प्रोकैल्सिटोनिन टेस्ट क्या है?
प्रोकैल्सिटोनिन एक प्रोटीन है जो कि शरीर के किसी ऊतक में चोट लगने और बैक्टीरियल संक्रमण होने पर बनता है। इस कंपाउंड के उच्च स्तर सेप्सिस या गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण की तरफ संकेत कर सकते हैं। यह टेस्ट रक्त में प्रोकैल्सिटोनिन के स्तर का आकलन करने के लिए किया जाता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आपको सेप्सिस या कोई बैक्टीरियल संक्रमण तो नहीं है।
हर बार जब आपको कोई संक्रमण होता है तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली इसे शरीर के एक ही भाग में रखने की कोशिश करती है ताकि यह आपके पूरे शरीर में न फैले। हालांकि, कभी-कभी रोगजनक बैक्टीरिया आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली से बचकर रक्त में चले जाते हैं जिससे बैक्टीरिमिया नामक स्थिति हो जाती है। बैक्टीरिमिया से सेप्सिस नामक स्थिति पैदा हो सकती है, जो अत्यधिक गंभीर व घातक हो सकती है। यदि इस स्थिति का समय पर इलाज न किया जाए तो इससे शरीर का कोई अंदरूनी अंग काम करना बंद कर सकता है और यहां तक कि मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
प्रोकैल्सिटोनिन के स्तर कुछ अन्य स्थितियों में भी बढ़ सकते हैं। हालांकि, वे इतने अधिक नहीं होते जितने सेप्सिस में होते हैं। इसमें टिशू डैमेज शामिल है जो कि निम्न कारणों से हो सकता है :
- ट्रॉमा
- अग्नाशयशोथ
- जलना
- कार्डियोजेनिक शॉक (दिल के दौरे से संबंधित)
- सर्जरी
- बच्चों के मूत्राशय पथ में संक्रमण
- एक्यूट ऑर्गन ट्रांसप्लांट रिजेक्शन
- वायरल संक्रमण
- सूजन संबंधी स्थितियां :
- ऑटोइम्यून विकार
- क्रोनिक इंफ्लेमेटरी प्रोसेस