प्लेटलेट्स गिनती या प्लेटलेट काउंट (Platelet count) एक प्रकार का लैब टेस्ट होता है, जिसकी मदद से आपके खून में प्लेटलेट्स की मात्रा को मापा जाता है। प्लेटलेट्स खून का ही हिस्सा होती है, जो खून के थक्के बनने में मदद करती है। प्लेटलेट्स आकार में लाल व सफेद रक्त कोशिकाओं से छोटी और आकृति में प्लेट जैसी होती हैं, जो खून में प्रवाहित होती रहती (Circulating) हैं। प्लेटलेट्स वे कोशिकाएं होती हैं, जो खून का थक्का बनाने की जिम्मेदार होती हैं। किसी भी वाहिका के टूटने का सबसे पहला जिम्मेदार इन्हीं को माना जाता है। प्लेटलेट्स की गिनती की मदद से कई ऐसी स्थितियों को बारीकी से देखा जाता है, जो खून के प्रभावी थक्के (Efficient clotting) बनाने की क्रिया को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे खून बहने से संबधित विकार, संक्रमण, रक्त कैंसर आदि। 

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  1. प्लेटलेट्स गिनती क्या है? - What is Platelet Count in Hindi?
  2. प्लेटलेट्स गिनती क्यों किया जाता है - What is the purpose of Platelet Count in Hindi
  3. प्लेटलेट्स गिनती से पहले - Before Platelet Count in Hindi
  4. प्लेटलेट्स गिनती के दौरान - During Platelet Count in Hindi
  5. प्लेटलेट्स गिनती के बाद - After Platelet Count in Hindi
  6. प्लेटलेट्स गिनती के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of Platelet Count in Hindi
  7. प्लेटलेट्स गिनती के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Platelet Count Result and Normal Range in Hindi
  8. प्लेटलेट्स गिनती कब करवाना चाहिए - When to get tested with Platelet Count in Hindi
प्लेटलेट्स गिनती के डॉक्टर

प्लेटलेट्स की गिनती क्या होती है?

प्लेटलेट्स की गिनती (Platelet count) एक टेस्ट होता है, जिसमें खून के सैम्पल की मदद से किसी व्यक्ति में प्लेटलेट्स की गिनती की जाती है। एक स्वस्थ व्यक्ति में प्लेटलेट्स की गिनती प्रति माइक्रोलीटर खून में 150,000 से 450,000 तक होती है। शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा 450,000 से ज्यादा होने पर थ्रोम्बोसाइटोसिस (Thrombocytosis) नामक समस्या उत्पन्न हो जाती है और 150,000 से कम होने पर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) नामक स्थिति हो पैदा हो जाती है। प्लेटलेट्स की संख्या की गिनती एक सामान्य नियमित खून टेस्ट से की जाती है, इसे कंपलीट ब्लड काउंट (CBC) कहा जाता है। 

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प्लेटलेट्स की गिनती किसलिए की जाती है?

इस टेस्ट को खून टेस्ट (CBC) के एक हिस्से के रूप में किया जाता है, जिसे नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान किया जाता है।

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प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट की मदद से डॉक्टरों को आपके खून में प्लेटलेट्स की संख्या जानने में मदद मिलती है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टरों को अस्थि मज्जा (Bone marrow) से जुड़ी समस्याओं और अन्य समस्याएं जिसमें अत्यधिक मात्रा में प्लेटलेट्स नष्ट होती हैं, इसकी जाँच करने में सहायता मिलती है।

कम प्लेटलेट्स उत्पादन के कारणों में निम्न शामिल हैं:

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शरीर द्वारा अधिक प्लेटलेट नष्ट करने के परिणाम से भी प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं। ऐसा कुछ प्रकार की दवाओं के साइड इफेक्ट होने के कारण हो सकता है, जिनमें ड्यूरेटिक्स (Diuretics) व मिर्गी की रोकथाम करने वाली दवाएं (Anti-seizure medications) आदि शामिल हैं।

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प्लेटलेट्स की गिनती से पहले क्या किया जाता है?

