एनटी स्कैन गर्भवस्था की पहली तिमाही में 12 हफ्ते के गर्भकाल के दौरान किया जाता है। इस स्कैन से आनुवंशिक रूप से होने वाले खतरे का पता लगाया जा सकता है। अगर आपकी एनटी स्कैन रिपोर्ट में वैल्यू 2.18 है, तो इसका मतलब आपकी रिपोर्ट सामान्य है।
जी नहीं, इस टेस्ट को करवाने के लिए आपको किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है। यह टेस्ट सिर्फ 30 मिनट के अंदर हो जाता है। इस टेस्ट के लिए सबसे पहले महिला को एक मेज पर पीठ के बल या एक करवट लेटने को कहा जा सकता है। पेट पर एक विशेष प्रकार का जेल लगाया जाता है, जिसके बाद अल्ट्रासाउंड डिवाइस को उसके ऊपर घुमाया जाता है और इस स्कैन को किया जाता है। यह स्कैन सुरक्षित है और यह किसी तरह का घातक रेडिशन नहीं छोड़ता है।
एनटी स्कैन एक स्क्रीनिंग (जांच करने वाला) टेस्ट होता है। इस टेस्ट को अक्सर गर्भावस्था के दौरान न्यूकल फोल्ड (Nuchal fold) की मोटाई व इसके अंदर कितना द्रव बना है आदि को देखने के लिए किया जाता है। गर्भ में पल रहे शिशु की गर्दन के पीछे की त्वचा को न्यूकल फोल्ड कहा जाता है। इस टेस्ट की मदद से भ्रूण में डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) जैसे आनुवंशिक विकार होने के खतरे को निर्धारित किया जा सकता है। हालांकि, एनटी स्कैन को शिशु की समस्याओं का पता लगाने वाली किसी निश्चित प्रक्रिया के रूप में उपयोग नहीं किया जाता है।
एनटी स्कैन गर्भवस्था की पहली तिमाही में 12 हफ्ते के गर्भकाल के दौरान किया जाता है। इस स्कैन को आप प्रेगनेंसी के 11 हफ्ते से 14 हफ्तों के बीच में करवा सकती हैं। आप प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले गयनेकोलॉजिस्ट से मिलकर सलाह लें।
एनटी स्कैन की एक्यूरेसी 70 से 75 प्रतिशत सटीक होती है, जबकि 25 से 30 प्रतिशत मामलों में रिपोर्ट सटीक नहीं होती है, जिसका मतलब है कि शिशुओं में कुछ तरह के विकार होने की आशंका होती है।
आप अपनी पत्नी का एनटी स्कैन किसी भी सरकारी अस्पताल या निजी अस्पताल से करवा सकते हैं।
एक एनटी स्कैन में 1000 रुपये से लेकर 3000 हजार रुपये तक का खर्च आ सकता है। अलग-अलग शहरों और वहां के स्वास्थ्य संस्थान में इसका खर्च अलग हो सकता है।
एनटी स्कैन एक उल्ट्रासॉउन्ड की तरह ही है और इसकी रिपोर्ट आपको 24 घंटों के अंदर ही मिल जाती है।