नर्व कंडक्शन वेलोसिटी (एनवीसी) टेस्ट क्या है?

एनसीवी टेस्ट नसों में संवेगों की गति की जांच करता है। इन संवेगों की गति के आधार पर डॉक्टर यह पता लगा लेते हैं, कि नसों में कितनी क्षति हुई है। नसें लम्बे रेशे (फाइबर) की तरह होती हैं जो कि पूरे शरीर में फैली हुई हैं। ये मस्तिष्क से जानकारी को पूरे शरीर तक पहुंचाती हैं। शरीर के ठीक प्रकार से कार्य करने के लिए यह जरूरी है कि नसें ठीक तरह कार्य करें ताकि जो भी जानकारी शरीर में पहुंचाई जाए वो पूरी तरह सही हो। यदि नसों में किसी प्रकार की क्षति होती है, तो उससे उनकी जानकारी पहुंचाने की गति भी प्रभावित हो जाती है। कुछ विकारों के कारण नसों की कार्य प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है जिससे नसों के संदेश पहुंचाने (कंडक्शन) की गति में भी बदलाव आ जाता है।

जैसा कि नसों के द्वारा भेजी जाने वाली जानकारी विद्युत संवेगों से संबंधित होती है, इसलिए इनकी गति का पता लगाने लिए एक विशेष विद्युत उपकरण का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे इलेक्ट्रोड कहा जाता है। ये इलेक्ट्रोड्स त्वचा पर लगाए जाते हैं, जिससे गति का पता लगता है। एक इलेक्ट्रोड का प्रयोग नसों को उत्तेजित करने के लिए और दूसरे इलेक्ट्रोड का उपयोग कंडक्शन की जांच करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट बहुत ही सुरक्षित है और आमतौर पर इसके दौरान कोई भी तकलीफ नहीं होती। यह आमतौर पर इलेक्ट्रोमायोग्राफी टेस्ट के बाद या पहले किया जाता है।

(और पढ़ें - एनीमिया प्रोफाइल टेस्ट)

  1. एनवीसी टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of NCV test in Hindi
  2. एनवीसी टेस्ट से पहले - Before NCV test in Hindi
  3. एनवीसी टेस्ट के दौरान - During NCV test in Hindi
  4. एनवीसी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does NCV test result mean in Hindi?

एनवीसी टेस्ट किसलिए किया जाता है?

मरीज में निम्न लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने को कहते हैं:

  • पैरों में झुनझुनी महसूस होना या पैरों में कमजोरी होना
  • टांगों के निचले भाग या पैर की मांसपेशियों में कमजोरी होना 
  • उंगलियों में दर्द या सुन्न पड़ना
  • तेज दर्द, पैरों से लेकर कूल्हों तक झुनझुनी या सुन्न होने जैसी संवेदना
  • तेज दर्द, गर्दन से लेकर कन्धों तक झुनझुनी या सुन्न होने जैसी संवेदना 
  • शरीर के किसी और भाग में कमजोरी, दर्द, झुनझुनी महसूस होना या सुन्न पड़ जाना
  • ऑटोइम्यून विकार जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं

इसके अलावा डॉक्टर यह टेस्ट किसी अन्य मेडिकल समस्या के साइड इफेक्ट्स का पता लगाने या किसी थेरेपी जैसे कीमोथेरेपी की जांच करने के लिए भी कर सकते हैं।

(और पढ़ें - कमजोरी दूर करने के उपाय)

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एनवीसी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए कोई विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती। यदि आपके शरीर में पेसमेकर जैसा कोई मेडिकल उपकरण लगाया गया है, तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं। यदि आप कोई भी दवा जैसे-ब्लड थिनर या कोई भी सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें। टेस्ट से दो-तीन दिन पहले तक त्वचा पर कोई भी लोशन न लगाएं। टेस्ट के लिए आरामदायक कपड़े पहन कर जाएं ताकि टेस्ट करने में आसानी हो।

(और पढ़ें - एल्युमिनियम ब्लड टेस्ट)

एनसीवी टेस्ट कैसे किया जाता है?

