ओबेसिटी पैनल क्या है?
ओबेसिटी या मोटापा एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है। मोटापे से कई सारी गंभीर बीमारियां होने का खतरा होता है। हालांकि, इसे एक संतुलित आहार, लगातार शारीरिक व्यायाम और लंबे समय तक वजन को नियंत्रित करने वाली क्रियाओं की मदद से ठीक किया जा सकता है। बजाय थोड़ा-थोड़ा खाने के आप लगातार व्यायाम करके भी इसे नियंत्रित कर सकते हैं।
मोटापे के साथ निम्न स्थितियां जुड़ी होती हैं -
- उच्च रक्तचाप
- स्ट्रोक
- टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस
- डिसलिपिडेमिया
- कोलन, ब्रैस्ट, प्रोस्टेट और एंडोमेट्रियम का कैंसर
- फर्टिलिटी का कम होना
- स्लीप एप्निया और अन्य श्वास संबंधी रोग
- ऑस्टियोआर्थराइटिस
ओबेसिटी पैनल तब किया जाता है जब आप अत्यधिक मोटापे के शिकार हो जाते हैं। इससे मोटापे में मौजूद भिन्न रोगों और मोटापे के कारण को जानने में मदद मिलती है। इस टेस्ट के परिणामों के अनुसार डॉक्टर आपको वजन कम करने की सलाह देंगे। वे आपको वजन कम करने के लिए जरूरी उपाय भी सुझा देंगे।
ओबेसिटी पैनल में निम्न टेस्ट शामिल होते हैं -
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ब्लड शुगर (फास्टिंग एंड पोस्टपरंडिअल (पीपी) - यह टेस्ट आपके रक्त में ब्लड शुगर (ग्लूकोज) के स्तरों की जांच करता है। ग्लूकोज शरीर में ऊर्जा का मुख्य स्रोत है। यह कार्बोहाइड्रेट के टूटने से बनता है। अत्यधिक ग्लूकोज लिवर में ग्लाइकोजन के रूप में संचित हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो कि अग्नाशय (पेट में मौजूद एक ग्रंथि) द्वारा बनाया जाता है जो कि लिवर को अतिरिक्त ग्लूकोज ग्लाइकोजन के रूप में संचित करने के लिए उत्तेजित करता है।
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शुगर के बढ़े हुए स्तर डायबिटीज की तरफ संकेत करते हैं। डायबिटीज तब होती है जब किसी व्यक्ति के शरीर द्वारा पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाता है या फिर उत्पादित इंसुलिन ठीक तरह से कार्य नहीं कर पाता है। फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट में आपके रक्त में ब्लड शुगर की जांच तब की जाती है जब आप बारह घंटे से भूखे होते हैं। पीपी ब्लड शुगर भोजन के बाद जांचा जाता है। आमतौर पर ब्लड शुगर के स्तर भोजन के दो घंटे बाद सामान्य हो जाते हैं।
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थायराइड प्रोफाइल - थायराइड प्रोफाइल में निम्न टेस्ट आते हैं -
- टी3 - टी3 (ट्राईडोथायरोइन) एक हार्मोन है जो कि थायराइड ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। थायराइड ग्रंथि गले में मौजूद एक तितली के आकार की ग्रंथि है। यह शारीरिक विकास, हृदय की दर और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद करती है। साथ ही यह फ्री (जो बंधता नहीं है) और बाऊंड (टी3 एक प्रोटीन के साथ बंधा हुआ) दोनों रूपों में रक्त में पाया जाता है। टी3 टेस्ट ट्राईडोथायरोइन के दोनों रूपों की जांच करता है।
- टी4 - यह थायराइड ग्रंथि द्वारा बनाया जाता है। टी3 की ही तरह टी4 भी मेटाबॉलिज्म और विकास में महत्पूर्ण भूमिका निभाता है और फ्री व बाउंड दोनों तरह से शरीर में पाया जाता है। टी4 एक ब्लड टेस्ट है जो टी4 (थायरोक्सिन) के स्तरों की जांच करता है। दोनों ही बाउंड व फ्री टी4 की जांच इस टेस्ट में की जाती है।
- थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन (टीएसएच) - मस्तिष्क में मौजूद पिट्यूटरी ग्रंथि टीएसएच हार्मोन का उत्पादन करती है। टीएसएच थायराइड हार्मोन के स्तरों को नियंत्रित करता है। यदि थायराइड हार्मोन के स्तर कम हैं तो पिट्यूटरी ग्रंथि अत्यधिक टीएसएच अवषोशित करती है इसी तरह हार्मोन अधिक होने पर पिट्यूटरी ग्रंथि को कम टीएसएच अवषोशित करती है। टीएसएच का अत्यधिक स्तर होने का मतलब है की थायराइड ग्रंथि के साथ कोई समस्या है।
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लिपिड प्रोफाइल - लिपिड प्रोफाइल में निम्न टेस्ट आते हैं -
- टोटल कोलेस्ट्रॉल - कोलेस्ट्रॉल एक तरह का वसा है, जिसकी जरूरत शरीर के विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यों के लिए होती है। टोटल कोलेस्ट्रॉल टेस्ट आपके शरीर में दोनों ही अधिक घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉल) और कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल) की जांच करता है।
- ट्राइग्लिसराइड - ट्राइग्लिसराइड रक्त में पाया जाने वाला एक वसा है। आपके ट्राइग्लिसराइड के स्तर जो भोजन आप खाते हैं उससे प्रभावित होते हैं। यदि आप सामान्य से अधिक मात्रा में भोजन खाते हैं तो कैलोरी ट्राइग्लिसराइड में परिवर्तित हो जाएगी। ट्राइग्लिसराइड के अधिक स्तर शरीर के ऊतकों में जमा हो जाते हैं और ये हृदय रोग व रक्त वाहिकाओं के रोगों की आशंका को बढ़ा देते हैं।
- एचडीएल कोलेस्ट्रॉल - डायरेक्ट - एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को "गुड कोलेस्ट्रॉल" माना जाता है, क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल हटा देता है और कोरोनरी हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर देता है।
- एलडीएल कोलेस्ट्रॉल - एलडीएल को बैड कोलेस्ट्रॉल माना जाता है क्योंकि यह धमनियों में कोलेस्ट्रॉल ले जाता है और कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
- वीएलडीएल (वैरी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) - वीएलडीएल कोलेस्ट्रॉल एक तरह का बैड कोलेस्ट्रॉल है। कोलेस्ट्रॉल के अधिक स्तर धमनियों में जमा हो सकते हैं। वीएलडीएल के स्तर अधिक मोटे लोगों में देखे जा सकते हैं और इससे कार्डियोवैस्कुलर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
- कोलेस्ट्रॉल/एचडीएल रेश्यो - कोलेस्ट्रॉल/एचडीएल रेश्यो में टोटल कोलेस्ट्रोल वैल्यू को एचडीएल वैल्यू की तुलना करके मापा जाता है। यह आपके कोरोनरी हार्ट डिजीज और स्ट्रोक होने के खतरे का पता लगाता है।
- एलडीएल/एचडीएल रेश्यो - एलडीएल/एचडीएल रेश्यो आपकी कार्डियोवैस्क्युलर समस्याओं के खतरे के बारे में पता लगा सकता है। यह अनुपात कोलेस्ट्रॉल/एचडीएल रेश्यो के बराबर ही होता है क्योंकि संपूर्ण कोलेस्ट्रॉल का दो तिहाई हिस्सा एलडीएल है और टोटल कोलेस्ट्रॉल व एलडीएल बहुत करीबी से जुड़े हुए हैं।
