मोनो (मोनोन्यूक्लिओसिस) स्पॉट टेस्ट क्या है?
मोनोस्पॉट या मोनोन्यूक्लिओसिस स्पॉट टेस्ट का उपयोग मुख्य रूप से मोनोन्यूक्लिओसिस की जांच करने के लिए किया जाता है। मोनोन्यूक्लिओसिस अत्यधिक तेजी से फैलने वाला एक गंभीर संक्रमण है जो कि एपस्टीन-बार वायरस (ईबीवी) के कारण होता है।
यह वायरस संक्रमित व्यक्ति की लार में होता है और सीधे संपर्क से स्वस्थ व्यक्ति में फैलता है जैसे चुंबन से या एक ही बर्तन प्रयोग करने से। जब यह वायरस किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में चला जाता है तो उसके बाद चार से छह हफ्तों के बीच इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसके लक्षण आमतौर पर एक या दो महीनों के बीच ठीक हो जाते हैं, हालांकि कई मामलों में इसके लक्षण कुछ हफ्तों तक भी देखे जा सकते हैं।
संक्रमित व्यक्ति का शरीर इस संक्रमण से लड़ने के लिए हेट्रोफिल एंटीबॉडीज बनाने लगता है। मोनोस्पॉट टेस्ट की मदद से आपके ब्ल़ड सैंपल में इन एंटीबॉडीज का पता लगाने की कोशिश की जाती है।
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