ब्राइड एंड ग्रूम पैनल टेस्ट क्या है?
विवाह हमारे समाज का स्तम्भ है। एक स्वस्थ शादी वह होती है, जिसमें दंपति के बीच में सभी तरह से शांति व प्रेम होता है। इनमें मानसिक शांति, स्वास्थ्य, यौन संबंध और सामाजिक पहलुओं की बात की जाती है। शादी से पहले कुछ टेस्ट किए जाते हैं जो ये सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी रोग एक व्यक्ति से दूसरे में ना जाए और एक स्वस्थ परिवार बनाने के विकल्प खुल जाएं। इसे प्री मैरिटल स्क्रीनिंग भी कहा जाता है।
ब्राइड और ग्रूम पैनल में निम्न टेस्ट आते हैं -
-
ब्लड ग्रुप - यह टेस्ट दोनों व्यक्तियों के रक्त प्रकार की जांच करता है। ब्लड ग्रुप एक प्रकार के प्रोटीन पर निर्भर करता है, जिसे एंटीजन कहते हैं। ये लाल रक्त कोशिकाओं की सतह पर मौजूद होता है। यह आपको आपके माता-पिता से मिलता है। यह टेस्ट आरएच नामक एक पदार्थ की जांच करता है जो कि लाल रक्त कोशिका की सतह पर मौजूद होता है। आरएच फैक्टर की जांच जरूरी है क्योंकि ब्लड टाइप गर्भावस्था के समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि पिता का आरएच पॉजिटिव है और माता का आरएच नेगेटिव है तो माता को भ्रूण की सुरक्षा के लिए कुछ हानिकारक पदार्थों के विकास को रोकने के लिए विशेष उपचार की आवश्यकता होगी। अधिकतर मामलों में पहले जन्मे बच्चे पर कोई हानि नहीं होती है, क्योंकि मां का शरीर पर्याप्त हानिकारक पदार्थ नहीं बना पाता। हालांकि, इसके बाद गर्भ धारण करने पर मृत शिशु पैदा होने के खतरे बढ़ जाते हैं।
-
वेनेरल डिजीज रिसर्च लेबोरेटरी (वीडीआरएल) टेस्ट - यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जो कि सिफलिस के परीक्षण के लिए किया जाता है। यह रक्त में सिफलिस के बैक्टीरिया (ट्रेपोनेमा पैलिडम) द्वारा आक्रमण होने पर शरीर द्वारा बनाए गए एंटीबॉडीज की जांच करता है।
-
हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन टेस्ट (एचबीएसएजी) - हेपेटाइटिस बी लिवर का संक्रमण है जो कि हेपेटाइटिस बी वायरस से होता है (एचबीवी), जो कि रक्त, योनि के द्रव और वीर्य द्वारा संचारित हो सकता है। एचबीएसएजी एक ब्लड टेस्ट है जो कि हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन का पता लगाता है। यदि किसी नवजात शिशु को हेपेटाइटिस बी है, तो यह संक्रमण लिवर को क्षतिग्रस्त कर सकता है जिससे शिशु को लिवर कैंसर हो सकता है।
-
एचआईवी 1 और एचआईवी 2 - यह ब्लड टेस्ट आपके शरीर में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस द्वारा हुए किसी संक्रमण की जांच करता है। एचआईवी वायरस आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है और आपकी इम्यून कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, जिसके कारण आपका इम्यून सिस्टम आपको संक्रमणों से नहीं बचा पाता है। यह टेस्ट एचआईवी एंटीजन और एंटीबॉडीज दोनों का पता लगाता है। असुरक्षित यौन संबंध से एचआईवी फैल सकता है।
-
हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस टेस्ट (हाई परफॉरमेंस क्रोमैटोग्रॉफी तकनीक (एचपीएलसी) - हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद होता है और शरीर में ऑक्सीजन का संचारण करता है। हीमोग्लोबिन के कुछ सामान्य प्रकार वयस्कों में पाए जाते हैं, जिनमें हीमोग्लोबिन ए और हीमोग्लोबिन ए2 शामिल हैं। भ्रूण और नवजात शिशुओं में हीमोग्लोबिन एफ़ होता है। इसके साथ ही असामान्य हीमोग्लोबिन के 350 प्रकार होते हैं और इसमें से कुछ हीमोग्लोबिन एस और हीमोग्लोबिन सी हैं। सामान्य हीमोग्लोबिन को असामान्य हीमोग्लोबिन से अलग करने की प्रक्रिया को इलेट्रोफोरेसिस कहा जाता है। इस प्रक्रिया में इलेक्ट्रिक चार्ज की मदद ली जाती है और हीमोग्लोबिन के प्रत्येक प्रकार का पता लगाया जाता है। असामान्य हिमोग्लोबिन की मौजूदगी या रक्त में असामान्य तरह से सामान्य हीमोग्लोबिन की मौजूदगी एक रोग सिकल सेल एनीमिया की मौजूदगी की तरफ संकेत करती है।