ये टेस्ट एक न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है। इसमें आमतौर पर नीचे दिए गए कदमों का पालन किया जाता है:

  • शरीर से सभी मेटल की चीज़ें जैसे, चश्मा, आभूषण, बालों की क्लिप, सुनने की मशीन को हटा दिया जाता है। 
  • हॉस्पिटल की ड्रैस पहनने को कहा जा सकता है या साधारण कपड़ों में भी टेस्ट किया जा सकता है। 
  • इसके बाद व्यक्ति से लेटने को कहा जाता है और डॉक्टर उस नस को ढूंढते हैं जिस की जांच की जानी है। 
  • जिस जगह से टेस्ट किया जाना है उस जगह की त्वचा पर एक इलेक्ट्रोड लगाया जाता है। एक इलेक्ट्रोड उत्तेजना पैदा करता है दूसरा इलेक्ट्रोड संवहन को रिकॉर्ड करता है। 
  • जो इलेक्ट्रोड रिकॉर्डिंग कर रहा है उसे उत्तेजना पैदा करने वाले इलेक्ट्रोड से एक निश्चित दूरी पर लगाया जाना चाहिए ताकि गति को मापा जा सके।

एक इलेक्ट्रोड से जब नर्व को स्टिमुलेट किया जाएगा तो हो सकता है कि आपको हल्का सा दर्द हो या चुभने जैसी संवेदना हो या छोटा सा झटका लगे, लेकिन ये संवेदना थोड़ी देर में ठीक हो जाती है। इलेक्ट्रोड के द्वारा की जाने वाली रिकॉर्डिंग के रिजल्ट को स्क्रीन पर दिखाया जाएगा और परिणाम उसी के अनुसार दिए जाएंगे।

टेस्ट के दौरान शरीर का तापमान सामान्य बनाए रखना चाहिए, क्योंकि तापमान में बदलाव से परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।

(और पढ़े - लेड ब्लड टेस्ट)

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एनसीवी टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम:

एनसीवी टेस्ट के रिजल्ट आमतौर पर मीटर प्रति सेंकेंड के अनुसार दिए जाते हैं। हर नस की वैल्यू अलग होती है, जो निर्भर करता है कि नस किस जगह पर है। वयस्कों के शरीर में कुछ अंगों की मोटर नर्व की सामान्य वैल्यू नीचे दिए गए टेबल में लिखी गई है। नवजात शिशुओं और तीन से चार साल की उम्र के बच्चों में ये वैल्यू वयस्कों की तुलना में आधी होती है। 

शरीर का अंग 

नर्व 

संवहन की गति 

बाज़ू का अगला हिस्सा 

मीडियन नर्व

48 m/s से अधिक  

 

अलनर नर्व 

48 m/s से अधिक  

 

कॉमन पेरोनियल नर्व 

40 m/s से अधिक  

कलाई 

मीडियन नर्व

4.1 m/s से कम  

 

अलनर नर्व

3.8 m/sसे कम  

 

रेडियल नर्व 

5 m/sसे कम  

आमतौर पर पैरों में मोटर नर्व के लिए सामान्य वैल्यू 40 m/s से अधिक ही होती है। पूरे शरीर में सेंसरी नर्व की वैल्यू मोटर नर्व से 10 m/s तेज होती है। सामान्य वैल्यू हर लेबोरेटरी की अलग हो सकती है। परिणाम के बारे में सही जानकारी के लिए रिपोर्ट्स डॉक्टर को दिखाएं। 

असामान्य परिणाम:
यदि वैल्यू सामान्य रेंज से अलग होती है तो परिणाम असामान्य माने जाते हैं। यदि नसों के ऊपर फैटी इंसुलेशन के कारण नसों की ऊपरी परत क्षतिग्रस्त हो जाती है या नस का एक सिरा नष्ट (एक्सोनल लॉस) हो जाता है, तो परिणाम असामान्य आते हैं। नीचे दी गई टेबल में असामान्य परिणामों के कुछ उदाहरणों के बारे में बताया गया है:

स्थिति

शरीर का अंग

संवहन की गति 

डीमायलीनेशन 

बाजू

40 m/s से कम

 

टांग

30 m/s से कम 

एक्सोनल लॉस 

बाजू

40-50 m/s

 

टांग

30-40 m/s

 

डॉक्टर आपको परिणामों के बारे में स्थितियों के आधार पर विस्तृत जानकारी देंगे। कुछ स्थितियां किस प्रकार परिणामों को प्रभावित कर सकती हैं इसकी जानकरी भी डॉक्टर आपको देंगे। कुछ विकार जो असामान्य परिणामों से जुड़े हो सकते हैं, वे निम्न हैं:

(और पढ़ें - किडनी फेल होने की होम्योपैथिक दवा)

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center. [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Nerve Conduction Velocity
  2. Gerard J. Tortora, Bryan Derrickson. [Iink] 14th ed. U.S: Wiley Publication; 2014. Chapter 28, Page no. 400-405
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