पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट क्या है?
पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (पीएफटी) एक तरह का ग्रुप टेस्ट (टेस्ट समूह) है, जिसकी मदद से डॉक्टर फेफड़ों के कार्य की जांच करते हैं। पीएफटी में शामिल होने वाले टेस्ट निम्नलिखित हैं :
- टोटल लंग्स कैपेसिटी (टीएलसी): फेफड़ों में हवा भरने की क्षमता
- टाइडल वॉल्यूम : एक बार में सांस लेने या छोड़ने के दौरान हवा की मात्रा।
- वाइटल कैपेसिटी : हवा की वह मात्रा, जिसे पूरी तरह से सांस लेने के बाद बाहर निकाला जाता है।
- रेजीड्यूल वॉल्यूम (आरवी): सांस छोड़ने के बाद फेफड़ों में बची हुई हवा की मात्रा
- मिनट वॉल्यूम : एक मिनट में सांस के द्वारा छोड़ी जाने वाली कुल हवा
- फंक्शनल रेजीड्यूल वॉल्यूम (एफआरसी): पूरी तरह से सांस छोड़ने के बाद फेफड़ों में बची हुई हवा की मात्रा है
- फोर्स्ड वाइटल कैपेसिटी (एफवीसी): एफवीसी टेस्ट के दौरान शुरुआती तीन सेकंड में छोड़ी जाने वाली हवा की वह मात्रा है, जिसे सांस लेने के बाद तेजी से छोड़ा जाता है। इस पैरामीटर का उपयोग करके हम निम्नलिखित बातों का पता लगा सकते हैं :
- फोर्स्ड एक्सिपिरेटरी फ्लो : यह एफवीसी टेस्ट के बीच में मापी गई हवा के प्रवाह की औसत दर है।
- फोर्स्ड एक्सिपिरेटरी वॉल्यूम (एफईवी): यह एफवीसी टेस्ट के दौरान पहले तीन सेकंड में छोड़ी जाने वाली हवा की मात्रा है।
- पीक एक्सिपिरेटरी फ्लो रेट : फेफड़ों से हवा को जबरदस्ती बाहर निकालने की सबसे तेज दर नोट की जाती है।
- डीएलसीओ : इस टेस्ट में कार्बन मोनोऑक्साइड को इन्हेल (खींचा) किया जाता है। यह गैस उसी रास्ते से हमारे शरीर में जाती है, जिससे ऑक्सीजन जाती है, लेकिन यह ऑक्सीजन की तुलना में हीमोग्लोबिन में तेजी से जुड़ जाती है।
यह परीक्षण दो तरह से किया जाता है :
- स्पाइरोमीटर : इस टेस्ट में, स्पाइरोमीटर नामक उपकरण से माउथपीस (वह हिस्सा जिसे मुंह में लगाया जाता है) का इस्तेमाल किया जाता है। जिसका उपयोग फेफड़ों में वायु प्रवाह को मापने के लिए किया जाता है (सांस लेने के दौरान आप कितनी हवा खींचते और बाहर छोड़ते हैं)।
- प्लीथीस्मोग्राफी : इसमें किसी फोन बूथ (ऐसा बड़ा बॉक्स जो चारों ओर से पारदर्शी होता है) की तरह दिखने वाले एयरटाइट बॉक्स में मरीज को बैठने के लिए कहा जाता है। इसके बाद वह सांस लेता है तो इस दौरान फेफड़ों पर पड़ने वाले दबाव को नोट कर लिया जाता है। यह फेफड़े की क्षमता के बारे में जानकारी देता है।
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