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टेस्ट के लिए जाने से पहले सुनिश्चित कर लें की आपने आधी बाजू की शर्ट या टी शर्ट पहनी हुई है, या ऐसी शर्ट पहन कर जाएं जिसकी बाजू को आसानी से ऊपर किया जा सके।

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ब्लड प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट से पहले रोजाना की तरह खाया-पीया जा सकता है। हालांकि, डॉक्टर आपको कुछ समय के लिए कुछ भी खाने या पीने से बचने के लिए कह सकते हैं। ऐसा डॉक्टर तब कहते हैं, जब खून के सैम्पल को अन्य टेस्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जाना हो। टेस्ट होने से पहले डॉक्टर आपको विशेष अनुदेश देते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है।

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प्लेटलेट्स की गिनती के दौरान क्या किया जाता है?

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ब्लड प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट के दौरान डॉक्टर आपके नस से खून का सैम्पल निकालते हैं। सैम्पल के लिए खून अक्सर कोहनी के अंदरूनी भाग या हाथ के ऊपरी हिस्से से निकाला जाता है। यह टेस्ट पूरा होने में कुछ ही मिनट का समय लगता है। इस टेस्ट को करने के लिए निम्न प्रक्रिया का पालन किया जाता है:

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  • सबसे पहले जिस जगह पर सुई लगानी होती है, उस जगह को साफ किया जाता है।
  • उसके बाद बाजू के ऊपरी हिस्से में पट्टी या बैंड बांधा जाता है, जिससे नसों में खून का बहाव रुक जाता है और वे खून से भर कर स्पष्ट दिखने लगती हैं।
  • उसके बाद नस में सुई को डाल दिया जाता है और जरूरत के अनुसार खून को निकाल लिया जाता है।
  • खून को सुई से जुड़ी सीरिंज, ट्यूब या शीशी में इकट्ठा किया जाता है।
  • खून निकालने के बाद, सुई को निकाल दिया जाता है और बाजू के ऊपर से इलास्टिक बैंड को भी खोल दिया जाता है।
  • सुई वाली जगह पर रुई का टुकड़ा या बैंडेज लगा दी जाती है, ताकि खून ना बहने पाए।
  • सैम्पल पर मरीज के नाम का लेबल लगा दिया जाता है तथा उसे लेबोरेटरी में विश्लेषण करने के लिए भेज दिया जाता है।

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प्लेटलेट्स की गिनती के बाद क्या किया जाता है?

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सैम्पल निकालने के बाद सुई निकाल दी जाती है और उस जगह पर रूई का टुकड़ या बैंडेज लगा दी जाती है, ताकि खून बहने से रोकथाम की जा सके। जब सुई द्वारा खून निकाला जाता है, उस समय आपको थोड़ी चुभन महसूस हो सकती है और कुछ समय के लिए छोटा निशान पड़ सकता है।

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प्लेटलेट्स ब्लड काउंट टेस्ट के रिजल्ट आमतौर पर कुछ घंटों के अंदर आ जाते हैं।

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प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट के क्या जोखिम हो सकते हैं?

हर व्यक्ति की नसें व वाहिकाएं दूसरे व्यक्ति से अलग आकार और आकृति की हो सकती हैं। इसलिए एक व्यक्ति की बजाए दूसरे व्यक्ति के लिए खून का सैम्पल देना पीड़ादायक हो सकता है।

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खून का सैम्पल निकालने से जुड़े कुछ अन्य जोखिम भी हैं, जिनमें निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • अत्याधिक खून बहना,
  • बेहोशी या चक्कर आना, (और पढ़ें - चक्कर का उपाय)
  • हेमाटोमा (इस स्थिति में त्वचा के नीचे खून जमने लग जाता है।),
  • संक्रमण (सुई से त्वचा में छेद होने के कारण संक्रमण के भी कुछ हल्के जोखिम हो सकते हैं), इत्यादि।

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प्लेटलेट्स गिनती के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

