स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड एक इमेजिंग टेस्ट है जो कि स्क्रोटम (अंडकोश की थैली) में असामान्यताओं का पता लगाता है। स्क्रोटम वह थैली है जो पुरुष के लिंग के नीचे स्थित होती है। इसमें टेस्टिकल या अंडकोश होते हैं जो कि पुरुष के प्रजनन तंत्र के सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं। ये टेस्टिकल शुक्राणु और टेस्टोस्टेरोन (पुरुष सेक्स हार्मोन) बनाते हैं।

अल्ट्रासाउंड उच्च वेग वाली ध्वनि तरंगों से शरीर के अंदर मौजूद भिन्न भागों की तस्वीर निकालता है। इस प्रक्रिया में ट्रांसड्यूसर नामक एक विशेष उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है। ये तरंगें शरीर के ऊतकों से टकराकर वापस ट्रांसड्यूसर द्वारा प्राप्त की जाती हैं। इस दौरान वे ध्वनि तरंगें भिन्न तरह की आवाज या इको पैदा करती हैं, जो कि बाद में तस्वीरों के रूप में तैयार करके कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाई जाती हैं। किसी भी असामान्य स्थिति में आवाज भिन्न होती है और तस्वीर सामान्य से थोड़ी अलग आती है, जिसके बारे में डॉक्टर आपको बता देंगे।

इस टेस्ट को टेस्टिक्युलर सोनोग्राम और टेस्टिक्युलर अल्ट्रासाउंड के नाम से भी जाना जाता है।

  1. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड कौन नहीं करवा सकता है - Scrotal ultrasound kaun nahi kara sakta hai
  2. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड क्यों किया जाता है - Scrotal ultrasound kyon kiya jata hai
  3. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड से पहले - Scrotal ultrasound se pahle
  4. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के दौरान - Scrotal ultrasound ke dauran
  5. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के दौरान कैसा महसूस होता है - Scrotal ultrasound ke samay kaisa mehsoos hota hai
  6. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के परिणाम का क्या मतलब है - Scrotal ultrasound ke parinam ka kya matlab hai
  7. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के फायदे और नुकसान क्या हैं - Scrotal ultrasound ke fayde aur nuksan
  8. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के बाद क्या होता है - Scrotal ultrasound ke baad
  9. स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के साथ कौन से अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं - Scrotal ultrasound ke sath kiye jane vale anya test

स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड से किसी भी प्रकार की जटिलता नही होती है, इसलिए कोई भी व्यक्ति इस इमेजिंग टेस्ट को करवा सकता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

इस टेस्ट की मदद से टेस्टिकल, स्क्रोटम और एपीडिडिमिस (अधिवृषण) से जुड़े विकारों के बारे में पता लगाने में मदद मिलती है। एपीडिडिमिस एक ट्यूब है जो कि टेस्टिकल द्वारा बनाए गए शुक्राणुओं को इकट्ठा करके संचारित करती है।

डॉक्टर आपको निम्न स्थितियों में स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कह सकते हैं -

इस टेस्ट से टेस्टिक्युलर टॉरशन की पहचान की जा सकती है। टेस्टिक्युलर टॉरशन (वृषण मरोड़) एक स्थिति है, जिसमें स्पर्मेटिक कॉर्ड मुड़ जाती है। स्पर्मेटिक कॉर्ड वह नली है जो कि टेस्टिकल तक रक्त पहुंचाती है।

स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड का उपयोग अंडकोश में मौजूद किसी गांठ की जांच करने के लिए भी किया जा सकता है इससे यह जानने में मदद मिलती है कि मौजूद गांठ पानी के सिस्ट हैं या फिर ट्यूमर। यह वेरिकोसेल की पहचान करने में भी मदद कर सकता है।

इसके अलावा इस टेस्ट से टेस्टिकल में रक्त के प्रवाह की धारा और अंडकोश से रक्त के प्रवाह की जांच करने में भी मदद मिलती है।

अंत में इसका प्रयोग वीर्य के प्रवाह में आने वाले किसी भी अवरोध का पता लगाने के लिए भी किया जाता है, जो पुरुषों में नपुंसकता का कारण भी बन सकता है।

इस टेस्ट के लिए आपको किसी भी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है। ध्यान रखें कि जब आप स्कैन के लिए जाएं तो ढीले कपड़े पहन कर जाएं। टेस्ट से पहले आपको अस्पताल की एक विशेष ड्रैस पहनने को कहा जा सकता है और जिस जगह की जांच की जानी है वहां से सभी वस्त्रों को हटाया जाएगा।

यदि आपके बेटे का टेस्ट होना है तो जांच करवाने के लिए आपको साथ जाना होगा। आप टेस्ट से पहले अपने बेटे को टेस्ट के बारे में समझा सकते हैं।