- क्रिएटिनिन - क्रिएटिनिन एक सामान्य अपशिष्ट पदार्थ है जो कि तब बनता है जब आप अपनी मांसपेशियों का उपयोग करते हैं। यदि आपकी किडनी स्वस्थ हैं तो वे अधिकतर क्रिएटिनिन को निकाल देती हैं। हालांकि अगर आपकी किडनी खराब हैं तो आपके शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर अधिक हो सकते हैं। ऐसे में यह टेस्ट आपकी किडनी की कार्यक्षमता का पता लगाता है।
- प्रोटीन टोटल - यह टेस्ट आपके रक्त में दो प्रोटीन एल्ब्यूमिन और ग्लोब्युलिन के स्तरों की जांच करता है। एल्ब्यूमिन रक्त वाहिकाओं से द्रव के स्त्राव को बचाने में मदद करता है वहीं ग्लोब्युलिन इम्युनिटी बनाए रखने में मदद करता है।
- इलेक्ट्रोलाइट (सोडियम, पोटैशियम और क्लोराइड) - यह टेस्ट आपके शरीर में सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड के स्तरों की जांच करता है। इलेक्ट्रोलाइट वे चार्ज पदार्थ होते हैं जो कि अम्ल और क्षार का संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। सोडियम नसों और मांसपेशियों के ठीक तरह से कार्य करने में मदद करता है। अधिकतर पोटेशियम कोशिकाओं के अंदर पाया जाता है, लेकिन इसकी कुछ मात्रा रक्त में भी संचारित होती है। पोटेशियम आपके हृदय के ठीक तरह से कार्य करने के लिए, नर्व कंडक्शन और मांसपेशियों के सिकुड़ने आदि में मदद करता है। क्लोराइड रक्त वाहिकाओं में द्रवों की आवाजाही में मदद करता है।
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कैल्शियम - कैल्शियम शरीर में फ्री और बाउंड ( एल्ब्यूमिन जैसे प्रोटीन से) दोनों रूपों में पाया जाता है। कैल्शियम टेस्ट आपके रक्त में कैल्शियम के दोनों रूपों की जांच करने के लिए किया जाता है। कैल्शियम हृदय के कार्यों, मांसपेशियों के कार्यों, हड्डियों और दांतों, ब्लड क्लॉटिंग और नसों द्वारा सिग्नल आदि भेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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फॉस्फोरस - फॉस्फोरस एक खनिज है जो कि आपकी हड्डियों और दांतों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है। अध्ययनों के अनुसार यह पता चलता है कि फोस्फरस के कम स्तर से आपके वजन बढ़ने और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। फॉस्फोरस के असामान्य स्तर स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अनियंत्रित डायबिटीज या किडनी के ठीक तरह से कार्य न कर पाने की तरफ संकेत करते है।
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यूरिन रूटीन और माइक्रोस्कोप (आर/एम) - यह एक पूरा यूरिन एनालिसिस है जो कि पेशाब में निम्न की जांच करता है -
- पेशाब का रंग और बदबू। किसी भी रोग की स्थिति से जुड़ी असामान्यता
- यूरिन में रक्त, शुगर और प्रोटीन की मौजूदगी जो कि पेपर स्ट्रिप से देखा जाता है। यह टेस्ट इस बात की भी जांच करता है कि आपके पेशाब में अम्ल की मात्रा कितनी है।
- रक्त कोशिकाओं, सूक्ष्मजीवों और ट्यूमर कोशिकाओं की मौजूदगी की जांच जो कि सूक्ष्मदर्शी में की जाती है।
यूरिक एसिड - यूरिक एसिड प्यूरिन के टूटने से बना एक पदार्थ है। प्यूरिन एक पदार्थ है जो कि मटर, मैकेरल, सूखी फलियों और बियर में पाया। अत्यधिक यूरिक एसिड यूरिन द्वारा निकल जाता है, लेकिन अगर यह रक्त में जमता है तो इससे गाउट और किडनी रोग हो सकते हैं।