एलशियन ब्लू स्टेन टेस्ट क्या है?
एलशियन ब्लू स्टेन टेस्ट का प्रयोग बैरेट मेटाप्लासिया का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। बैरेट मेटाप्लासिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें एसोफेगस (भोजन नली) की निचली परत में कोई असामान्यता पैदा हो जाती है।
आमतौर पर जो फ्लैट कोशिकाएं भोजन नली की सतह बनाती हैं वही फ्लैट कोशिकाएं, जिन्हें स्क्वैमस एपिथेलियम कहा जाता है, हमारी त्वचा में भी मौजूद होती हैं। इन कोशिकाओं के अंतिम सिरे वहां मिलते हैं, जहां एसोफेगस और पेट आपस में छूते हैं। कोल्युम्नार एपिथेलियम (एक ही परत की नई आयताकार कोशिकाएं) के भिन्न प्रकार आंत से लेकर पेट और एनस तक एक लाइन में होती हैं।
हालांकि, जिन लोगों के बैरेट एसोफेगस होता है उनके शरीर में कोल्युम्नार एपिथेलियम उनकी भोजन नली में मौजूद होती हैं जो कि छोटी आंत जैसा होता है। स्क्वैमस एपिथेलियम से कोल्युम्नार एपिथेलियम में कोशिकाओं के बदलने को मेटाप्लासिया कहा जाता है।
एलशियन ब्लू स्टेन टेस्ट विशेष प्रकार की कोशिकाओं के प्रकार को ही स्टेन कहते हैं, जैसे एपिथेलियम के बदलने पर ग्लोबेट कोशिकाओं को और सामान्य तौर से एसिडिक म्यूकिन को जो कि ग्लोबेट कोशिकाओं में मौजूद एक प्रोटीन है। सामान्य इंटेस्टाइनल एपिथेलियम में ग्लोबेल्ट कोशिकाएं बलगम बनाती हैं। बलगम एक पतली परत की तरह का पदार्थ है जो कि आंत को बाहरी रूप से बैक्टीरियल संक्रमण से बचाता है।
ऐसा माना जाता है कि बैरेट एसोफेगस दीर्घकालिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स रोग से होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोल्युम्नार कोशिकाएं पेप्सिन और एसिड के अधिक प्रतिरोधी होते हैं। यह स्थिति आपको एडीनोकार्सिनोमा नामक कैंसर होने का खतरा बढ़ा सकती है।