सेक्स हार्मोन टेस्ट क्या है?
सेक्स हार्मोन टेस्ट शरीर में मौजूद तीन प्रमुख सेक्स हार्मोन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। जिनमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन आते हैं।
पुरुषों में, टेस्टोस्टेरोन लेडिग सेल द्वारा अंडकोष की थैली में बनाए जाते हैं। टेस्टोस्टेरोन जननांगों के बढ़ने में मदद करते हैं। ये हार्मोन अन्य यौन संबंधी लक्षणों के विकास में भी मदद करते हैं जैसे मुंह व जननांगों के आस-पास बाल आना आदि। महिलाओं में भी टेस्टोस्टेरोन की थोड़ी मात्रा ओवरी द्वारा बनाई जाती है।
एस्ट्रोजन एक आवश्यक सेक्स हार्मोन है, जो महिलाओं में ओवरी द्वारा बनाया जाता है। यह हार्मोन पुरुषों के शरीर में, कुछ मात्रा में एड्रिनल ग्रंथि और वृषणों में भी बनाया जाता है। यह हार्मोन तीन अलग-अलग तरह से रक्त में सर्कुलेट होता है और प्यूबर्टी के दौरान महिलाओं में हो रहे बदलावों के लिए जिम्मेदार होता है। यह हार्मोन मासिक धर्म के चक्र को और महिलाओं के शरीर में यौन लक्षणों को विकसित करने में मदद करता है। यह प्रेगनेंसी को सामान्य रूप से मैनटेन रखता है।
प्रोजेस्टेरोन भी एक फीमेल हार्मोन है और यह भी ओवरी द्वारा ही बनाया जाता है। गर्भवती महिलाओं में प्लेसेंटा (गर्भनाल) द्वारा भी प्रोजेस्टेरोन हार्मोन बनाया जाता है और यह गर्भावस्था को सुरक्षित रखने में मदद करता है। पुरुषों में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन एड्रिनल ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है और यह अन्य पुरुष हार्मोन बनाने में भी मदद करता है।
मस्तिष्क में पाई जाने वाली पिट्यूटरी ग्रंथि महिलाओं और पुरुषों के शरीर में जननांगों द्वारा बनाए गए सेक्स हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करती है। कभी-कभी सेक्स हार्मोन टेस्ट में प्रोजेस्टेरोन टेस्ट के साथ फॉलिक्युलर स्टिमुलेटिंग हार्मोन, ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन और ह्यूमन कोरिनोइक गोनाडोट्रोपिन हार्मोन टेस्ट भी किए जाते हैं। ये टेस्ट बांझपन, हाइपोगोनाडिज्म और प्रीमेच्योर प्यूबर्टी जैसी स्थितियों की जांच करने के लिए किया जाता है।