आपको टेस्ट से पहले पानी न पीने या फिर अधिक पानी पीने को नहीं कहा जाएगा और न ही आपसे भूखे रहने को कहा जाएगा। हालांकि, कुछ मामलों में मरीज से कुछ विशेष दवाओं को छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। आप जो भी दवाएं ले रहे हैं उनके बारे में डॉक्टर को टेस्ट से पहले बता दें।

आपसे पैरों को फैलाकर लेटने के लिए कहा जाएगा। डॉक्टर आपके अंडकोश के नीचे एक तौलिया रखेंगें ताकि वे संतुलन में हों। ध्यान रखें कि स्कैनिंग के दौरान हिलें-डुलें नहीं। टेक्नीशियन या डॉक्टर निम्न प्रक्रिया का पालन करते हुए टेस्ट करेंगे -

  • वे आपके टेस्टिकल पर एक हल्का गरम जेल लगाएंगे। इससे ध्वनि तरंगों को त्वचा के अंदर जाने में मदद मिलेगी।
  • जिस जगह की जांच होनी है, वहां ट्रांसड्यूसर को भिन्न तरह से घुमाया जाएगा। यदि उस स्थान में किसी तरह की असामान्यता है, तो ऐसे में आपको दर्द या बेचैनी हो सकती है।
  • एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने पर टेक्नीशियन जेल को साफ कर देंगे।

इस पूरी प्रक्रिया में 15 से 30 मिनट का समय लगेगा, लेकिन कभी-कभी इससे अधिक समय भी लग सकता है।

यह एक दर्दरहित प्रक्रिया है। हालांकि, जेल थोड़ा ठंडा या गर्म लग सकता है।

सामान्य स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड में टेस्टिकल और अंडकोश के अन्य भाग सामान्य दिखाई देते हैं। टेस्ट में असामान्यता निम्न स्थितियों की तरफ संकेत कर सकती हैं -

  • छोटी सिस्ट बनना
  • टेस्टिकल में संक्रमण
  • वृषण में मरोड़ आाना
  • वैरीकोसेल
  • हाइड्रोसील - टेस्टिकल के चारों तरह एक नरम द्रव का भर जाना
  • स्पेर्माटोसील - टेस्टिकल की नलिकाओं पर एक द्रव से भरी गांठ

स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड के निम्न फायदे हैं -

  • यह बिना किसी प्रकार का चीरा लगाए किया जाता है
  • आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है
  • लगभग सभी क्षेत्रों में उपलब्ध होता है
  • अत्यधिक सुरक्षित
  • इससे कुछ समय के लिए बेचैनी हो सकती है, लेकिन यह पूर्णतः दर्दरहित है
  • इसमें रेडिएशन का प्रयोग नहीं होता है
  • नरम ऊतकों की जांच के लिए इसे एक्स-रे की तुलना में अधिक अच्छा माना जाता है

किसी भी व्यक्ति को इससे कोई नुकसान या खतरा नहीं होता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Energy & Power Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को शारीरिक व यौन कमजोरी और थकान जैसी समस्या के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Power Capsule For Men
₹719  ₹799  10% छूट
खरीदें

चूंकि स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड में किसी भी तरह से इंजेक्शन या चीरा आदि नहीं लगाया जाता है और यह पूर्णतः दर्दरहित प्रक्रिया है। अल्ट्रासाउंड के बाद आप अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं और रोजाना के कार्य वापस शुरू कर सकते हैं। साथ ही इसमें अपने आहार में भी बदलाव करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

स्क्रोटम में रक्त प्रवाह की जांच करने के लिए डॉपलर अल्ट्रासाउंड किया जा सकता है, जिससे टेस्टिक्युलर टॉरशन का पता लगाने में मदद मिलती है। क्योंकि जब टेस्टिकल मुड़ जाते हैं तो रक्त का प्रवाह कम हो जाता है।

संदर्भ

  1. UFHealth [internet]. University of Florida; Scrotal ultrasound. Gainesville. Florida. US; Scrotal ultrasound
  2. US Food and Drug Administration (FDA) [internet]. Maryland. US; Ultrasound Imaging
  3. MYCourses: Harvard medical school [Internet]. Harvard University. Cambridge. Massachusetts. USA; Ultrasound (US)
  4. Radiological Society of North America (RSNA) [internet]. Oak Brook. Illinois. USA; Ultrasound - Scrotum
  5. Shaida N, Berman L. Male genitourinary tract. In: Adam A, Dixon AK, Gillard JH, Schaefer-Prokop CM, eds. Grainger & Allison's Diagnostic Radiology: A Textbook of Medical Imaging. 6th ed. New York, NY: Elsevier Churchill Livingstone; 2015:chap 40.
  6. Gilbert BR, Fulgham PF. Urinary tract imaging: basic principles of urologic ultrasonography. In: Wein AJ, Kavoussi LR, Partin AW, Peters CA, eds. Campbell-Walsh Urology. 11th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2016:chap 3.
  7. Sommers D, Winter T. The scrotum. In: Rumack CM, Levine D, eds. Diagnostic Ultrasound. 5th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2018:chap 22.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