फाइलेरिया के ट्रीटमेंट के लिए आप डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें। इसे ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन दवा की मदद से इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
फाइलेरिया के इलाज के लिए आप किसी भी सामान्य चिकित्सक से मिलें। इसे ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन दवा की मदद से इसे कंट्रोल कर सकते हैं। फाइलेरिया का इलाज लंबे समय तक चलता है। इसलिए इसमें धैर्य रखने की बहुत जरूरत होती है।
लसीका फाइलेरिया का कारण बनने वाली प्रजातियों में माइक्रोफाइलेरियल लेवल होते हैं, जो रात के समय अपनी चरम सीमा पर होते हैं। इसलिए डॉक्टर रात को 10:00 से देर रात 2:00 बजे के बीच इस टेस्ट के लिए सैंपल लेने के लिए कहते हैं।
यह बीमारी लसीका फाइलेरियासिस के हिस्सों में मच्छरों के काटने की वजह से होती है। मच्छरों की एक विस्तृत श्रृंखला इस परजीवी को संचारित कर सकती है, जो भौगोलिक क्षेत्र पर निर्भर है। अफ्रीका में इसके लिए एमोफेलिस मुख्य वेक्टर है, जबकि अमेरिका में यह क्यूलेक्स क्विन्कफैसिआटस नाम से जाना जाता है, जबकि प्रशांत और एशिया में यह संक्रमण एडीज और मैनसोनिया इस बीमारी के वाहक हैं।
आप माइक्रो फाइलेरिया टेस्ट को myUpchar लैब से करवा सकते हैं। myUpchar लैब से यह टेस्ट करवाने पर आपको डिस्काउंट भी मिलेगा।
माइक्रो फाइलेरिया टेस्ट की रिपोर्ट 24 घंटों के अंदर ही मिल जाती है।
माइक्रो फाइलेरिया टेस्ट का खर्च 200 से 300 रुपये तक होता है। दूसरे लैब और अलग-अलग शहरों में इसका खर्च अलग-अलग हो सकता है।