कंधे का एमआरआई एक इमेजिंग टेस्ट है, जिसके माध्यम से कंधे की मांसपेशियों, लिगामेंट, कंधे में उपास्थि (कार्टिलेज) सहित कंधे की संरचनाओं की छवियां तैयार की जाती हैं और उसकी जांच की जाती है।
एमआरआई स्कैनर एक बड़ी मशीन है, जो शरीर की आंतरिक संरचनाओं की छवियों को बनाने के लिए मैग्नेट और रेडियो वेव का इस्तेमाल करती है। इससे तैयार होने वाली छवियां अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे या कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन के मुकाबले ज्यादा स्पष्ट होती हैं। एमआरआई के दौरान, आपको मशीन में इस तरह रखा जाएगा कि आपके कंधे वाले हिस्से के चारों ओर मैग्नेटिक फील्ड बन सके। एमआरआई मशीन में एक ट्रांसमीटर लगा होता है, जो कि रेडियो वेव के रूप में नब्ज के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है और स्कैनर इन तरंगों को छवियों में बदल देता है। ट्रांसमीटर कंधे वाले हिस्से में मौजूद परमाणुओं (एटम) के संरेखण (एलाइंमेंट) को बदल देता है। जब ट्रांसमीटर बंद हो जाता है, तो परमाणु दोबारा से संरेखण हो जाते हैं, जिसे रिसीवर कैप्चर कर लेता है और इन्हें कंप्यूटर में ट्रांसफर कर दिया जाता है।
कभी-कभी, एमआरआई में और अधिक साफ फोटो प्राप्त करने के लिए कंट्रास्ट डाई का उपयोग किया जाता है। इस डाई को आमतौर पर स्कैन से ठीक पहले इंजेक्ट किया जाता है।
(और पढ़ें - कंधे में दर्द की आयुर्वेदिक दवा)