बलगम की जांच के दौरान क्या किया जाता है?
टेस्ट के दौरान आपको खांसने की जरूरत पड़ती है। कई बार डॉक्टर छाती को धीरे-धीरे थपथपाते हैं, जिससे मोटा गाढ़ा बलगम थोड़ा ढीला हो जाता है। बलगम को निकालने के लिए आपको भाप में सांस लेने के लिए भी कहा जा सकता है। गहराई से बलगम निकालने के लिए खांसते समय आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है।
(और पढ़ें - यूरिक एसिड टेस्ट)
ज्यादातर मामलों में, बलगम के सेंपल को सुबह-सुबह कुछ भी खाने या पीने से पहले ले लिया जाता है। कुछ मामलों में सुबह-सुबह या उससे ज्यादा बार सेंपल देना पड़ सकता है, यह अक्सर टीबी की स्थिति में किया जाता है।
(और पढ़ें - पेट स्कैन क्या है)
कुछ लोगों में से बलगम का सेंपल निकालने के लिए ब्रोंकोस्कोपी का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक पतली तथा लचीली ट्यूब होती है, जिसको मुंह या नाक के अंदर से होते हुए फेफड़ों तक पहुंचाया जाता है। दवाओं के द्वारा गले और नाक को सुन्न कर दिया जाता है, जिसके बाद ब्रोंकोस्कोप से होने वाला दर्द महसूस नहीं होता। कई बार सेडेटिव दवाएं भी दी जाती हैं, जिससे टेस्ट के दौरान आप सोते रहें।
(और पढ़ें - बायोप्सी जांच क्या है)
एक नरम व लचीली ट्यूब जिसको नासोट्रेचियल कैथेटर (Nasotracheal catheter) कहा जाता है, इसे नाक के माध्यम से गले के अंदर भेजा जाता है। उसके बाद 15 सेकेंड के लिए चूषण प्रक्रिया चलाई जाती है। इस विधि का इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है, जो बहुत अधिक बीमार या बेहोश हैं।
(और पढ़ें - लिवर फंक्शन टेस्ट)