयोग किया जाता है।
महिलाओं में, टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के प्रभाव पर निगरानी रखने के लिए आमतौर पर इस टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
(और पढ़ें - अंडाशय से सिस्ट हटाने की सर्जरी)