स्पर्म डीएनए फ्रेगमेंटेशन (एसडीएफ) टेस्ट क्या है?
स्पर्म या शुक्राणु बच्चे में आधे में ज्यादा अनुवांशिक पदार्थ पहुंचाता है। यह अनुवांशिक पदार्थ डीएनए है जो कि स्पर्म द्वारा ले जाया जाता है। एक सही डीएनए बढ़ते बच्चे के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यदि शुक्राणु के अंदर डीएनए टुकड़ों में टूटा हुआ है तो इसे फ्रॅग्मेंटेड कहा जाता है। स्पर्म डीएनए का फ्रेगमेंटेशन (टूटना) पुरुष बांझपन का एक कारण हो सकता है। यह माना जाता है कि एसडीएफ को मिसकैरेज, गर्भ में बच्चे के धीमे विकास और गर्भवती होने जैसी समस्याओं के साथ संबंधित किया जा सकता है।
पुरुषों में प्रजनन क्षमता की जांच के लिए नियमित रूप से किए जाने वाले स्पर्म एनालिसिस टेस्ट में डीएनए की जानकारी नहीं मिल पाती। अब एसडीएफ टेस्ट पुरुषों की प्रजनन क्षमता की जांच के लिए ज्यादा अच्छा टेस्ट बन गया है। यह टेस्ट इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) और इंट्रासाइटोप्लास्मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) जैसी महंगी प्रोसीजर करवाने से पहले किया जा सकता है। इस टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि इन प्रक्रियाओं के सफल होने की कितनी संभावना है। यह एक ऐसा टेस्ट है, भविष्य में जिसका उपयोग पुरुषों में प्रजनन क्षमता और बांझपन में अंतर करने के लिए प्रयोग किया जाएगा, क्योंकि यह देखा गया है कि सीमन एनालिसिस के सामान्य परिणाम होने पर भी पुरुष को एसडीएफ हो सकता है। इसीलिए यह टेस्ट बांझपन के लिए किए जाने वाले इलाज का एक सूचक हो सकता है।