नॉर्मल रेंज –

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प्रति माइक्रोलीटर खून में अगर प्लेटलेट्स की मात्रा 150,000 से 450,000 के बीच मिले तो रिजल्ट को नॉर्मल रेंज में माना जाता है।

असामान्य रिजल्ट का मतलब

कम प्लेटलेट्स –

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कम प्लेटलेट जब मानी जाती है जब उनकी संख्या 150,000 से नीचे गिर जाए। प्लेटलेट्स की संख्या 50,000 से भी नीचे गिरने के बाद खून बहने के जोखिम अत्याधिक हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में रोजाना की गतिविधियों के कारण भी खून बह सकता है।

प्लेटलेट की संख्या का स्तर सामान्य से नीचे गिरने की स्थिति को 'थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया' कहा जाता है। प्लेटलेट कम होने की स्थिति के मुख्य तीन कारण होते हैं:

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  1. अस्थिमज्जा में पर्याप्त मात्रा में प्लेटलेट्स ना बन पाना,
  2. ब्लडस्ट्रीम (रक्तधारा) में प्लेटलेट्स नष्ट होना,
  3. लिवर या स्पलीन में प्लेटलेट्स नष्ट होना।

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प्लेटलेट की संख्या में कमी के 3 सामान्य कारण जैसे :

  • कैंसर के उपचार, जैसे कीमोथेरेपी या विकिरण थेरेपी (और पढ़ें - कैंसर में क्या खाना चाहिए)
  • ड्रग्स या दवाएं आदि
  • स्व – प्रतिरक्षित विकार, इस स्थिति में प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर पर ही अटैक करने लगती है और प्लेटलेट्स जैसे स्वस्थ ऊतकों को नष्ट करने लगती है।

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अधिक प्लेटलेट्स –

प्लेटलेट्स की संख्या 400,000 या उससे ऊपर होने पर उनको सामान्य से अधिक प्लेटलेट मान लिया जाता है।

सामान्य संख्या से अधिक प्लेटलेट्स की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटिस कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि शरीर सामान्य मात्रा से अधिक प्लेटलेट्स का निर्माण कर रहा है, इसके कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • एक प्रकार का एनीमिया, जो लाल रक्त कोशिकाओं को सामान्य समय से पहले नष्ट कर देता है। (Hemolyticanemia)
  • आयरन की कमी या सिकल सेल रोग के कारण होने वाला एनीमिया। (और पढ़ें - सिकल सेल एनीमिया)
  • किसी मुख्य सर्जरी, चोट या संक्रमण आदि के बाद की स्थिति।
  • कैंसर। (और पढ़ें - ब्लड कैंसर का इलाज)
  • कुछ प्रकार की दवाएं।
  • अस्थि मज्जा के रोग।
  • अस्थि मज्जा द्वारा अधिक मात्रा में प्लेटलेट्स का निर्माण करना, जिसके कारण का पता ना हो। (Primary thrombocythemia)।

जिन लोगों में प्लेटलेट्स की संख्या अधिक होती है, ऊनमें खून का थक्का बनने के जोखिम हो सकते हैं। खून के थक्के गंभीर मेडिकल स्थितियां पैदा कर सकती हैं।

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प्लेटलेट्स काउंट टेस्ट कब किया जाता है?

अगर आपके डॉक्टर को संदेह हो रहा है कि आपकी प्लेटलेट कम है, तो वे सबसे पहले आपका शारीरिक परीक्षण करते हैं। परीक्षण के दौरान डॉक्टर शरीर पर निशान (Petechiae) आदि की जांच करते हैं, ये निशान चकत्तों जैसे होते हैं, जो अक्सर प्लेटलेट्स में कमी होने के कारण होते हैं। डॉक्टर पेट का भी परीक्षण करते हैं, जिसमें स्पलीन के आकार बढ़ने आदि की जांच की जाती है। स्पीलन का आकार बढ़ने के कारण प्लेटलेट्स में कमी होने लगती है।

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इसके साथ ही साथ जब निम्नलिखित संकेत और लक्षणों में से एक या अधिक मौजूद हो:

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संदर्भ

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