प्रोटीन सी टेस्ट रक्त में प्रोटीन सी की मात्रा का पता लगाता है।
प्रोटीन सी की कार्य प्रक्रिया विटामिन के की एंटी क्लॉटिंग प्रोएंजाइम पर निर्भर करती हैं। यह प्लाज्मा में संचारित होता है और प्रोटीन सी को बनाने के लिए कार्यरत होता है। यह सक्रिय रूप थक्का रोधी की तरह कार्य करता है और कोआग्युलेशन फैक्टर V और VIII को निष्क्रिय कर देता है।
प्रोटीन सी रक्त के थक्के जमने से बचाता है। आमतौर पर आपका शरीर किसी भी चोट या खरोंच के लगने पर थक्के बनाता है। यदि रक्त में प्रोटीन सी के स्तर बहुत ही कम हैं तो रक्त के थक्के कई ज्यादा बनेंगे, जिससे रक्त वाहिकाएं अवरुद्ध हो सकती हैं। क्लॉट शरीर के किसी भी भाग में जम सकता है और फेफड़ों तक जा सकता है। यदि क्लॉट आपके फेफड़ों तक पहुंच जाता है तो इससे प्राणघातक स्थिति पल्मोनरी एम्बोलिस्म पैदा हो सकती है।
यदि आपके प्रोटीन सी के स्तर सामान्य से अधिक हैं तो इससे किसी समस्या का कोई खतरा नहीं है।
प्रोटीन सी की कमी एक आनुवंशिक विकार है। कभी-कभी जीवन में अन्य कारणों की वजह से भी ये कमी हो जाती है। ये कमी सामान्य या गंभीर भी हो सकती है। जिन लोगों में इसके सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं उनमें कभी भी जानलेवा थक्के नहीं जम सकते हैं। हालांकि, निम्न स्थितियों में गंभीर रूप से थक्के जमने की समस्या हो सकती है :
- सर्जरी
- गर्भावस्था कुछ संक्रमण
- लंबे समय तक शारीरिक रूप से असक्रिय रहना
प्रोटीन सी की कमी चाहे आनुवंशिक हो या बाद में हुई हो, इस टेस्ट की मदद से थक्कों को जमने से रोकने के बारे में भी पता लगाया जा सकता है।